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अविश्वासी रिश्तेदारों के दिल तक पहुँचनाप्रहरीदुर्ग—2014 | मार्च 15
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पहली सदी में, अन्द्रियास उन लोगों में से एक था, जिन्होंने सबसे पहले यीशु को मसीहा के तौर पर पहचाना था। और उसने सबसे पहले यह बात किसको जाकर बतायी? “अन्द्रियास सबसे पहले अपने सगे भाई शमौन से मिला और उससे कहा: ‘हमें मसीहा मिल गया है।’” अन्द्रियास शमौन पतरस को यीशु के पास ले गया, और इस तरह उसने पतरस को यीशु का एक चेला बनने का मौका दिया।—यूह. 1:35-42.
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अविश्वासी रिश्तेदारों के दिल तक पहुँचनाप्रहरीदुर्ग—2014 | मार्च 15
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जिस तरह अन्द्रियास और कुरनेलियुस अपने रिश्तेदारों के साथ पेश आए, उससे हम क्या सीख सकते हैं?
अन्द्रियास और पतरस ने बातें संयोग पर नहीं छोड़ीं, कि जब भी उनके रिश्तेदारों को सच्चाई में आना होगा वे आ जाएँगे। इसके बजाय उन दोनों ने खुद पहल की। अन्द्रियास ने खुद पतरस को यीशु से मिलवाया और कुरनेलियुस ने इंतज़ाम किया ताकि उसके रिश्तेदार पतरस की बातें सुन सकें। लेकिन अन्द्रियास और कुरनेलियुस ने अपने रिश्तेदारों पर कोई दबाव नहीं डाला, न ही उन्हें चालाकी से यीशु के चेले बनने के लिए फुसलाया। क्या आपको इससे कोई सीख मिलती है? जी हाँ, हमें भी उनकी मिसाल पर चलना चाहिए। हम अपने रिश्तेदारों को बाइबल की कुछ बातें बताते रहने की कोशिश कर सकते हैं और कुछ मौके बना सकते हैं, ताकि वे बाइबल सच्चाइयों और हमारे मसीही भाई-बहनों के संपर्क में आ सकें। लेकिन हम जानते हैं कि उन्हें चुनाव करने का अधिकार है और इसलिए हम कभी भी उन पर कोई दबाव नहीं डालना चाहते। हम अपने रिश्तेदारों की मदद कैसे कर सकते हैं, इसे समझने के लिए यूरगन और उसकी पत्नी पेट्रा की मिसाल पर गौर कीजिए, जो जर्मनी में रहते हैं।
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