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क्या आपका काम आग में भी टिका रहेगा?प्रहरीदुर्ग—1998 | नवंबर 1
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१३. पौलुस के दृष्टांत में आग का क्या मतलब है और सब मसीहियों को क्या पता होना चाहिए?
१३ हम सब जीवन में एक आग से गुज़रते हैं, वह है हमारे विश्वास की परीक्षाएँ। (यूहन्ना १५:२०; याकूब १:२, ३) कुरिन्थ के मसीहियों को और उसी तरह आज हमें यह पता होना चाहिए कि ऐसे हर व्यक्ति की परीक्षा होगी जिसे हम सच्चाई सिखाते हैं। अगर हम घटिया तरीके से सिखाएँगे तो उसके नतीजे बहुत बुरे हो सकते हैं। पौलुस ने चिताया: “जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा। और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो वह हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।”c—१ कुरिन्थियों ३:१४, १५.
१४. (क) मसीही चेले बनानेवाला व्यक्ति शायद क्या “हानि उठाएगा,” पर फिर भी वह कैसे जलते जलते बच जाएगा? (ख) हम हानि उठाने का खतरा कैसे कम कर सकते हैं?
१४ कितनी ज़बरदस्त और गंभीर बात है! किसी व्यक्ति को एक चेला बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के बाद उसे प्रलोभन या सताहट की वज़ह से गिरता हुआ देखना और सच्चाई के मार्ग को छोड़कर जाते हुए देखना बहुत दर्दनाक हो सकता है। पौलुस भी इस दर्द को समझता था इसलिए उसने कहा कि हम ऐसे मामलों में हानि उठाते हैं। यह अनुभव इतना दर्दनाक हो सकता है मानो हमारा बचाव “जलते जलते” हुआ हो, यह उस आदमी की तरह होगा जिसने आग में सबकुछ खो दिया और वह खुद बड़ी मुश्किल से बच पाया। हम अपनी तरफ से यह हानि उठाने का खतरा कैसे कम कर सकते हैं? टिकाऊ चीज़ों से निर्माण कीजिए! अगर हम अपने विद्यार्थियों को सिखाते वक्त उनके दिल तक पहुँचते हैं, और बुद्धि, समझ, यहोवा का भय और सच्चे विश्वास जैसे कीमती मसीही गुणों के लिए उनकी कदरदानी बढ़ाते हैं, तो हम मज़बूत और आग में टिकी रहनेवाली चीज़ों से निर्माण कर रहे होंगे। (भजन १९:९, १०; नीतिवचन ३:१३-१५; १ पतरस १:६, ७) जो इन गुणों को हासिल करते हैं वे परमेश्वर की इच्छा पर चलते रहेंगे; और सदा तक जीवित रहने की उनकी आशा पक्की है। (१ यूहन्ना २:१७) मगर हम अपनी ज़िंदगी में पौलुस के दृष्टांत का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? कुछ मिसालों पर गौर कीजिए।
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क्या आपका काम आग में भी टिका रहेगा?प्रहरीदुर्ग—1998 | नवंबर 1
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c पौलुस बनानेवाले के बचने पर नहीं बल्कि उसके “काम” के बचे रहने पर सवाल उठा रहा था। द न्यू इंग्लिश बाइबल इस आयत का अनुवाद यूँ करती है: “अगर एक मनुष्य की इमारत टिकी रहती है, तो उसे इनाम दिया जाएगा; अगर वह जल जाती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा; उसकी जान तो बच जाएगी मगर मानो आग में जलते-जलते।”
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