आज शासी वर्ग को सहयोग देना
“वह उसे अपनी सब संपत्ति पर सरदार ठहराएगा।”—लूका १२:४४.
१. सा.यु. ३३ में मसीह कौनसे राज्य में शासन करने लगे, और किस के ज़रिए?
सामान्य युग ३३ के पिन्तेकुस्त के दिन, कलीसिया के प्रमुख, यीशु मसीह सक्रिय रूप से अपने आत्मा से अभिषिक्त दासों के राज्य में शासन करने लगे। यह कैसे? पवित्र आत्मा, स्वर्गदूत और एक दृश्य शासी वर्ग के ज़रिए। जैसा कि प्रेरित पौलुस ने सूचित किया, परमेश्वर ने ‘अभिषिक्त जनों को अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।’—कुलुस्सियों १:१३-१८; प्रेरितों के काम २:३३, ४२; १५:२; गलतियों २:१, २; प्रकाशितवाक्य २२:१६.
२. १९१४ में मसीह कौनसे अधिक बड़े राज्य में शासन करने लगे?
२ ‘अन्य जातियों के नियत समय’ के अंत में, यहोवा ने मसीह के शाही अधिकार को मसीही कलीसिया के बाहर फैलाकर बढ़ा दिया। (लूका २१:२४) जी हाँ, वर्ष १९१४ में, परमेश्वर ने अपने बेटे को “जातियों,” “जगत के राज्य,” सारी मनुष्यजाति पर शाही अधिकार दिया।—भजन संहिता २:६-८; प्रकाशितवाक्य ११:१५.
“अपनी सब संपत्ति पर” नियुक्त
३, ४. (अ) यीशु के मुहरों के दृष्टान्त में, कौन उस कुलीन आदमी से चित्रित था? (ब) १९१८ और १९१९ में कौनसे राज्य विकास घटित हुए?
३ यहाँ यीशु का कुलीन मनुष्य का दृष्टान्त उल्लेखनीय है। (लूका १९:११-२७, न्यू.व.) राजपद पाने के लिए विदेश जाने से पहले, उस आदमी ने अपने दासों को पैसे (मुहरें) दिए, जिस से उन्हें लेन-देन करना था। लौटने पर, इस आदमी ने, जो मसीह को चित्रित करता है, “अपने दासों को जिन्हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्होंने लेन-देन से क्या क्या कमाया।” (लूका १९:१५) यीशु के राजपद पाने के बाद, ये बातें किस तरह निकलीं?
४ १९१८ में सिंहासनारूढ राजा यीशु मसीह ने मसीहियों का एक छोटा समूह पाया, जिन्होंने पहले से ईसाईजगत् की गिरजाओं को छोड़ दिया था और अपने स्वामी के पार्थिव हितों की देख-रेख करने में व्यस्त थे। उन्हें मानो आग से परिष्कृत करने के बाद, यीशु ने अपने दासों को १९१९ में बढ़ाया हुआ अधिकार दिया। (मलाकी ३:१-४; लूका १९:१६-१९) उन्होंने उन्हें “अपनी सब संपत्ति पर” नियुक्त किया।—लूका १२:४२-४४.
“सही समय पर भोजन सामग्री”
५, ६. (अ) मसीह के कारिन्दे ने कौनसा विस्तृत नियतकार्य प्राप्त किया? (ब) १९१४ के बाद कौनसी भविष्यद्वाणियों की पूर्ति होनी थीं, और कारिन्दा वर्ग को किस तरह उनकी पूर्ति में सक्रिय रूप से हिस्सा लेना था?
