कठिन आर्थिक समयों में अविवाहित रहना
“जब मैं २५ साल का था तब मैं विवाह करना चाहता था,” पश्चिम अफ्रीका में रहनेवाले चूक्स् ने कहा। “मेरे मन में एक लड़की थी, और वह मुझे पसन्द करती थी। लेकिन समस्या थी पैसा। मेरे पिता और मेरा बड़ा भाई बेरोज़गार थे, और मेरे छोटे भाई-बहन स्कूल में थे। परिवार को संभालने के लिए सभी मुझ पर निर्भर थे। उसके बाद, स्थिति को बदतर बनाने के लिए, मेरे माता-पिता बीमार हो गए, और इसका अर्थ था चिकित्सीय ख़र्च के लिए अतिरिक्त पैसे ढूँढना।”
यहोवा का एक साक्षी, चूक्स्, पत्नी को संभालने में समर्थ हुए बिना विवाह नहीं करना चाहता था। उसने १ तीमुथियुस ५:८ में दिए गए पौलुस के शब्दों को ध्यान में रखा: “यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है।”
“मैं ने बहुत परिश्रम किया,” चूक्स् आगे कहता है, “लेकिन पैसे कभी पर्याप्त नहीं थे। इसके परिणामस्वरूप, हमें अपनी विवाह योजनाओं को बार-बार स्थगित करना पड़ा। आख़िरकार मुझे उस लड़की से एक ख़त मिला जिसमें लिखा था कि किसी और व्यक्ति ने उसके पिता से उसका हाथ माँगा था। उसका पिता राज़ी हो गया। उसका ख़त मिलने के कुछ ही दिन बाद, उनके परिवार में सगाई की पार्टी रखी गयी।”
चूक्स् की तरह, अनेक मसीही पुरुषों ने बुरी आर्थिक परिस्थितियों की वजह से अपनी विवाह योजनाओं को बरबाद होते या स्थगित होते देखा है। अनेक देशों में अति-मुद्रास्फीति है। उदाहरण के लिए, एक मध्य अफ्रीकी देश में, मूल्य एक साल में ८,३१९ प्रतिशत बढ़ गए! कुछ देशों में नौकरी पाना कठिन है। अकसर, वेतन भी इतना कम होता है कि एक व्यक्ति को पत्नी और बच्चों को तो क्या, ख़ुद को संभालना कठिन होता है। नाइजीरिया का एक युवा व्यक्ति दु:खी होकर कहता है कि एक फैक्ट्री में जो पूर्ण-समय का काम उसे दिया गया वह केवल $१७ प्रति मास देता था—कार्य-स्थल से आने-जाने के मासिक बस-भाड़े से कम!
अनेक अविवाहित मसीही स्त्रियाँ भी पा रही हैं कि आर्थिक कठिनाइयाँ उनकी विवाह योजनाओं को विफल कर रही हैं। अकसर उन्हें परिवार के सदस्यों को संभालने के लिए काम करना पड़ता है। स्थिति को देखते हुए, कुछ अविवाहित पुरुष विवाह से हिचकिचाते हैं, यह समझते हुए कि ऐसी परिस्थितियों में विवाह करनेवाले पुरुष को न केवल एक पत्नी बल्कि उसके परिवार को भी संभालने के लिए पर्याप्त कमाना होगा। एक विश्वविद्यालय स्नातक, आयो अपने आपको, अपनी माँ, और अपने छोटे भाई-बहनों को संभालने के लिए संघर्ष करती है। “मैं विवाह करना चाहती हूँ,” वह दु:खी होकर कहती है, “लेकिन जब दूसरे आकर मेरी आर्थिक ज़िम्मेदारियों को देखते हैं, तो वे भाग खड़े होते हैं।”
आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, अनेक अविवाहित मसीही अपने आपको रिश्तेदारों और अन्य लोगों द्वारा विवाह करने और बच्चे पैदा करने के दबाव में पाते हैं। कभी-कभी यह दबाव उपहास का रूप ले लेता है। उदाहरण के लिए, अफ्रीका के भागों में, एक वयस्क को अभिवादन करते वक़्त उससे उसके विवाह-साथी और बच्चों की ख़ैरियत पूछना रिवाज़ी है। कभी-कभी, ऐसे अभिवादनों को अविवाहित व्यक्तियों की खिल्ली उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जॉन, जो अब अपने चालीसवें दशक के अन्त में है, कहता है: “जब लोग मुझे चिढ़ाते हैं और कहते हैं, ‘तुम्हारी पत्नी कैसी है?,’ तो मैं जवाब देता हूँ, ‘वह आ रही है।’ सच्चाई यह है, मैं विवाह कैसे कर सकता हूँ यदि मैं पत्नी को संभाल नहीं सकता?”
