अध्याय 6
सहायक सेवकों की सेवा अनमोल है
फिलिप्पी मंडली को प्रेषित पौलुस ने लिखा, “पौलुस और तीमुथियुस, जो मसीह यीशु के दास हैं, फिलिप्पी में रहनेवाले सभी पवित्र जनों को जो मसीह यीशु के साथ एकता में हैं और निगरानी करनेवालों और सहायक सेवकों को यह चिट्ठी लिख रहे हैं।” (फिलि. 1:1) ध्यान दीजिए कि पौलुस ने सहायक सेवकों का भी ज़िक्र किया। उस वक्त सहायक सेवक प्राचीनों की मदद करने में एक अहम भूमिका निभा रहे थे। आज भी ऐसा ही है। सहायक सेवकों की वजह से निगरानी करनेवाले भाइयों को बहुत मदद मिलती है और मंडली में सब काम कायदे से हो पाते हैं।
2 क्या आप जानते हैं, आपकी मंडली के सहायक सेवक कौन हैं? क्या आपको मालूम है कि वे आपके और पूरी मंडली के लिए क्या-क्या काम करते हैं? यहोवा इन भाइयों की मेहनत की बहुत कदर करता है। पौलुस ने लिखा, “जो अच्छी तरह सेवा करते हैं वे अच्छा नाम कमाते हैं और उस विश्वास के बारे में, जो मसीह यीशु में है, बेझिझक बोलने की हिम्मत पाते हैं।”—1 तीमु. 3:13.
शास्त्र में सहायक सेवकों के लिए दी योग्यताएँ
3 सहायक सेवकों से उम्मीद की जाती है कि वे नैतिक तौर पर शुद्ध जीवन जीएँ, साथ ही वे ज़िम्मेदार मसीही हों और अपना काम अच्छी तरह करें। यह बात तीमुथियुस को लिखी पौलुस की चिट्ठी से साफ पता चलती है। उसने बताया कि सहायक सेवकों में क्या-क्या योग्यताएँ होनी चाहिए: “सहायक सेवकों को भी गंभीर होना चाहिए। वे दोगली बातें बोलनेवाले, बहुत ज़्यादा दाख-मदिरा पीनेवाले और बेईमानी की कमाई के लालची न हों। और वे साफ ज़मीर के साथ विश्वास यानी पवित्र रहस्य को थामे रहते हों। यही नहीं, पहले उन्हें परखा जाए कि वे योग्य हैं या नहीं, फिर जब वे निर्दोष पाए जाएँ तो उन्हें सेवकों का काम दिया जाए। सहायक सेवक एक ही पत्नी का पति हो, अपने बच्चों और परिवार की अच्छी तरह से अगुवाई करनेवाला हो।” (1 तीमु. 3:8-10, 12) जब प्राचीन, सहायक सेवक बनने के लिए किसी भाई की सिफारिश करते हैं, तो वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि वह बाइबल में बतायी योग्यताएँ पूरी करे। इससे मंडली की हिफाज़त होती है यानी कोई भी मंडली पर उँगली नहीं उठा सकता कि वहाँ किस तरह के आदमियों को ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाती हैं।
4 सहायक सेवक चाहे जवान हों या बुज़ुर्ग वे हर महीने प्रचार में जोश के साथ हिस्सा लेते हैं। वे प्रचार काम में यीशु जैसा जज़्बा दिखाते हैं। इस तरह वे ज़ाहिर करते हैं कि उन्हें भी यहोवा की तरह इंसानों के उद्धार की फिक्र है।—यशा. 9:7.
5 जो भाई सहायक सेवकों के नाते सेवा करते हैं वे पहनावे, बाल बनाने के तरीके, बातचीत, रवैए और चालचलन में भी अच्छी मिसाल रखते हैं। वे सही सोच बनाए रखते हैं जिस वजह से मंडली में दूसरे उनका आदर करते हैं। इसके अलावा, ये भाई यहोवा के साथ अपने रिश्ते को और मंडली में अपनी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं।—तीतु. 2:2, 6-8.
6 सहायक सेवक बनने से पहले ये भाई ‘परखे गए हैं कि वे योग्य हैं या नहीं।’ उन्होंने इस बात का सबूत दिया है कि वे अपनी ज़िम्मेदारियाँ गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने अपने जीने के तरीके से दिखाया है कि वे राज के काम को पहली जगह देते हैं और मंडली में कोई भी ज़िम्मेदारी उठाने के लिए मेहनत करते हैं। मंडली में दूसरों के लिए वे वाकई बढ़िया मिसाल हैं!—1 तीमु. 3:10.