५ शासन कर रहे राजा यीशु मसीह ने पृथ्वी पर अपने कारिन्दे, या गृह प्रबंधक को एक बढ़ा हुआ नियतकार्य दिया। अभिषिक्त मसीहियों को परमेश्वर के “राजदूत” होना था, एक मुकुटधारी राजा के एवज़ी के रूप में काम करना था, जिसे कि पृथ्वी के सारे लोगों पर राज्य करने का अधिकार दिया गया था। (२ कुरिन्थियों ५:२०; दानिय्येल ७:१४) अब उनकी सामूहिक ज़िम्मेदारी सिर्फ़ मसीह के अभिषिक्त परिचरों के समूह को “सही समय पर भोजन सामग्री का उचित परिमाण” ही देना न था। (लूका १२:४२, न्यू.व.) अब उन्हें १९१४ में राज्य के संस्थापन के बाद जो भविष्यद्वाणियाँ पूरा होने के लिए नियत थीं, उनकी पूर्ति में एक सक्रिय हिस्सा लेना था।
६ वास्तविक प्रयोग में इसका क्या मतलब था? इसका मतलब यह था कि ‘राज्य के इस सुसमाचार को सारे जगत’ में फैलाना था। (मत्ती २४:१४) इसके अतिरिक्त, इसका मतलब था कि उन्हें शैतान की दुष्ट व्यवस्था और उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ न्यायदंड के प्रभावशाली संदेश प्रचार करने थे। इसका असर यूँ हुआ मानो ‘सारी जातियाँ कम्पकपायी’ गयीं। इस प्रकार, मसीह की “अन्य भेड़ों” की “मनभावनी वस्तुएँ” आने लगीं। (हाग्गै २:७; यूहन्ना १०:१६, न्यू.व.) १९३५ से लेकर, दुनिया भर में “बड़ी भीड़” यहोवा के संघटन में जमा होने लगी। (प्रकाशितवाक्य ७:९, १०) इस से संघटन में प्रगतिशील सुधार आवश्यक हुए। प्रतीकात्मक रूप से, पत्थरों के बदले लोहा, लकड़ी के बदले ताँबा, लोहे के बदले चाँदी और ताँबे के बदले सोना को लाना था। (यशायाह ६०:१७) ये सब १९१९ से यीशु मसीह के सक्रिय तथा ध्यानपूर्वक नियंत्रण में घटित हुआ है, जिन्होंने अपने सभी पार्थिव राज्य हित, या संपत्ति, अपने विश्वासयोग्य दास वर्ग और उसके शासी वर्ग को सौंप दिए हैं।
७. कारिन्दे की बढ़ायी हुई ज़िम्मेदारी में क्या शामिल था?
७ हम आसानी से समझ सकते हैं कि स्वामी के दास, कारिन्दा, या गृह प्रबंधक को सौंपी गयी ज़िम्मेदारी के अधिक भार में अत्याधिक लेखन और संपादकीय कार्य शामिल था। आध्यात्मिक भोजन सामग्री को नियमित रूप से सही समय पर द वॉचटावर में प्रकाशित करना पड़ता था। १९१९ में द गोल्डन् एज, (एक सहायक पत्रिका जिसका नाम बाद में कॉन्सोलेशन, और फिर अवेक! होनेवाला था) जनता की दिलचस्पी जगाने और साथ साथ “नौकरों” को प्रोत्साहित करने के लिए प्रकाशित होने लगी। (मत्ती २४:४५) इन सालों के दौरान किताबें, पुस्तिकाएँ और लघु पुस्तिकाएँ भी आधिक्य में प्रकाशित की गयी हैं।
निरंतर परिष्कार
८. पहले-पहले शासी वर्ग के सदस्यों की पहचान किस की पहचान से जोड़ी गयी, और १९४४ में द वॉचटावर में क्या कहा गया?
