मसीह और उसके विश्वासयोग्य दास का वफादारी से साथ निभाइए
“उसका स्वामी . . . उसे अपनी सारी संपत्ति पर सरदार ठहराएगा।”—मत्ती 24:45-47.
1, 2. (क) बाइबल के मुताबिक, हमारा प्रधान कौन है? (ख) क्या बात दिखाती है कि मसीह लगातार मसीही कलीसिया की अगुवाई कर रहा है?
‘तुम स्वामी न कहलाना, क्योंकि तुम्हारा एक ही स्वामी है, अर्थात् मसीह।’ (मत्ती 23:10) इन शब्दों से यीशु ने अपने चेलों को साफ बता दिया था कि धरती पर कोई भी इंसान उनका स्वामी या प्रधान न होता। उनका सिर्फ एक ही प्रधान होता और वह भी स्वर्ग से चुना हुआ—खुद यीशु मसीह। यीशु को परमेश्वर ने इस ओहदे पर ठहराया है। यहोवा ने ‘उस को मरे हुओं में से जिलाकर और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि [“मुखिया,” NW] ठहराकर कलीसिया को दे दिया, जो उसकी देह है।’—इफिसियों 1:20-23.
2 यीशु मसीह को मसीही कलीसिया के सिलसिले में “सब वस्तुओं पर मुखिया” ठहराया गया है। इसका मतलब है कि यीशु को कलीसिया पर अधिकार दिया गया है और कलीसिया में होनेवाली कोई भी बात उससे छिपी नहीं रहती है। वह मसीहियों के हर समूह यानी हर कलीसिया की आध्यात्मिक हालत में गहरी दिलचस्पी लेता है। यह बात उस दर्शन से साफ पता चलती है, जो प्रेरित यूहन्ना को सा.यु. पहली सदी के आखिर में दिया गया था। उस दर्शन में यीशु ने सात कलीसियाओं को पाँच दफे कहा कि वह उनके कामों, उनकी खूबियों और उनकी कमज़ोरियों को जानता था, और उसने उस हिसाब से उन्हें ज़रूरी सलाह दी और उनकी हौसला-अफज़ाई की। (प्रकाशितवाक्य 2:2, 9, 13, 19; 3:1, 8, 15) हम इस बात का यकीन रख सकते हैं कि मसीह एशिया माइनर, इस्राएल देश, सूरिया, बाबुल, यूनान, इटली और दूसरी जगहों पर मौजूद कलीसियाओं की आध्यात्मिक हालत से भी अच्छी तरह वाकिफ था। (प्रेरितों 1:8) आज हमारे दिनों के बारे में क्या?
एक विश्वासयोग्य दास
3. मसीह की तुलना सिर के साथ और उसकी कलीसिया की तुलना देह के साथ करना क्यों सही है?
3 यीशु ने अपने पुनरुत्थान के बाद और स्वर्ग में अपने पिता के पास लौटने से कुछ ही समय पहले, अपने चेलों से कहा: “स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है।” उसने यह भी कहा: “देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।” (मत्ती 28:18-20) यीशु एक मुखिया के तौर पर उनके संग रहता और लगातार उनकी अगुवाई करता। प्रेरित पौलुस ने इफिसुस और कुलुस्से के मसीहियों को लिखी अपनी पत्रियों में मसीही कलीसिया की तुलना “देह” के साथ की, जिसका सिर मसीह है। (इफिसियों 1:22, 23; कुलुस्सियों 1:18) किताब, स्कूलों और कॉलेजों के लिए केम्ब्रिज बाइबल (अँग्रेज़ी) कहती है कि कलीसिया के लिए यह रूपक इस्तेमाल करना “सिर्फ इस बात की तरफ इशारा नहीं करता कि देह और ‘सिर’ के बीच एकता होना ज़रूरी है, बल्कि इस बात की तरफ भी कि जैसे ‘सिर’ चाहता है, वैसे ही देह के अलग-अलग अंग काम करते हैं। वे उसकी इच्छा पूरी करने का ज़रिया हैं।” सन् 1914 में जब से मसीह को राज्य का अधिकार सौंपा गया है, तब से वह किस समूह को अपना ज़रिया बनाकर इस्तेमाल कर रहा है?—दानिय्येल 7:13, 14.
