“उदार और सहायता देने में तत्पर हों”
सदियों पहले पौलुस ने अपने संगी विश्वासियों को उत्साह दिलाने के लिए, तीमुथियुस के ज़रिए कुछ ऐसी हिदायतें दीं कि वे “भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें; और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।” (1 तीमु. 6:18) पौलुस ने इब्रानी मसीहियों को ये भी याद दिलाया कि वे “भलाई करना और उदारता दिखाना” न भूलें। (इब्रा. 13:16, NHT) उसने ऐसी हिदायतें क्यों दी? क्योंकि वह जानता था कि “प्रत्येक मनुष्य को जो भला करता है, महिमा, आदर और शान्ति प्राप्त होगी।”—रोमि. 2:10; NHT.
2 आकाश और पृथ्वी पर जो कुछ है सब यहोवा परमेश्वर की सृष्टि है। वह इन सबका मालिक है। (प्रका. 4:11) जिस तरह यहोवा परमेश्वर ने ये सारी वस्तुएँ हमें इस्तेमाल करने के लिये दी हैं, तो क्या हमें उसका शुक्रगुज़ार नहीं होना चाहिए? बेशक। हालाँकि आज कई लोग उसका बिलकुल एहसान नहीं मानते फिर भी वह दिल खोलकर ऐसी सारी चीज़ें सबको दे रहा है ताकि लोगों का जीवन चलता रहे। (मत्ती 5:45) यहाँ तक कि उसने इंसानों के लिए अपने सबसे प्यारे बेटे को भी बलिदान कर दिया ताकि उन्हें अनंत जीवन मिल सके। यहोवा और यीशु का यह प्यार देखकर क्या हमारा दिल नहीं करता कि हम भी उदार बनकर यह दिखाएँ कि हम सचमुच उसके आभारी हैं?—2 कुरि. 5:14, 15.
3 हम क्या दे सकते हैं? जो कुछ आपके पास है उसे यहोवा की सेवा में निछावर करके उसके दिल को खुश कीजिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि हम सब आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से दुनिया भर में चल रहे राज्य के काम के लिये सहयोग देना चाहते हैं। बेशक, राज्य का यह सुसमाचार एक ऐसा खज़ाना है जो हर इंसान पा सकता है, इसलिए कि इसी सुसमाचार के द्वारा उद्धार मिल सकता है, जो कि “परमेश्वर की सामर्थ्य है।” (रोमि. 1:16) अगर हम हर महीने अपने समय और साधनों को उदारता से प्रचार और सिखाने के कामों में इस्तेमाल करते हैं तो हम इस आध्यात्मिक खज़ाने को कई लोगों में बाँट सकते हैं जिससे वे अनंत जीवन पा सकेंगे।
4 जब हम ज़रूरतमंद लोगों की मदद करते हैं तो यहोवा बहुत खुश होता है। वह हमें आशीष देने का सिर्फ वादा ही नहीं करता, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि “कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म मृत्यु से भी बचाता है।” (नीति. 11:4; 19:17) अगर हम राज्य के काम में आर्थिक रूप से मदद देते हैं और प्रचार के काम को पूरे दिल से करते हैं, तो इससे साफ ज़ाहिर होता है कि हम दूसरों के साथ अपना सबकुछ बाँटने के लिए तैयार हैं। उदारता दिखाने का इससे और बढ़िया तरीका क्या हो सकता है!