८ इस “अंत के समय” में पीछे मुड़कर जब देखते हैं, तब हमें कोई आश्चर्य नहीं होता कि पहले-पहले शासी वर्ग के सदस्यों की पहचान निकट रूप से वॉच टावर सोसाइटी के संपादकीय कर्मचारी-वर्ग की पहचान से जोड़ी जाती थी। (दानिय्येल १२:४) नवम्बर १, १९४४, के द वॉचटावर में प्रकाशित, “द थियोक्रॅटिक अलाईंमेन्ट टुडे,” इस शीर्षक वाले लेख में बताया गया: “तर्कसंगत रूप से, बाइबल के प्रकटित सच्चाइयों का प्रकाशन जिन लोगों के सुपुर्द किया गया, उन्हें प्रभु का चुना हुआ शासी वर्ग माना गया, उन सभी लोगों को मार्गदर्शन देने के लिए जो आत्मा और सच्चाई से परमेश्वर की उपासना करना तथा एकता से दूसरे भूखे-प्यासों तक इन प्रकटित सच्चाइयों को फैलाने में उनकी सेवा करना चाहते थे।”
९. बाद में शासी वर्ग की पहचान निकट रूप से किस की पहचान से जुड़ गयी, और क्यों?
९ पत्रिकाएँ और अन्य बाइबल अध्ययन के लिए सहायक साहित्य प्रकाशित करने में कुछ क़ानूनी शर्तें सम्मिलित थीं। इसलिए, यू.एस.ए. के पेन्सिल्वेनिया राज्य में वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसाइटी संस्थापित और रजिस्टर की गयी। कई सालों तक, दृश्य शासी वर्ग की पहचान इस निगम के सात-सदस्यों की अध्यक्ष-समिति की पहचान से जुड़ी थी। इस निगम को बाइबल अध्ययन हेतु सहायक साहित्य प्रकाशित करने के लिए संस्थापित किया गया, जिनकी ज़रूरत दुनिया भर में प्रभु के लोगों को थी और जो उनके द्वारा इस्तेमाल होते थे।
१०, ११. १९४४ में कैसा परिष्कार घटित हुआ, और इसके बारे में द वॉचटावर में कौनसी टिप्पणी की गयी?
१० संस्था के सात अध्यक्ष विश्वसनीय मसीही थे। लेकिन एक वैधिक निगम में उनकी भूमिका से शायद यह सूचित हुआ होगा कि वॉच टावर सोसाइटी के वैधिक सदस्यों द्वारा चुने जाने की वजह से उन्हें शासी वर्ग में अपना पद मिला। इसके अतिरिक्त, ऐसी सदस्यता और उससे जुड़े हुए मतदान करने के विशेषाधिकार क़ानूनन सिर्फ़ उन लोगों को दी जाती थी जो संस्था को अंशदान देते थे। इस व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता थी। यह अक्तूबर २, १९४४, के रोज़, वॉच टावर सोसाइटी के पेन्सिल्वेनिया निगम की वार्षिक सभा में किया गया। संस्था के अधिनियम संशोधित किए गए ताकि इसके आगे सदस्यता एक आर्थिक आधार पर निश्चित न होती। सदस्यों को यहोवा के विश्वसनीय दासों में से चुना जाता, और इन में अब ऐसे कई लोग शामिल हैं जो ब्रुकलिन्, न्यू यॉर्क, में संस्था के मुख्यालय में और दुनिया भर में उसकी शाखाओं में पूरे-समय की सेवा कर रहे हैं।
११ इस सुधार पर रिपोर्ट देते हुए, नवम्बर १, १९४४, के द वॉचटावर ने बताया: “इस विषय में पैसे को, जिसका द्योतक आर्थिक अंशदान है, एक निर्धारी तत्त्व होना नहीं चाहिए, और दरअसल पृथ्वी पर यहोवा के गवाहों के शासी वर्ग के भराव से उसका कोई संबंध होना नहीं चाहिए। . . . यह पवित्र आत्मा ही है, वह सक्रिय शक्ति जो यहोवा परमेश्वर से मसीह यीशु के ज़रिए आती है, जिसे मामले में निर्णय और मार्गदर्शन देना चाहिए।”
अध्यक्ष समिति से अलग
१२. क्या प्रमाणित करता है कि शासी वर्ग के नियंत्रण में किए गए परिष्कार पर यहोवा का आशीर्वाद था?