4. मलाकी की भविष्यवाणी के मुताबिक, जब यहोवा और मसीह यीशु आत्मिक मंदिर की जाँच करने के लिए आए, तो उन्होंने क्या पाया?
4 मलाकी की भविष्यवाणी में बताया गया था कि “सच्चा प्रभु” (NW) यहोवा अपने ‘वाचा के दूत,’ यानी नए राजा बने अपने बेटे, मसीह यीशु के साथ आएगा और अपने ‘मन्दिर’ की जाँच करके उसका न्याय करेगा। यह मंदिर, आध्यात्मिक मायने में उपासना के भवन को दर्शाता है। सबूत दिखाते हैं कि ‘परमेश्वर के घराने का न्याय’ करने का ठहराया “समय,” सन् 1918 में शुरू हुआ।a (मलाकी 3:1; 1 पतरस 4:17, NHT) धरती पर सच्चे परमेश्वर की उपासना करने का दम भरनेवालों की अच्छी तरह से जाँच की गयी। यहोवा और यीशु ने पाया कि ईसाईजगत ने सदियों से झूठी शिक्षाएँ देकर परमेश्वर को बदनाम किया था और पहले विश्वयुद्ध में हुए कत्लेआम में उसका बहुत बड़ा हाथ था। इसलिए उसे ठुकरा दिया गया। मगर दूसरी तरफ, उन्होंने अभिषिक्त मसीहियों में से शेष जनों को वफादारी से सेवा करते हुए पाया। इन लोगों को परखा गया और उन्हें मानो आग से शुद्ध किया गया। तब जाकर उन्हें कबूल किया गया और वे यहोवा के लिए ‘धार्मिकता से भेंट चढ़ानेवाले’ लोग बने।—मलाकी 3:3, NHT.
5. अपनी “उपस्थिति” के बारे में यीशु ने जो भविष्यवाणी की थी, उसके मुताबिक विश्वासयोग्य “दास” कौन साबित हुआ?
5 मलाकी की भविष्यवाणी के अलावा, यीशु ने भी अपने चेलों को उसके “आने [“उपस्थिति,” NW] का, और जगत के अन्त का” समय पहचानने के लिए कई पहलुओंवाला चिन्ह देते वक्त, “दास” वर्ग को पहचानने का चिन्ह दिया था। यीशु ने कहा: “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है, जिसे स्वामी ने अपने नौकर चाकरों पर सरदार ठहराया, कि समय पर उन्हें भोजन दे? धन्य है, वह दास, जिसे उसका स्वामी आकर ऐसा ही करते पाए। मैं तुम से सच कहता हूं; वह उसे अपनी सारी संपत्ति पर सरदार ठहराएगा।” (मत्ती 24:3, 45-47) सन् 1918 में जब मसीह ने “आकर” उस “दास” की जाँच की, तो पाया कि बचे हुए वफादार अभिषिक्त चेले सन् 1879 से लगातार इस प्रहरीदुर्ग पत्रिका का और बाइबल की समझ देनेवाली दूसरी किताबों-पत्रिकाओं का इस्तेमाल करके ‘समय पर भोजन’ देने की अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रहे थे। तब यीशु ने इन वफादार चेलों को “दास,” या एक ऐसे समूह के तौर पर कबूल किया जो उसकी आज्ञा पूरी करने का ज़रिया साबित होता। और सन् 1919 में उसने उन्हें धरती पर अपनी सारी संपत्ति की देखरेख करने का ज़िम्मा सौंपा।
धरती पर मसीह की संपत्ति की देखरेख करना
6, 7. (क) यीशु ने किन दूसरे शब्दों में अपने विश्वासयोग्य “दास” का ज़िक्र किया था? (ख) यीशु के ज़रिए इस्तेमाल किए गए शब्द “भण्डारी” का क्या मतलब है?
