बाइबल का दृष्टिकोण
पत्नी-सुलभ अधीनता—इसका क्या अर्थ है?
परमेश्वर का वचन, बाइबल, इफिसियों ५:२२ में कहता है: “हे पत्नियो, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के।” इसका सही-सही अर्थ क्या है? क्या पत्नी को पति की हर इच्छा के अधीन होना है, चाहे वह जो भी हो? क्या वह कभी अपनी पहलशक्ति का प्रयोग नहीं कर सकती या पति से भिन्न विचार नहीं रख सकती?
अबीगैल के बाइबल वृत्तान्त पर ग़ौर कीजिए। उसने बुद्धिमानी से कार्य किया लेकिन अपने धनवान पति, नाबाल की मर्ज़ी के खिलाफ़। दाऊद के, जो इस्राएल का राजा होने के लिए परमेश्वर द्वारा चुना गया था, अनुयायियों द्वारा नाबाल को दिखायी गयी कृपा के बावजूद, नाबाल ने “उनका तिरस्कार किया” था। (NHT) दाऊद, नाबाल की कृतघ्नता से क्रोधित होकर, नाबाल को मारने निकला। अबीगैल ने महसूस किया कि उसका सारा घराना ख़तरे में था। उसने दाऊद के गुस्से को ठंडा किया। कैसे?—१ शमूएल २५:२-३५.
अबीगैल ने दाऊद के सामने स्वीकार किया कि नाबाल “दुष्ट” था और दाऊद को वह भोजन-सामग्री दी जिसे नाबाल ने देने से इनकार किया था। सामान्यतः, एक पति या पत्नी के लिए साथी की कमियों को जग-ज़ाहिर करना ग़लत है। क्या अबीगैल का इस तरीक़े से बात करना और काम करना विद्रोह था? नहीं। वह नाबाल और उसके घराने का जीवन बचाने का प्रयास कर रही थी। ऐसा कोई संकेत नहीं है कि उसने निरादरपूर्ण या स्वतंत्र होने की आदत डाल ली थी। ना ही संगदिल नाबाल ने अपनी बड़ी जागीर की देखभाल में अबीगैल के मदद करने के तरीक़े के लिए कोई असंतुष्टि व्यक्त की थी। लेकिन इस संकटपूर्ण स्थिति में, समझदारी की माँग थी कि वह ख़ुद पहल करे। इसके अलावा, अबीगैल ने जो किया उसकी बाइबल प्रशंसा करती है।—१ शमूएल २५:३, २५, ३२, ३३.
अबीगैल के दिनों से बहुत समय पहले, ऐसे समय थे जब कुलपिताओं की पत्नियों ने दृष्टिकोण व्यक्त किए और उनके पति जो चाहते थे उससे भिन्न कार्य किए। फिर भी, ये “पवित्र स्त्रियां . . . जो परमेश्वर पर आशा रखती थीं,” एक मसीही पत्नी के लिए अधीनता के आदर्श के तौर पर रखी जाती हैं। (१ पतरस ३:१-६) उदाहरण के लिए, जब सारा ने महसूस किया कि इब्राहीम का बेटा, इश्माएल उनके बेटे, इसहाक के लिए एक ख़तरा बन गया था, तो उसने निर्णय लिया कि इश्माएल को भेज दिया जाना चाहिए। यह बात “इब्राहीम को . . . बहुत बुरी लगी।” लेकिन परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा: “उस लड़के . . . के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान।”—उत्पत्ति २१:११, १२.
समझ ज़रूरी है
तो फिर, पत्नी के लिए यह अच्छी बात नहीं होगी कि अधीनता के नाम पर कुछ ऐसा करने का दबाव महसूस करे जो वह जानती है कि बहुत ही मूर्खतापूर्ण है या ईश्वरीय सिद्धान्तों का उल्लंघन है। ना ही उसे किसी आवश्यक मामले में पहल करने के लिए दोषी महसूस करवाया जाना चाहिए, जैसी पहल अबीगैल और सारा ने की थी।
पत्नी-सुलभ अधीनता का अर्थ यह नहीं है कि हमेशा एक पत्नी को पति की हर इच्छा को मानना है। किस बात से फ़र्क पड़ता है? जब सही सिद्धान्त दाँव पर हैं, तो उसे शायद अपने पति से असहमत होना पड़े। लेकिन, उसे तब भी ईश्वरीय अधीनता की पूर्ण आत्मा प्रदर्शित करनी चाहिए।
निःसंदेह, एक पत्नी को सावधान रहना चाहिए कि जानबूझकर, द्वेष, या अन्य ग़लत अभिप्रायों के कारण अपने पति की इच्छाओं को नज़रअंदाज़ न करे। उसे अबीगैल की तरह समझदार, “बुद्धिमान” होना चाहिए।—१ शमूएल २५:३.