१२ आगामी दशकों में प्रचार कार्य की प्रगति से साबित होता है कि शासी वर्ग की व्याख्या में हुए पूर्ववर्ती परिष्कार पर यहोवा का आशीर्वाद था। (नीतिवचन १०:२२) अजी, दुनिया भर में राज्य उद्घोषकों की संख्या १९४४ में १,३०,००० से १९७० में १४,८३,४३० तक बढ़ गयी! लेकिन अधिक सुधार अभी आने वाले थे।
१३. (अ) १९७१ तक, शासी वर्ग के संबंध में स्थिति कैसी थी? (ब) १९७१ में संस्था के वार्षिक सभा में क्या हुआ?
१३ १९७१ तक शासी वर्ग के सदस्यों की पहचान अब भी वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसाइटी ऑफ पेन्सिल्वेनिया की अध्यक्ष समिति की पहचान से जुड़ी थी। दुनिया भर में संस्था की शाखाओं के काम पर असर करनेवाले निर्णय लेने की मुख्य ज़िम्मेदारी संस्था के सभापति पर थी। लेकिन अक्तूबर १, १९७१, के रोज़ आयोजित वार्षिक सभा में युगान्तरकारी भाषण दिए गए। संस्था के सभापति ने “पवित्र स्थान को सही अवस्था में लाना,” इस विषय पर भाषण दिया, तथा उप-सभापति ने इस विषय पर, “एक शासी वर्ग जो एक वैधिक निगम से अलग है।” शासी वर्ग और वैधिक निगम में क्या फ़रक़ है?
१४. एक वैधिक निगम और शासी वर्ग के बीच क्या क्या फ़रक़ हैं?
१४ जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, वॉच टावर बाइबल ॲन्ड ट्रॅक्ट सोसाइटी ऑफ पेन्सिल्वेनिया की अध्यक्ष समिति सात सदस्यों तक सीमित है। इन समर्पित मसीही आदमियों को तीन-वर्षीय अवधियों के लिए निगम के सदस्यों द्वारा चुना जाता है, जिनकी कुल संख्या ५०० से ज़्यादा नहीं है और जिन में से बहुसंख्या अभिषिक्त मसीही नहीं है। इसके अतिरिक्त, चूँकि निगम का अस्तित्व पूर्णतया वैधिक है, और जिसका नियत भौगोलिक स्थान है, यह क़ैसर, यानी सरकार द्वारा विघटित किया जा सकता है। (मरकुस १२:१७) परन्तु, शासी वर्ग एक क़ानूनी साधन नहीं है। उसके सदस्यों को निर्वाचित नहीं किया जाता। वे यहोवा परमेश्वर और यीशु मसीह के नियंत्रण में पवित्र आत्मा के ज़रिए नियुक्त किए जाते हैं। (प्रेरितों के काम २०:२८ से तुलना करें।) इसके अतिरिक्त, जिन लोगों से शासी वर्ग बनता है, वे आत्मा से नियुक्त आदमी हैं, जिनका कोई अनिवार्य नियत भौगोलिक स्थान या मुख्यालय नहीं है।
१५. दिसम्बर १५, १९७१, के द वॉचटावर में संघटन के बारे में क्या वर्णन किया गया, और आधुनिक शासी वर्ग के बारे में क्या कहा जा सकता है?
१५ समझ में ऐसे परिष्कार के संबंध में, दिसम्बर १५, १९७१ के द वॉचटावर में कहा गया: “शुक्र है कि यहोवा के मसीही गवाह जानते और दृढ़तापूर्वक कहते हैं कि यह कोई एक-व्यक्ति संघटन नहीं, बल्कि उनको आत्मा से अभिषिक्त मसीहियों का एक शासी वर्ग है।” अभिषिक्त दास वर्ग और उनके अन्य भेड़ों के करोड़ों साथियों के शासी वर्ग को प्रगतिशील रूप से अपनी अध्यक्षता का पदभार सँभालने के लिए तैयार किया गया है।
१६. १९७१ से मसीह की पार्थिव संपत्ति किस तरह बढ़ चुकी है, और इन में से कुछेक क्या हैं जो उन्होंने विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास के सुपुर्द किए, जिसका प्रतिनिधि इसका शासी वर्ग है?