6 यीशु ने अपनी उपस्थिति के चिन्ह और धरती पर उसके नुमाइंदे के तौर पर सेवा करनेवाले “दास” के वजूद के बारे में भविष्यवाणी करने से कुछ महीने पहले, इस “दास” का ज़िक्र किया था। मगर उस वक्त उसने इसके लिए दूसरे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिससे इस दास की ज़िम्मेदारियों के बारे में हमें जानकारी मिलती है। यीशु ने कहा था: “वह विश्वास-योग्य और बुद्धिमान भण्डारी कौन है, जिस का स्वामी उसे नौकर चाकरों पर सरदार ठहराए कि उन्हें समय पर [“भोजन,” आर.ओ.वी.] दे। मैं तुम से सच कहता हूं; वह उसे अपनी सब संपत्ति पर सरदार ठहराएगा।”—लूका 12:42, 44.
7 इन आयतों में दास को भंडारी कहा गया है। जिस यूनानी शब्द के लिए भंडारी अनुवाद किया गया है, उसका मतलब है “घर या जागीर का प्रबंधक।” यह भंडारी वर्ग, ऐसे बड़े-बड़े ज्ञानियों का समूह नहीं होता, जो सिर्फ बाइबल के दिलचस्प मुद्दों को समझाता। इस ‘विश्वास-योग्य भण्डारी’ को ‘समय पर’ बढ़िया आध्यात्मिक खुराक मुहैया कराने के अलावा, मसीह के सभी नौकर-चाकरों पर भी सरदार ठहराया जाता। इतना ही नहीं, उसे धरती पर मसीह की “अपनी सब संपत्ति” की, यानी मसीह के अधीन सभी कलीसियाओं और उनसे जुड़े कामों की ज़िम्मेदारी भी सौंपी जाती। इस “संपत्ति” में क्या-क्या शामिल है?
8, 9. वह “संपत्ति” क्या है, जिसकी देखरेख करने का ज़िम्मा दास को सौंपा गया है?
8 दास वर्ग की ज़िम्मेदारियों में, मसीही कामों को आगे बढ़ाने के लिए यीशु के चेलों के ज़रिए इस्तेमाल की जानेवाली इमारतों की देखरेख करना शामिल है। जैसे, यहोवा के साक्षियों के मुख्यालय और दुनिया-भर में मौजूद शाखा दफ्तर, साथ ही राज्य घर और सम्मेलन भवन जैसी उपासना की जगहें। मगर सबसे बढ़कर, यह दास हफ्ते की सभाओं और समय-समय पर होनेवाले सम्मेलनों और अधिवेशनों के कार्यक्रमों की देखरेख भी करता है, जिनमें बाइबल का अध्ययन किया जाता है और जिनसे विश्वास मज़बूत होता है। इन सभाओं में बाइबल की भविष्यवाणियों की पूर्ति के बारे में जानकारी दी जाती है। और रोज़मर्रा ज़िंदगी में बाइबल के सिद्धांतों को कैसे लागू किया जा सकता है, इस बारे में भी सही वक्त पर कारगर मदद दी जाती है।
9 भंडारी वर्ग को ‘राज्य का सुसमाचार’ प्रचार करने और “सब जातियों के लोगों को चेला बना[ने]” का सबसे ज़रूरी काम करने की ज़िम्मेदारी भी दी गयी है। इसमें लोगों को यह सिखाना शामिल है कि वे उन सब बातों को मानें जिन्हें कलीसिया के सिर, मसीह ने इस अंत के समय के दौरान मानने के लिए कहा है। (मत्ती 24:14; 28:19, 20; प्रकाशितवाक्य 12:17) प्रचार और सिखाने के इस काम की वजह से, लोगों की एक “बड़ी भीड़” वजूद में आयी है जो बचे हुए अभिषिक्त जनों का वफादारी से साथ निभा रही है। ये वफादार साथी “सारी जातियों की मनभावनी वस्तुएं” हैं और इसमें कोई शक नहीं कि वे मसीह की उस अनमोल “संपत्ति” का हिस्सा हैं, जिसकी देखरेख विश्वासयोग्य दास कर रहा है।—प्रकाशितवाक्य 7:9; हाग्गै 2:7.