वे किन तरीकों से सेवा करते हैं?
7 सहायक सेवक कई तरीकों से अपने भाई-बहनों की मदद करते हैं, इसलिए प्राचीन, मंडली को सिखाने और उसकी देखभाल करने की ज़िम्मेदारियों पर ज़्यादा ध्यान दे पाते हैं। मंडली में सहायक सेवकों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ सौंपते वक्त, प्राचीनों का निकाय पहले देखता है कि उनमें कौन-कौन-सी काबिलीयतें हैं और मंडली की क्या ज़रूरतें हैं।
सहायक सेवक कई तरीकों से मदद करते हैं, इसलिए प्राचीन, मंडली को सिखाने और उसकी देखभाल करने की ज़िम्मेदारियों पर ध्यान दे पाते हैं
8 आइए इनकी कुछ ज़िम्मेदारियों पर गौर करें। एक सहायक सेवक को मंडली के साहित्य की देखरेख करने की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। इस भाई की मदद से हम सभी, अपने लिए और प्रचार में दूसरों को देने के लिए साहित्य ले सकते हैं। दूसरे सहायक सेवकों को मंडली का हिसाब-किताब रखने या प्रचार के इलाके का रिकॉर्ड रखने की ज़िम्मेदारी दी जाती है। कुछ सहायक सेवकों को माइक और साउंड सिस्टम सँभालने, मददगार (अटेंडंट) के तौर पर सेवा करने और दूसरे तरीकों से प्राचीनों की मदद करने का काम सौंपा जाता है। राज-घर के रख-रखाव और उसे साफ-सुथरा रखने के लिए काफी काम करना पड़ता है। इन कामों के लिए अकसर सहायक सेवकों की मदद ली जाती है।
9 कुछ मंडलियों में शायद इतने सहायक सेवक हों कि हरेक को एक-एक ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। कुछ मामलों में, एक ही काम की देखरेख के लिए एक-से-ज़्यादा सहायक सेवकों को चुना जा सकता है। लेकिन कुछ मंडलियों में शायद एक ही सहायक सेवक बहुत-सी ज़िम्मेदारियाँ सँभाले। अगर किसी मंडली में सहायक सेवक काफी नहीं हैं, तो प्राचीनों का निकाय ज़रूरी कामों के लिए ऐसे भाइयों को चुन सकता है, जिनका बपतिस्मा हो चुका है और जो मंडली में अच्छी मिसाल हैं। इस तरह इन भाइयों को वह तजुरबा हासिल होगा, जो सहायक सेवक बनने पर उनके काम आएगा। अगर मंडली में भाई न हों, तो अच्छी मिसाल रखनेवाली एक बहन को कुछ काम-काज में हाथ बँटाने के लिए कहा जा सकता है, हालाँकि वह सहायक सेवक नहीं बनेगी। मंडली में अच्छी मिसाल रखनेवाले भाई या बहन वे होते हैं जो चालचलन और उपासना के मामले में दूसरों के लिए अच्छे उदाहरण रखते हैं। सभाओं, प्रचार, पारिवारिक जीवन, मनोरंजन, पहनावा और बनाव-सिंगार जैसे मामलों में वे दूसरों के लिए अच्छी मिसाल रखते हैं।
10 जिन मंडलियों में बहुत कम प्राचीन हैं, वहाँ शायद काबिल सहायक सेवकों से कहा जाए कि वे प्रचारकों से उन सवालों पर चर्चा करें, जो आम तौर पर बपतिस्मे से पहले किए जाते हैं। वे उनके साथ बाइबल की शिक्षाओं से जुड़े सवालों पर चर्चा करेंगे। ये सवाल इस किताब के अतिरिक्त लेख में दिए हैं। सहायक सेवक सिर्फ “भाग 1: मसीही शिक्षाएँ” में दिए सवालों पर चर्चा कर सकते हैं। मगर “भाग 2: मसीही ज़िंदगी” में प्रचारक की निजी ज़िंदगी से जुड़े नाज़ुक मामलों पर बात की गयी है, इसलिए इस भाग पर एक प्राचीन को ही चर्चा करनी चाहिए।
11 समय-समय पर प्राचीनों का निकाय शायद किसी वाजिब कारण से सहायक सेवकों की ज़िम्मेदारियों में कुछ फेरबदल करे। लेकिन देखा गया है कि जब सहायक सेवकों को एक ही ज़िम्मेदारी लंबे समय तक सँभालने दिया जाता है, तो वे तजुरबा हासिल करते हैं और अपने काम में और भी हुनरमंद बन जाते हैं।