१६ राजा यीशु मसीह की पार्थिव संपत्ति निरंतर बढ़ती गयी है। १९७१ में गवाहों की संख्या जो १६,००,००० से कम थी, वह अब १९८९ में ३७,००,००० से अधिक के शिखर तक बढ़ चुकी है। परमेश्वर के आशीर्वाद का क्या ही सबूत! (यशायाह ६०:२२) इस वृद्धि से संस्था के मुख्यालय और उसकी शाखाओं में सहूलियतों का विस्तारण, और साथ साथ उत्पादन तथा वितरण की विधियों में आधुनिकीकरण आवश्यक हुआ है। इसके फलस्वरूप सारी दुनिया में कई किंग्डम हॉल और सभा गृहों का निर्माण हुआ है। इस दौरान, शासी वर्ग ने प्रचार कार्य, बाइबल अध्ययन विषय का उत्पादन, और शाखाओं, ज़िलों, सर्किटों तथा मण्डलियों में अध्यक्षों की नियुक्ति पर अध्यक्षता करने की ज़िम्मेदारी का भार भी लगातार उठाया है। यही वे राज्य हित हैं जो मसीह ने विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास के सुपुर्द किए हैं, जिसका प्रतिनिधि इसका शासी वर्ग है।
१७. १९७१, १९७४ और १९७६ में अध्यक्षता में कौनसे अधिक सुधार किए गए?
१७ पहली-सदी के शासी वर्ग को बढ़ा दिया गया कि उस में यीशु के प्रेरितों के अलावा और भी लोग हों। जब खतना का मामला तय हुआ, तब प्रत्यक्ष रूप से उस वर्ग में ‘यरूशलेम के प्रेरित और प्राचीन’ शामिल थे। (प्रेरितों के काम १५:१, २) तुलनीय रूप से, शासी वर्ग को १९७१ में और एक बार फिर १९७४ में बढ़ा दिया गया। उनकी अध्यक्षता का काम सुसाध्य बनाने के लिए, शासी वर्ग ने इंतज़ाम किया कि पाँच कमेटियाँ जनवरी १, १९७६, से कार्य करना शुरू करतीं। प्रत्येक कमेटी तीन से छः सदस्यों से बनती है, जिनके हर एक को विचाराधीन विषय में समान मताधिकार है। हर कमेटी का सभापति एक साल के लिए काम करता है, और शासी वर्ग के वैयक्तिक सदस्य एक या एक से ज़्यादा कमेटियों में काम करते हैं। इन पाँच कमेटियों की प्रत्येक कमेटी मसीह की पार्थिव संपत्ति के एक विशेष पहलू पर ख़ास ध्यान देती है। एक छठी कमेटी—सभापति की कमेटी, जिसकी सदस्यता हर साल बारी-बारी से होती है, अति महत्त्वपूर्ण समस्याओं से निपटती है।
शासी वर्ग को सक्रिय रूप से सहयोग देना
१८. शासी वर्ग किस तरह काम करता है, और एक तरीक़ा क्या है जिस से हम उसको दिया हमारा सहयोग व्यक्त कर सकते हैं?
