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“मैं कैसर की दोहाई देता हूं”!प्रहरीदुर्ग—2001 | दिसंबर 15
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महायाजक हनन्याह, यहूदी पुरनियों और तिरतुल्लुस ने फेलिक्स के सामने पौलुस पर यह इलज़ाम लगाया कि वह “उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा करानेवाला” है। उन्होंने दावा किया कि वह “नासरियों के कुपन्थ” का सरदार है और उसने मंदिर को अशुद्ध करने की कोशिश की है।—प्रेरितों 24:1-6.
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“मैं कैसर की दोहाई देता हूं”!प्रहरीदुर्ग—2001 | दिसंबर 15
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महायाजक हनन्याह, यहूदी पुरनियों और तिरतुल्लुस ने फेलिक्स के सामने पौलुस पर यह इलज़ाम लगाया कि वह “उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा करानेवाला” है। उन्होंने दावा किया कि वह “नासरियों के कुपन्थ” का सरदार है और उसने मंदिर को अशुद्ध करने की कोशिश की है।—प्रेरितों 24:1-6.
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“मैं कैसर की दोहाई देता हूं”!प्रहरीदुर्ग—2001 | दिसंबर 15
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यहूदियों ने दलील दी कि पौलुस जो सिखा रहा था वह न तो यहूदी-धर्म है और ना ही रोमी कानून के मुताबिक मान्यता-प्राप्त धर्म (रेलिजिओ लिकिटा) है। इसलिए वे इस नतीजे पर पहुँचे कि वह जो भी शिक्षा दे रहा है, उसे गैरकानूनी ही नहीं बल्कि क्रांतिकारी करार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पौलुस, “उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा करानेवाला” है। (प्रेरितों 24:5) सम्राट क्लौदियुस ने हाल ही में सिकन्दरिया के यहूदियों को खुलेआम “दुनिया भर में विद्रोह भड़काने” के लिए दोषी ठहराया था। और गौर करने लायक बात यह है कि पौलुस पर भी कुछ ऐसा ही इलज़ाम लगाया गया था। इतिहासकार ए. एन. शरवन-वाइट कहते हैं: “क्लौदियुस के शासन के दौरान या नीरो के शुरूआती सालों में, एक यहूदी को सज़ा दिलवाने के लिए उस पर विद्रोह करने का आरोप लगाना ही काफी था। यहूदी, गवर्नर को इस नतीजे पर लाने की कोशिश कर रहे थे कि पौलुस का प्रचार करना, साम्राज्य की पूरी यहूदी आबादी में खलबली मचाने के बराबर है। वे अच्छी तरह जानते थे कि गवर्नर सिर्फ धर्म से जुड़े इलज़ामों के आधार पर किसी को सज़ा नहीं देना चाहते, इसलिए उन्होंने धर्म की वजह से लगाए गए इलज़ामों को राजनीतिक समस्या के रूप में पेश करने की कोशिश की।”
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