12 मंडली के हालात को ध्यान में रखते हुए, कुछ और ज़िम्मेदारियाँ भी सहायक सेवकों को दी जा सकती हैं, क्योंकि ये ऐसे भाई हैं जिनकी “तरक्की सब लोगों को साफ दिखायी” देती है। (1 तीमु. 4:15) अगर एक मंडली में बहुत कम प्राचीन हैं, तो एक सहायक सेवक को समूह निगरान का सहायक चुना जा सकता है। कुछ मामलों में उसे समूह सेवक बनाया जा सकता है जो प्राचीनों की निगरानी में काम करेगा। सहायक सेवकों को ‘मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा’ के कुछ भाग पेश करने और अगर ज़रूरी हो तो मंडली बाइबल अध्ययन चलाने और जन भाषण देने के लिए भी कहा जा सकता है। कभी-कभी सहायक सेवकों को ज़रूरत के हिसाब से दूसरी ज़िम्मेदारियाँ भी दी जा सकती हैं, बशर्ते वे उन ज़िम्मेदारियों को उठाने के योग्य हों। (1 पत. 4:10) प्राचीनों की मदद करने के लिए सहायक सेवकों को खुशी-खुशी आगे आना चाहिए।
13 भले ही सहायक सेवकों का काम प्राचीनों के काम से अलग है, फिर भी यह परमेश्वर की पवित्र सेवा का एक भाग है। साथ ही, मंडली का काम बिना किसी रोक-टोक के चले इसके लिए उनकी मदद बेहद ज़रूरी है। अगर सहायक सेवक अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छी तरह निभाते हैं और मंडली में चरवाहे और शिक्षक बनकर सेवा करने के काबिल हो जाते हैं, तो समय आने पर उन्हें प्राचीन बनाने की सिफारिश की जा सकती है।
14 अगर आप एक नौजवान भाई हैं या आपका हाल ही में बपतिस्मा हुआ है, तो क्या आप सहायक सेवक बनने के लिए आगे बढ़ रहे हैं? (1 तीमु. 3:1) हर साल बहुत-से लोग सच्चाई कबूल करके संगठन का हिस्सा बन रहे हैं, इसलिए मंडलियों में ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के लिए प्रौढ़ और काबिल भाइयों की ज़रूरत है। अगर आप इन ज़िम्मेदारियों के योग्य बनना चाहते हैं, तो दूसरों की सेवा करने की इच्छा पैदा कीजिए। ऐसा करने का एक तरीका है यीशु की बढ़िया मिसाल पर मनन करना। (मत्ती 20:28; यूह. 4:6, 7; 13:4, 5) दूसरों की सेवा करने की यह इच्छा तब और बढ़ जाएगी जब आप देखेंगे कि दूसरों की मदद करने से कितनी खुशी मिलती है। (प्रेषि. 20:35) इस वजह से अलग-अलग तरीकों से दूसरों की मदद कीजिए, राज-घर के रख-रखाव में हाथ बँटाइए या ‘मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा’ में जब एक विद्यार्थी नहीं आता, तो उसका भाग पेश करने के लिए तैयार रहिए। ज़िम्मेदारी के काबिल बनने के लिए नियमित तौर पर निजी अध्ययन कीजिए और अपने अंदर परमेश्वर के जैसे गुण बढ़ाइए। (भज. 1:1, 2; गला. 5:22, 23) इसके अलावा, मंडली में जो काम सौंपे जाते हैं, उन्हें पूरा करने में भरोसेमंद और विश्वासयोग्य बनिए।—1 कुरिं. 4:2.
15 मंडली की भलाई के लिए सहायक सेवकों को पवित्र शक्ति से नियुक्त किया जाता है। जब सहायक सेवक अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हैं, तो मंडली के सभी भाई-बहन उन्हें सहयोग देकर उनकी मेहनत की कदर करते हैं। इस तरह, मंडली यहोवा के उस इंतज़ाम की कदर कर रही होगी, जो उसने अपने घराने को कायदे से चलाने के लिए किया है।—गला. 6:10.