शासी निकाय जो दास वर्ग का प्रतिनिधि है
10. पहली सदी में किस समूह को फैसला लेने का काम दिया गया था, और इसका कलीसियाओं पर क्या असर पड़ता था?
10 ज़ाहिर है कि विश्वासयोग्य दास को अपनी भारी ज़िम्मेदारियाँ निभाने के लिए कई फैसले लेने पड़ते होंगे। पहली सदी की मसीही कलीसिया में, यरूशलेम में प्रेरितों और प्राचीनों से बना शासी निकाय, दास वर्ग के प्रतिनिधि के तौर पर सभी मसीही कलीसियाओं के लिए ज़रूरी फैसले लेता था। (प्रेरितों 15:1, 2) ये फैसले खतों और सफरी सेवकों के ज़रिए कलीसियाओं तक पहुँचाए जाते थे। शुरू के मसीही इन साफ हिदायतों को पाकर खुश होते थे और शासी निकाय को पूरा-पूरा सहयोग देते थे जिससे उनमें शांति और एकता बनी रहती थी।—प्रेरितों 15:22-31; 16:4, 5; फिलिप्पियों 2:2.
11. अपनी कलीसिया को मार्गदर्शन देने के लिए मसीह आज किन्हें इस्तेमाल कर रहा है, और अभिषिक्त मसीहियों के इस समूह की तरफ हमारा कैसा रवैया होना चाहिए?
11 पहली सदी की तरह, आज भी धरती पर आत्मा से अभिषिक्त अध्यक्षों का एक छोटा समूह, शासी निकाय के तौर पर काम कर रहा है। कलीसिया का सिर, मसीह अपने “दहिने हाथ,” यानी अपनी शक्ति का इस्तेमाल करके इन वफादार पुरुषों को राज्य के काम की देखरेख करने में मार्गदर्शन दे रहा है। (प्रकाशितवाक्य 1:16, 20) लंबे अरसे से शासी निकाय के एक सदस्य रहे भाई एलबर्ट श्रोडर ने हाल ही में धरती पर अपना जीवन पूरा किया। उन्होंने अपनी जीवन-कहानी में लिखा: “हर बुधवार को शासी निकाय की बैठक होती है। इसकी शुरूआत प्रार्थना से की जाती है जिसमें मार्गदर्शन के लिए यहोवा की आत्मा की मदद माँगी जाती है। शासी निकाय इस बात को पक्का करने के लिए कड़ी मेहनत करता है कि हर मामले को जिस तरह निपटाया जाता है और जो भी फैसले लिए जाते हैं, वे सब परमेश्वर के वचन, बाइबल के मुताबिक हों।”b हम इन वफादार अभिषिक्त मसीहियों पर पूरा भरोसा रख सकते हैं। और खासकर शासी निकाय के मामले में हमें प्रेरित पौलुस की यह आज्ञा माननी चाहिए: ‘अपने अगुवों की मानो; और उन के आधीन रहो, क्योंकि वे तुम्हारे प्राणों के लिये जागते रहते हैं।’—इब्रानियों 13:17.
विश्वासयोग्य दास के लिए सही आदर दिखाना
12, 13. दास वर्ग को आदर दिखाने के लिए बाइबल क्या-क्या वजह देती है?