जॉन और उसके जैसे अनगिनत लोगों के लिए, स्थिति का सार एक योरूबा कहावत देती है: “जल्दी से विवाह कर लेना कोई बड़ी बात नहीं है; परेशानी है आटे-दाल का भाव।”
अपनी स्थिति का सर्वोत्तम इस्तेमाल कीजिए
जब हम किसी वस्तु की लालसा करते हैं जो हमें मिलती नहीं, तब दुःखी होना कितना आसान है। नीतिवचन १३:१२ (NHT) कहता है: “आशा में विलम्ब, हृदय को उदास करता है।” आप शायद ऐसा ही महसूस करते हों यदि आप विवाह करने की लालसा करते हैं लेकिन आर्थिक रूप से ऐसा करने में समर्थ नहीं हैं। यह विशेषकर सही हो सकता है यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें प्रेरित पौलुस ने ‘कामातुर’ वर्णित किया।—१ कुरिन्थियों ७:९.
समस्याओं से निपटना शायद आसान न हो, लेकिन ऐसी बातें हैं जो आप धीरज धरने और यहाँ तक कि अपनी स्थिति में आनन्द पाने के लिए कर सकते हैं। यीशु मसीह, एक अविवाहित पुरुष, ने एक ऐसा व्यावहारिक बाइबल सिद्धान्त रखा जो आशा में विलम्ब होने से परिणित निराशा को पार करने में आपकी मदद कर सकता है। उसने कहा: “लेने से देना धन्य है।”—प्रेरितों २०:३५.
अपने परिवार और कलीसिया में अन्य लोगों के लिए अच्छे कार्य करने के द्वारा आप इस पर अमल कर सकते हैं। शायद आप मसीही सेवकाई में भी अपनी गतिविधि बढ़ा सकते हैं। यदि आप पूरी तरह से अपने आपको निःस्वार्थ रूप से देने में लगाए रहते हैं, तो आप शायद पाएँगे कि आप “अपने मन में दृढ़” बनते और “अपनी इच्छा पर पूर्ण अधिकार” प्राप्त करते हैं।—१ कुरिन्थियों ७:३७, NHT फुटनोट।
एक और अविवाहित पुरुष, प्रेरित पौलुस ने यह सहायक सलाह लिखी: “ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों कि नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।” (इफिसियों ५:१५, १६) अनेक अविवाहित मसीहियों ने प्रार्थना, परमेश्वर के वचन के अध्ययन, और मसीही सभाओं में हिस्सा लेने के ज़रिए यहोवा के और निकट आने के लिए अपना समय इस्तेमाल करने के द्वारा “अपने मन में विश्राम” पाया है। (मत्ती ११:२८-३०) यदि आप ऐसा करेंगे, तो आप एक कठिन आर्थिक स्थिति का ज़्यादा सफलतापूर्वक सामना करने में समर्थ होंगे। यह और अधिक आध्यात्मिकता प्रकट करने में भी आपकी मदद करेगा, जिससे यदि आप अंततः विवाह करते हैं तो आप एक बेहतर पति या पत्नी बन सकेंगे।
कभी मत भूलिए कि यहोवा उन सब लोगों की परवाह करता है जो उसकी सेवा करते हैं। आप जिन समस्याओं और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनसे वह अवगत है। हमारा प्रेममय स्वर्गीय पिता यह भी जानता है कि आगे चलकर आपके लिए, दोनों, आध्यात्मिक और भावात्मक रूप से सर्वोत्तम क्या है। यदि आप धैर्यपूर्वक अपने दैनिक जीवन में उसके वचन के सिद्धान्तों को लागू करते हैं, तो आप निश्चित हो सकते हैं कि वह अपने नियत समय पर राहत लाएगा और आपकी ज़रूरतों और इच्छाओं को उस तरीक़े से संतुष्ट करेगा जो आपकी अनन्त भलाई के लिए होगा। बाइबल आश्वस्त करती है: “जो लोग खरी चाल चलते हैं, उन से [यहोवा] कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा।”—भजन ८४:११.
सकारात्मक पहलू को देखिए
यह भी मन में रखिए कि अविवाहित होने के सुनिश्चित फ़ायदे हैं। प्रेरित पौलुस ने लिखा: “वह भी जो अपना कुँवारापन विवाह में देता है अच्छा करता है, लेकिन वह जो इसे विवाह में नहीं देता और भी अच्छा करता है।”—१ कुरिन्थियों ७:३८, NW.