१८ शासी वर्ग की कमेटियाँ महत्त्वपूर्ण मामलों पर पुनर्विचार करने के लिए हफ़्तेवार सभाएँ आयोजित करती हैं, प्रार्थनापूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लेती हैं, और भविष्य के ईशतंत्रीय क्रिया-कलाप के लिए योजना बनाती हैं। जैसा कि पहले ग़ौर किया गया, प्रेरितों के काम, अध्याय १५, दिखाता है कि एक ऐसा वज़नदार सवाल, जिस पर निश्चय लेना आवश्यक था, पहली-सदी के शासी वर्ग के पास, उस पर विचार-विमर्श करने के लिए भेजा गया। उसी तरह आज, महत्त्वपूर्ण सवाल संपूर्ण शासी वर्ग के पास भेजे जाते हैं, जो कि हफ़्तेवार, या अगर ज़रूरी हो तो उस से भी ज़्यादा अकसर एकत्रित होता है। शासी वर्ग के सदस्य, जिनकी संख्या फ़िलहाल १२ है, धर्मशास्त्र में खोजकर प्रार्थना के ज़रिए यहोवा परमेश्वर के मार्गदर्शन के लिए बिनती करते हैं। इन ख़ास तौर से नियुक्त लोगों को हमारी हर दिन की प्रार्थनाओं में याद करना एक तरीक़ा है, जिस से हम शासी वर्ग को दिया हमारा सहयोग व्यक्त करते हैं।—रोमियों १२:१२.
१९. शासी वर्ग के आदेश मण्डलियों तक किस तरह पहुँचते हैं?
१९ शासी वर्ग के आदेश और निर्णय मण्डलियों तक किस तरह पहुँचते हैं? जब पहली-सदी के शासी वर्ग के सदस्य परमेश्वर की आत्मा की मदद से अपने निर्णय पर पहुँचे, उसके बाद उन्होंने मण्डलियों को एक चिट्ठी भेजी। (प्रेरितों के काम १५:२२-२९) बहरहाल, आज मुख्य तरीक़ा मसीही प्रकाशनों के ज़रिए है।
२०. (अ) १९७६ में और कौनसा संघटनात्मक परिष्कार किया गया? (ब) शाखा कमेटियाँ शासी वर्ग को किस तरह सहयोग देती हैं?
२० फरवरी १, १९७६, से वॉच टावर सोसाइटी की हर एक शाखा में एक शाखा कमेटी है जो शासी वर्ग द्वारा नियुक्त योग्य आदमियों से बनी है। चूँकि ये भाई उनकी शाखा के निरीक्षण के अधीन देश या देशों के लिए शासी वर्ग के प्रतिनिधि हैं, इन्हें विश्वसनीय और वफ़ादार होना चाहिए। यह हमें उन योग्य, परमेश्वर का भय खानेवाले, भरोसेमंद आदमियों की याद दिलाता है, जिन्होंने मूसा को प्राचीन इस्राएल के लोगों का न्याय करने की मदद की। (निर्गमन १८:१७-२६) शाखा कमेटी के सदस्य संस्था की किताबों और पत्रिकाओं तथा हमारी राज्य सेवा के ज़रिए प्राप्त, और साथ-साथ आम पत्रों तथा स्थानीय समस्याओं से निपटनेवाले ख़ास पत्रों में प्राप्त आदेशों को अमल में लाते हैं। शाखा कमेटियाँ शासी वर्ग को प्रत्येक देश में हो रहे कार्य की प्रगति पर और उन समस्याओं पर, जो शायद उठेंगे, आधुनिकतम जानकारी देती हैं। पूरी दुनिया से ऐसे रिपोर्ट शासी वर्ग को यह निर्णय लेने की मदद करते हैं कि संस्था के प्रकाशनों में कौन-कौनसे विषयों पर विचार किया जाना चाहिए।
२१. सफ़री अध्यक्ष किस तरह नियुक्त होते हैं, और उनके कामों में क्या शामिल है?