12 विश्वासयोग्य दास वर्ग के लिए सही आदर दिखाने की सबसे बड़ी वजह यह है कि ऐसा करने से हम दरअसल स्वामी, यीशु मसीह को आदर दिखाते हैं। इन अभिषिक्त जनों के बारे में पौलुस ने लिखा: “जो स्वतंत्रता की दशा में बुलाया गया है, वह मसीह का दास है। तुम दाम देकर मोल लिए गए हो।” (1 कुरिन्थियों 7:22, 23; इफिसियों 6:6) इसलिए जब हम विश्वासयोग्य दास और उसके शासी निकाय से मिलनेवाली हिदायतों को वफादारी से मानते हैं, तो हम दास के स्वामी, मसीह को अधीनता दिखा रहे होते हैं। मसीह आज धरती पर अपनी संपत्ति की देखरेख करने के लिए जो ज़रिया इस्तेमाल कर रहा है, उसे जब हम सही आदर दिखाते हैं, तो एक तरीके से हम ‘यह स्वीकार करते हैं कि यीशु मसीह प्रभु हैं, जिससे पिता परमेश्वर की महिमा हो।’—फिलिप्पियों 2:11, नयी हिन्दी बाइबिल।
13 विश्वासयोग्य दास को आदर दिखाने की एक और वजह यह है कि बाइबल, धरती पर मौजूद अभिषिक्त मसीहियों को लाक्षणिक अर्थ में वह “मन्दिर” बताती है जिसमें यहोवा “आत्मा के द्वारा” निवास करता है। इस मायने में वे “पवित्र” हैं। (1 कुरिन्थियों 3:16, 17; इफिसियों 2:19-22) इसी पवित्र मंदिर वर्ग को यीशु ने धरती पर अपनी सारी संपत्ति का अधिकारी ठहराया है। इसका मतलब है कि मसीही कलीसिया की अगुवाई करने और कलीसिया से जुड़े फैसले करने की ज़िम्मेदारी सिर्फ दास वर्ग को दी गयी है। इसलिए कलीसिया का हर सदस्य, विश्वासयोग्य दास और उसके शासी निकाय से मिलनेवाली हिदायतों को मानना और उनका समर्थन करना अपना पवित्र कर्त्तव्य समझता है। वाकई, ‘अन्य भेड़’ के लोग मसीह की संपत्ति की देखरेख करने में दास वर्ग की मदद करना बड़े सम्मान की बात समझते हैं।—यूहन्ना 10:16, NW.
दास वर्ग का वफादारी से साथ निभाना
14. यशायाह की भविष्यवाणी के मुताबिक, अन्य भेड़ें किस मायने में अभिषिक्त दास वर्ग के पीछे-पीछे चल रही हैं और “बेगार मज़दूर” की तरह सेवा कर रही हैं?
14 यशायाह की किताब में भविष्यवाणी की गयी थी कि अन्य भेड़ें नम्रता से आत्मिक इस्राएल के अभिषिक्त जनों को अधीनता दिखाएँगी: “यहोवा यों कहता है: ‘मिस्र के बेगार मज़दूर और कूश के व्यापारी और सबाई लोग जो ऊँचे कदवाले हैं, तेरे पास अपने आप चले आएँगे, और तेरे ही हो जाएँगे। वे तेरे पीछे पीछे चलेंगे; वे बेड़ियों में बन्धे हुए चले आएँगे और तेरे सामने दण्डवत् कर तुझ से बिनती करके कहेंगे, “निश्चय परमेश्वर तेरे ही साथ है और दूसरा कोई नहीं; उसके सिवाय कोई और परमेश्वर नहीं।”’” (यशायाह 45:14, NW) अन्य भेड़ें, अभिषिक्त दास वर्ग और उसके शासी निकाय के निर्देशन को मानकर एक तरह से उनके पीछे-पीछे चल रही हैं। यही नहीं, अभिषिक्त चेलों को मसीह से प्रचार काम की जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसे पूरा करने में अन्य भेड़ें “बेगार मज़दूर” की तरह खुशी-खुशी अपनी ताकत और अपने साधनों का इस्तेमाल कर रही हैं।—प्रेरितों 1:8; प्रकाशितवाक्य 12:17.
15. यशायाह 61:5, 6 में किस तरह अन्य भेड़ के लोगों और आत्मिक इस्राएल के बीच के रिश्ते के बारे में भविष्यवाणी की गयी है?