अविवाहित रहना विवाह करने से “और भी अच्छा” क्यों है? पौलुस ने समझाया: “अविवाहित पुरुष प्रभु की बातों की चिन्ता करता है कि वह प्रभु को कैसे प्रसन्न करे, पर विवाहित पुरुष सांसारिक बातों की चिन्ता करता है कि अपनी पत्नी को कैसे प्रसन्न करे, और उसका ध्यान बंट जाता है। और जो अविवाहित या कुंवारी है, उसे प्रभु की बातों की चिन्ता रहती है, कि वह देह और आत्मा दोनों में पवित्र हो; परन्तु जो विवाहिता है उसको सांसारिक बातों की चिन्ता रहती है, कि अपने पति को कैसे प्रसन्न रखे।”—१ कुरिन्थियों ७:३२-३४, NHT.
दूसरे शब्दों में, विवाहित मसीही उचित रूप से अपने साथी की ज़रूरत, उसकी पसन्द-नापसन्द के बारे में चिन्तित रहते हैं। लेकिन अविवाहित मसीही यहोवा की सेवा पर ज़्यादा एकाग्रता से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। जो विवाहित हैं उनकी तुलना में, अविवाहित मसीही ‘एक चित्त होकर प्रभु की सेवा में लगे रहने’ की बेहतर स्थिति में हैं।—१ कुरिन्थियों ७:३५.
पौलुस यह नहीं कह रहा है कि अविवाहित मसीही के लिए कोई विकर्षण नहीं हैं। यदि आप आर्थिक समस्याओं के बोझ तले दबे हुए हैं, तो आप शायद महसूस करें कि अनेक बातें हैं जो आपको आपकी सेवकाई से विकर्षित करने का ख़तरा पैदा करती हैं। अलबत्ता, परमेश्वर की सेवा करने की व्यक्तिगत स्वतंत्रता साधारणतया विवाहित जनों की तुलना में अविवाहित पुरुष या स्त्री के पास ज़्यादा है।
जबकि बेहतर मार्ग के तौर पर प्रेरित पौलुस अविवाहित रहने की सिफ़ारिश कर रहा था, उसने यह नहीं कहा कि विवाह करना ग़लत है। उसने लिखा: “परन्तु यदि तू ब्याह भी करे, तो पाप नहीं।” फिर भी उसने चेतावनी दी: “ऐसों [विवाह करनेवालों] को शारीरिक दुख होगा।”—१ कुरिन्थियों ७:२८.
ऐसा कहने का उसका तात्पर्य क्या था? विवाह कुछ चिन्ताओं को लाता है। कठिन आर्थिक समयों में, ऐसे दुःख में शायद अपनी पत्नी और बच्चों के लिए प्रबन्ध करने की पिता की चिन्ता सम्मिलित हो। बीमारी भी परिवार में अतिरिक्त आर्थिक और भावात्मक बोझ ला सकती है।
सो जबकि आपकी स्थिति शायद वैसी नहीं हो जैसी आप पसन्द करते, फिर भी यदि आप विवाहित होते और आप पर बच्चों के लिए प्रबन्ध करने की ज़िम्मेदारी होती, तो ऐसी स्थिति से आप शायद अब एक बेहतर स्थिति में हैं। जिन कठिनाइयों का आप अभी सामना कर रहे हैं, वे अस्थायी हैं; वे परमेश्वर की नयी व्यवस्था में—और कुछ कठिनाइयाँ शायद और भी जल्दी—हटा दी जाएँगी।—भजन १४५:१६ से तुलना कीजिए।
क्या आप अपनी सेवकाई को बढ़ा सकते हैं?
जबकि सभी लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं, कुछ लोग आर्थिक समस्याओं के बावजूद पूर्ण-समय सेवा में प्रवेश करने में समर्थ हुए हैं। चूक्स्, जिसका ज़िक्र पहले किया गया है, अपने परिवार को संभालने के लिए लेखन-सामग्री का क्रय-विक्रय करता था। लगभग उसी समय जब उसकी विवाह योजना असफल हुई, उसे एक ख़त मिला जिसमें उसे वॉच टावर संस्था के स्थानीय शाखा दफ़्तर में अल्पकालिक निर्माण कार्य के लिए आमंत्रित किया गया था। पैसे के बारे में चिन्तित, उसके बड़े भाई ने उसे जाने से निरुत्साहित किया। लेकिन, चूक्स् ने तर्क किया कि यहोवा ने उसे अपने लेखन-सामग्री व्यवसाय को स्थापित करने में मदद दी थी, सो उसे राज्य हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और प्रबन्ध करने की परमेश्वर की क्षमता पर भरोसा करना चाहिए। (मत्ती ६:२५-३४) इसके अलावा, उसने सोचा, यह काम तो केवल तीन-महीने की अवधि के लिए है।