२१ पवित्र आत्मा के नियंत्रण में, शाखा कमेटियाँ सर्किट तथा ज़िला अध्यक्ष के रूप में कार्य करने हेतु प्रौढ़, धार्मिक मनुष्यों की सिफ़ारिश करती हैं। सीधे शासी वर्ग द्वारा नियुक्त होने के बाद, वे सफ़री अध्यक्षों के रूप में कार्य करते हैं। ये भाई सर्किटों और मण्डलियों को भेंट करते हैं ताकि उन्हें आध्यात्मिक रूप से सशक्त करें और शासी वर्ग से प्राप्त आदेशों को लागू करने की मदद करें। (प्रेरितों के काम १६:४; रोमियों १:११, १२ से तुलना करें।) सफ़री अध्यक्ष शाखा कार्यालयों को अपने रिपोर्ट देते हैं। पवित्र आत्मा और प्रेरित धर्मशास्त्रों की मदद से, वे स्थानीय प्राचीनों के साथ मिलकर उन योग्य भाइयों की सिफ़ारिश करते हैं, जो शासी वर्ग या उसके प्रतिनिधियों द्वारा सहायक सेवक एवं प्राचीन के रूप में काम करने के लिए नियुक्त होंगे।—फिलिप्पियों १:१; तीतुस १:५; और फिर १ तीमुथियुस ३:१-१३; ४:१४ से तुलना करें।
२२. (अ) मण्डली के प्राचीन शासी वर्ग को किस तरह सहयोग देते हैं? (ब) क्या साबित करता है कि यहोवा इस ईशतंत्रीय प्रबंध को आशीर्वाद दे रहे हैं?
२२ पारी से, प्राचीनों के वर्गों के सदस्य ‘अपनी और पूरे झुण्ड की चौकसी करते हैं, जिस में पवित्र आत्मा ने उन्हें अध्यक्ष ठहराया है।’ (प्रेरितों के काम २०:२८) ये अध्यक्ष वफ़ादारी से विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास और उसके शासी वर्ग के ज़रिए, यहोवा परमेश्वर और यीशु मसीह से प्राप्त आदेशों को अमल में लाने की कोशिश करते हैं। यहोवा इस ईशतंत्रीय प्रबंध को आशीर्वाद दे रहे हैं, इसलिए कि ‘कलीसियाएँ विश्वास में स्थिर होती जा रही हैं और गिनती में प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं।’—प्रेरितों के काम १६:५.
२३. शासी वर्ग के संबंध में, हमें क्या करने के लिए दृढ़निश्चित होना चाहिए?
२३ यह कितना उत्तम है कि शासी वर्ग के ज़रिए, यहोवा परमेश्वर और स्वामी, यीशु मसीह, परमेश्वर के लोगों का समर्थन दिखा रहे हैं! (भजन ९१:१४) यहोवा के संघटन के एक हिस्से के तौर से, हम व्यक्तिगत रूप से ऐसे समर्थन से लाभ प्राप्त करते हैं। (भजन १४५:१४) इस से परमेश्वर के प्रबंधों से सहयोग करने का हमारा दृढ़निश्चय अधिक शक्तिशाली बनना चाहिए। वास्तव में, जैसा हम उस वक्त की ओर बढ़ते हैं जब “पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है,” हम हमेशा यहोवा के गवाहों के शासी वर्ग को सहयोग देते हुए पाए जाएँ।—यशायाह ११:९.
याद रखने के लिए मुख्य विषय
◻ १९१९ में कारिन्दा वर्ग को कौनसी बढ़ायी हुई ज़िम्मेदारियाँ दी गयीं?
◻ कई सालों तक, दृश्य शासी वर्ग की पहचान किस की पहचान से जुड़ी हुई थी?
◻ शासी वर्ग के सदस्यों की नियुक्ति में कौनसा प्रगतिशील परिष्कार किया गया?
◻ मसीह की कुछ पार्थिव संपत्ति क्या है जो उन्होंने दास वर्ग और उसके शासी वर्ग को सौंप दी?
◻ हम किस तरह शासी वर्ग को सहयोग दे सकते हैं?
[पेज 16,17 पर तसवीरें]
ब्रुकलिन्, न्यू यॉर्क, में अपने विश्व मुख्यालय से, शासी वर्ग वॉच टावर सोसाइटी की ९३ शाखाओं में यहोवा के गवाहों के प्रकाशन और प्रचार कार्य की देख-रेख करता है
जर्मनी
जापान
दक्षिण आफ्रिका
ब्राज़िल