15 अन्य भेड़ के लोग इस बात के लिए बहुत खुश और एहसानमंद हैं कि वे दास वर्ग और उसके शासी निकाय की अगुवाई में काम कर रहे हैं। वे कबूल करते हैं कि अभिषिक्त मसीही, “परमेश्वर के इस्राएल” के सदस्य हैं। (गलतियों 6:16) आध्यात्मिक मायने में “परदेशी” और “विदेशी” होने के नाते वे आत्मिक इस्राएल के साथ जुड़े हुए हैं। और ‘हरवाहों’ और ‘दाख की बारी के मालियों’ की हैसियत से वे खुशी-खुशी अभिषिक्त जनों के अधीन काम करते हैं, जो “यहोवा के याजक” और “परमेश्वर के सेवक” हैं। (यशायाह 61:5, 6) अन्य भेड़ के ये लोग जोश के साथ राज्य का सुसमाचार सुनाने और सब जातियों के लोगों को चेला बनाने के काम में हिस्सा लेते हैं। इतना ही नहीं, वे भेड़ समान नए लोगों की देखभाल करने और उनकी चरवाही करने में दास वर्ग का दिलो-जान से हाथ बँटाते हैं।
16. क्या बात अन्य भेड़ के लोगों को विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास का वफादारी से साथ निभाने के लिए उकसाती है?
16 अन्य भेड़ के लोग जानते हैं कि सही समय पर उन्हें आध्यात्मिक भोजन देने के लिए विश्वासयोग्य दास जो कड़ी मेहनत करता है, उससे उन्हें बहुत फायदा हुआ है। वे कबूल करते हैं कि अगर विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास न होता, तो वे अहम विषयों पर बाइबल की अनमोल सच्चाइयों को शायद ही समझ पाते। जैसे, यहोवा के हुकूमत करने का हक, उसके नाम को पवित्र किया जाना, उसका राज्य, नया आकाश और नयी पृथ्वी, आत्मा, मरे हुओं की दशा, साथ ही यहोवा, उसके बेटे और पवित्र आत्मा की सही पहचान। इसलिए ये अन्य भेड़ें, एहसान-भरे दिल से और अपनी वफादारी जताते हुए, इन अंतिम दिनों में धरती पर मौजूद मसीह के अभिषिक्त “भाइयों” का तन-मन से साथ देती हैं।—मत्ती 25:40.
17. शासी निकाय ने क्या करना ज़रूरी समझा है, और अगले लेख में किस बात पर चर्चा की जाएगी?
17 अभिषिक्त मसीहियों की गिनती दिनों-दिन घटती जा रही है, इसलिए वे मसीह की संपत्ति की देखरेख करने के लिए दुनिया की हर कलीसिया में हाज़िर नहीं हो सकते। यही वजह है कि शासी निकाय, यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तरों, ज़िलों, सर्किटों और कलीसियाओं की निगरानी के लिए अन्य भेड़ों में से पुरुषों को नियुक्त करता है। इन उपचरवाहों की तरफ हम जो रवैया दिखाते हैं, क्या उसका असर मसीह और उसके विश्वासयोग्य दास की तरफ हमारी वफादारी पर पड़ता है? इस सवाल पर अगले लेख में चर्चा की जाएगी। (w07 4/1)
[फुटनोट]
a इस विषय पर ज़्यादा जानकारी के लिए प्रहरीदुर्ग के ये अंक देखिए: मार्च 1, 2004, पेज 13-18 और मार्च 1, 1993, पेज 14.
b यह जीवन-कहानी, इस पत्रिका के मार्च 1,1988 (अँग्रेज़ी) के अंक में पेज 10-17 पर प्रकाशित की गयी है।
दोहराने के लिए
• हमारा प्रधान कौन है, और क्या बात दिखाती है कि वह कलीसियाओं की हालत से वाकिफ है?
• जब “मन्दिर” की जाँच की गयी, तो कौन विश्वासयोग्य दास साबित हुआ, और उसे किस संपत्ति पर सरदार ठहराया गया?
• दास वर्ग का वफादारी से साथ निभाने के लिए बाइबल क्या-क्या वजह देती है?
[पेज 23 पर तसवीरें]
“भण्डारी” जिस “संपत्ति” की देखरेख करता है, उसमें इमारतें, आध्यात्मिक कार्यक्रम, और प्रचार काम शामिल है
[पेज 25 पर तसवीर]
अन्य भेड़ के लोग जोश के साथ प्रचार करके विश्वासयोग्य दास वर्ग का साथ देते हैं