पाठ 27
यीशु ने अपनी जान देकर हमें कैसे बचाया?
जैसा हमने पिछले पाठ में जाना, हम इसलिए पाप करते हैं, दुख सहते हैं और मरते हैं, क्योंकि आदम और हव्वा ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।a तो क्या हमारे लिए कोई उम्मीद नहीं? ऐसी बात नहीं है। यहोवा ने हमारे लिए एक रास्ता निकाला है। उसने अपने बेटे यीशु मसीह को धरती पर भेजा ताकि वह हमें पाप और मौत से छुटकारा दिला सके। बाइबल में बताया गया है कि यीशु ने अपनी जान देकर हमारे लिए फिरौती दी। फिरौती वह कीमत होती है जो किसी को छुड़ाने के लिए दी जाती है। यीशु ने फिरौती की कीमत चुकाने के लिए अपना परिपूर्ण जीवन दिया। (मत्ती 20:28 पढ़िए।) यीशु को धरती पर हमेशा तक जीने का हक था क्योंकि वह परिपूर्ण था। लेकिन उसने खुशी-खुशी यह हक त्याग दिया ताकि हमें वह सब वापस मिल सके जो आदम और हव्वा ने खोया था। अपना जीवन देकर यीशु ने यह भी दिखाया कि वह और यहोवा हमसे कितना प्यार करते हैं। इस पाठ में हम जो सीखेंगे, उससे यीशु के बलिदान के लिए हमारी कदर और बढ़ेगी।
1. यीशु के बलिदान से आज हमें क्या फायदा होता है?
हम अपरिपूर्ण हैं इसलिए कई बार गलतियाँ करते हैं और यहोवा को दुख पहुँचाते हैं। पर क्या हम यहोवा के साथ अपना रिश्ता दोबारा अच्छा कर सकते हैं? जी हाँ। बाइबल में लिखा है, “मसीह . . . हमारे पापों के लिए एक ही बार हमेशा के लिए मरा। वह नेक होते हुए भी पापियों के लिए मरा ताकि तुम्हें परमेश्वर के पास ले जाए।” (1 पतरस 3:18) अगर हम यहोवा के साथ अपना रिश्ता ठीक करना चाहते हैं, तो हमें अपनी गलती पर सच्चा पछतावा होना चाहिए, यीशु मसीह के नाम से यहोवा से माफी माँगनी चाहिए और ठान लेना चाहिए कि हम दोबारा वह गलती नहीं करेंगे।—1 यूहन्ना 2:1.
2. यीशु के बलिदान से हमें भविष्य में क्या फायदा होगा?
यहोवा ने यीशु को अपना परिपूर्ण जीवन देने के लिए भेजा “ताकि जो कोई [यीशु] पर विश्वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” (यूहन्ना 3:16) यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा जल्द ही उन सारी बुराइयों को मिटा देगा जो आदम के आज्ञा न मानने से हुई हैं। अगर हम यीशु के बलिदान पर विश्वास करें, तो हम धरती पर फिरदौस में हमेशा जी सकते हैं।—यशायाह 65:21-23.
और जानिए
आइए इस बात को और अच्छे-से समझने की कोशिश करें कि यीशु ने अपनी जान क्यों दी और उससे हमें क्या फायदा होता है।
3. यीशु ने अपनी जान देकर हमें पाप और मौत से छुड़ाया
वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहोवा की आज्ञा तोड़कर आदम ने कौन-सा मौका गँवा दिया?
रोमियों 5:12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
आदम के पाप का आप पर क्या असर हुआ है?
यूहन्ना 3:16 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहोवा ने अपने बेटे को धरती पर क्यों भेजा?
1. आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी
2. यीशु एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा मानी और इस वजह से सभी इंसानों के पास यह मौका है कि वे परिपूर्ण हो सकते हैं और हमेशा जी सकते हैं
4. यीशु के बलिदान से सब लोगों को फायदा हो सकता है
वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
एक आदमी की मौत से सभी इंसानों को कैसे फायदा हो सकता है?
1 तीमुथियुस 2:5, 6 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी। यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?
5. फिरौती आपके लिए यहोवा के प्यार का सबूत है
यहोवा के दोस्त फिरौती को ऐसा तोहफा मानते हैं जो यहोवा ने उनमें से हरेक के लिए दिया है। प्रेषित पौलुस के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। गलातियों 2:20 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
पौलुस के शब्दों से कैसे पता चलता है कि वह यह मानता था कि फिरौती उसके लिए दी गयी है?
आदम ने पाप किया इसलिए वह मर गया। हम इसलिए मरते हैं क्योंकि हम उसकी संतान हैं। लेकिन यहोवा ने अपने बेटे को इसलिए मरने दिया ताकि हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकें।
आगे बताए वचनों को पढ़ते वक्त कल्पना कीजिए कि अपने बेटे को तड़पता हुआ देखकर यहोवा को कैसा लगा होगा। यूहन्ना 19:1-7, 16-18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहोवा और यीशु ने आपके लिए जो कुछ किया, उस बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?
शायद कोई पूछे: “एक इंसान के मरने से सब लोगों की जान कैसे बच सकती है?”
आप क्या जवाब देंगे?
अब तक हमने सीखा
यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा हमारे पापों को माफ करता है। इससे हमें यह मौका भी मिला है कि हम खुशी से हमेशा के लिए जी सकते हैं।
आप क्या कहेंगे?
यीशु ने अपना जीवन बलिदान क्यों किया?
यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?
यीशु के बलिदान से आपको क्या फायदा हो सकता है?
ये भी देखें
जानिए कि यीशु के परिपूर्ण जीवन को फिरौती क्यों कहा गया है।
“यीशु की कुरबानी कैसे ‘बहुतों के लिए फिरौती’ है?” (jw.org पर दिया लेख)
जानिए कि पाप और मौत से छुटकारा पाने के लिए हमें क्या करना होगा।
क्या यहोवा गंभीर पापों को भी माफ कर सकता है?
मसीह के बलिदान के बारे में सीखने की वजह से एक आदमी अपनी शख्सियत बदल पाया। जानिए कैसे।
a पाप का मतलब सिर्फ कोई बुरा काम या अपराध करना नहीं है, बल्कि हमारे अंदर बुरे काम करने का जो रुझान है, उसे भी पाप कहते हैं। यह रुझान हममें जन्म से होता है जो हमें आदम और हव्वा से मिला है।