जब पति ज़िम्मेदारी से दूर भागता है
पत्नी की ईश्वरीय अधीनता का मुख्य लक्ष्य और आत्मा, अपने पति को सहयोग देने और उसके निर्णयों का समर्थन करने के द्वारा यहोवा को प्रसन्न करना है। यह काफ़ी हद तक आसान होता है जब पति आध्यात्मिक रीति से प्रौढ़ होता है। अगर वह ऐसा नहीं है तो यह एक चुनौती हो सकती है।
इस मामले में, वह स्थिति का सामना कैसे कर सकती है? वह उससे मन से विनती कर सकती है या सुझा सकती है कि कौन-से निर्णय परिवार को सबसे ज़्यादा लाभ पहुँचा सकते हैं। अगर वह उसे ‘नैया की पतवार’ संभालने देती है, तो वह शायद उसमें और माहिर हो जाए। लगातार ज़िद्द करके पति को परेशान करना उचित अधीनता की आत्मा का उल्लंघन करता है। (नीतिवचन २१:१९) इसके बावजूद, अगर उसकी कार्य-नीति से परिवार के कुशल-क्षेम का ख़तरे में पड़ना स्पष्ट है तो वह शायद सही कार्य की सिफ़ारिश करने का चुनाव करे, जैसे सारा ने किया।
अगर पति अविश्वासी है, तो पत्नी के लिए और भी बड़ी चुनौती है। तब भी, उसे अधीनता में रहना है जब तक कि वह उसे बाइबल के नियमों का उल्लंघन करने के लिए नहीं कहता। अगर वह ऐसा करता है, तो एक मसीही पत्नी की प्रतिक्रिया उन शिष्यों की तरह होनी चाहिए, जिनसे किसी अदालत ने परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन करने के लिए कहा: “मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना ही कर्तव्य कर्म है।”—प्रेरितों ५:२९.
लेकिन, अनुभव की कमी और सीमित बुद्धि के कारण, नेकनीयत पति-पत्नी भी अपनी भूमिकाओं को लाँघकर आगे निकल सकते हैं। पति में शायद लिहाज़ की कमी हो; पत्नी शायद अपनी पसन्द पर बहुत ज़्यादा ज़ोर दे। कौन-सी बात सहायक होगी? ख़ुद के बारे में मर्यादित दृष्टिकोण रखना दोनों के लिए सहायक होगा, क्योंकि “हम सब बहुत बार चूक जाते हैं।”—याकूब ३:२.
अनेक पुरुष पत्नी की निष्कपट पहल की क़दर करने लगेंगे अगर वह इसका प्रयोग समझदारी से करती है। और सहयोग बढ़ जाता है अगर दोनों ग़लतियाँ करने पर माफ़ी माँगते हैं। जैसे यहोवा हमारी हर दिन की कमियों को माफ़ करता है, वैसे ही हमें दूसरों को माफ़ करना चाहिए। “हे याह, यदि तू अधर्म के कामों का लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा? परन्तु तू क्षमा करनेवाला है।”—भजन १३०:३, ४.
“एक दूसरे के आधीन”
तो फिर, अपने आपसी सर्वोत्तम हित के लिए, शास्त्र सलाह देता है: “मसीह के भय से एक दूसरे के आधीन रहो।” एक दूसरे को प्रेमपूर्ण आपसी आदर दीजिए; न तो बाधा बनिए ना ही प्रतिद्वंदी। पाठ आगे कहता है: “हे पत्नियो, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के। क्योंकि पति पत्नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है।”—इफिसियों ५:२१-२३.
इफिसियों ५:२१, २२ में पौलुस द्वारा प्रयोग किया गया यूनानी शब्द ख़ुद को अधीन करने का अर्थ देता है, अधीन होने के लिए मजबूर किए जाने का नहीं। और अधीनता प्रभु की ख़ातिर है, न कि केवल विवाह में एकता के लिए। मसीह की अभिषिक्त कलीसिया ख़ुद को स्वेच्छा से, आनन्द से मसीह के अधीन करती है। जब एक पत्नी अपने पति के लिए वही करती है, तब उनका विवाह अति संभवतः सुखी और सफल होगा।
शास्त्र यह भी कहता है: “तुम में से हर एक [पति] अपनी पत्नी से अपने समान [बहुत ज़्यादा] प्रेम रखे।” (इफिसियों ५:३३; १ पतरस ३:७) पति को ध्यान रखना चाहिए कि उसे भी अपने सिर के अधीन होना चाहिए, क्योंकि बाइबल कहती है: “हर एक पुरुष का सिर मसीह है।” जी हाँ, पुरुष को मसीह की शिक्षाओं के अधीन होना चाहिए। बदले में, मसीह अपने सिर की अधीनता में है: “मसीह का सिर परमेश्वर है।” इस प्रकार, यहोवा को छोड़ प्रत्येक व्यक्ति का एक सिर है। और वह भी अपने नियमों के प्रति ख़ुद को बाध्य करता है।—१ कुरिन्थियों ११:३; तीतुस १:२; इब्रानियों ६:१८.
मसीही अधीनता स्त्री और पुरुष दोनों के लिए संतुलित और लाभकारी है। इससे विवाह में वह एकता और तृप्ति आती है जो केवल हमारा प्रेमपूर्ण सृष्टिकर्ता दे सकता है।—फिलिप्पियों ४:७.
[पेज 14 पर चित्र का श्रेय]
Leslie’s