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परमेश्वर किस तरह की उपासना स्वीकार करता है?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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2. हमें यहोवा की उपासना किस तरह करनी चाहिए?
यहोवा हमारा बनानेवाला है, इसलिए सिर्फ वही हमारी भक्ति का हकदार है। (प्रकाशितवाक्य 4:11) इसका मतलब, हमें पूरे दिल से उससे प्यार करना चाहिए और सिर्फ उसकी उपासना करनी चाहिए। यहोवा नहीं चाहता कि हम किसी मूरत या तसवीर का सहारा लेकर उसकी उपासना करें।—यशायाह 42:8 पढ़िए।
हमारी उपासना ‘पवित्र और परमेश्वर को भानेवाली’ होनी चाहिए। (रोमियों 12:1) इसका मतलब, हम सही-गलत के बारे में परमेश्वर के स्तर मानते हैं। मिसाल के लिए, हम शादी के बारे में यहोवा के स्तर खुशी-खुशी मानते हैं क्योंकि हमें यहोवा से प्यार है। इसके अलावा, हम ऐसे कामों से दूर रहते हैं जो यहोवा को पसंद नहीं है और जिससे हमें नुकसान पहुँचता है। जैसे तंबाकू, गुटखा या पान-सुपारी खाना, ड्रग्स लेना, बहुत ज़्यादा शराब पीना या किसी और तरह का नशा करना।a
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जीवन परमेश्वर की देन है, इसकी कदर कीजिएखुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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3. अपनी सेहत का ध्यान रखिए
ज़िंदगी के हर पहलू में हम मसीही यहोवा को खुश करना चाहते हैं। इस वजह से हमने अपनी पूरी ज़िंदगी यहोवा को समर्पित की है। हमने अपना शरीर मानो बलिदान के तौर पर यहोवा को अर्पित किया है, इसलिए हमें इसका खयाल रखना चाहिए। रोमियों 12:1, 2 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
क्या बात आपको उभारेगी कि आप अपनी सेहत का अच्छा ध्यान रखें?
आप किन तरीकों से ऐसा कर सकते हैं?
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