चूक्स् ने आमंत्रण स्वीकार किया और व्यवसाय अपने भाई को दे दिया। छः साल बाद, चूक्स् पूर्ण-समय सेवा में ही है, मसीही कलीसिया में एक प्राचीन है, और विवाह करने के लिए आर्थिक रूप से तैयार है। उसके जीवन में जो कुछ हुआ, क्या वह उससे पछताता है? चूक्स् कहता है: “मुझे बुरा लगा जब मैं उस समय विवाह नहीं कर सका जब मैं चाहता था, लेकिन जो हुआ वह मेरे भले के लिए हुआ। मुझे सेवा में अनेक आनन्द और विशेषाधिकारों का अनुभव हुआ है जिनका आनन्द मैं शायद नहीं उठा पाता यदि मैं उस वक़्त विवाह कर लेता और एक परिवार बसा लेता।”
भविष्य के लिए सुरक्षा
कठिन समयों में अनेक लोग भविष्य की आर्थिक कठिनाइयों से एक बचाव के रूप में विवाह की सुरक्षा का आश्रय लेते हैं। ऋण के बोझ तले दबे कुछ देश, वृद्धों को थोड़ी या कुछ भी सहायता नहीं देते। इसलिए माता-पिता प्राय: बुढ़ापे में उन्हें संभालने के लिए अपने परिवारों पर, और विशेषकर अपने बच्चों पर निर्भर रहते हैं। परिणामस्वरूप, अविवाहित पुरुषों और स्त्रियों पर विवाह करने और बच्चे पैदा करने के लिए अकसर दबाव डाला जाता है, तब भी जब उनकी आर्थिक स्थिति अनिश्चित होती है।
लेकिन विवाह और जनन सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। कुछ सांसारिक बच्चे वृद्ध माता-पिताओं की देखभाल करने के लिए अनिच्छुक हैं, अन्य असमर्थ हैं, लेकिन और भी अन्य बच्चे अपने माता-पिताओं से पहले गुज़र जाते हैं। परमेश्वर की प्रतिज्ञा को ध्यान में रखते हुए, मसीही लोग सुरक्षा के लिए मुख्यतः कहीं और देखते हैं: “मैं तुझे कभी न छोड़ूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।”—इब्रानियों १३:५.
जिन्होंने यहोवा की सेवा पूर्ण-समय करने के लिए विवाह को स्थगित किया है, वे त्यागे नहीं गए हैं। क्रिसीयाना अविवाहित है और ३२ साल की है। उसने नाइजीरिया में पिछले नौ साल से नियमित पायनियर के रूप में सेवा की है। वह कहती है: “मैं ने अपना भरोसा यहोवा पर डाला, जो हमें आश्वस्त करता है कि वह अपने सेवकों को कभी नहीं त्यागेगा। उसकी प्रतिज्ञा मेरा विश्वास है। यहोवा दोनों, आध्यात्मिक और भौतिक रूप से मेरी देखभाल करता है। वह एक उदार पिता साबित हुआ है। उदाहरण के लिए, मैं ने पायनियर कार्य करने के लिए एक ऐसी जगह में स्थानांतरण किया जहाँ साक्षियों की ज़्यादा ज़रूरत है। हालाँकि वहाँ कम सुविधाएँ हैं, मैं ने काम चलाना सीख लिया है। जब मैं तंद्रिक ज्वर की वजह से अस्पताल में भर्ती हुई, मेरी पिछली कलीसिया के भाई मेरी सहायता करने के लिए आए।
“मैं पूर्ण-समय सेवा से बहुत संतुष्ट हूँ। मैं विश्व के सृष्टिकर्ता के साथ और संसार-भर के अनेक भाई-बहनों के साथ कार्य करने को एक बड़े विशेषाधिकार के रूप में देखती हूँ। मैं अनेक युवा लोगों को देखती हूँ जो अपने चारों तरफ़ होनेवाली बातों के कारण कुण्ठित और आशाहीन हैं। लेकिन जहाँ तक मेरा सवाल है, मेरा जीवन अर्थपूर्ण है; मैं भविष्य की ओर विश्वास के साथ देखती हूँ। मैं जानती हूँ कि यहोवा के निकट होना उन समस्याओं का सर्वोत्तम हल है जिनका आज हम सामना करते हैं।”
यदि आप विवाह करने की लालसा करते हैं लेकिन आर्थिक कठिनाइयों की वजह से असमर्थ हैं, तो निरुत्साहित मत होइए! आप अकेले नहीं हैं। अनेक लोग हैं जो यहोवा की सहायता से समान परीक्षाओं को सह रहे हैं। दूसरों के लिए अच्छे कार्य करने में अपने आपको लगाने के द्वारा और अपनी आध्यात्मिकता को बेहतर बनाने के द्वारा अपनी स्थिति का सर्वोत्तम इस्तेमाल कीजिए। परमेश्वर के निकट आइए; वह आपकी मदद करेगा क्योंकि उसको वास्तव में आपका ध्यान है।—१ पतरस ५:७.