झूठी उपासना से कोई नाता मत रखो!
“[यहोवा] कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ।”—2 कुरिन्थियों 6:17.
1. आज कई नेकदिल लोगों की आध्यात्मिक हालत कैसी है?
दुनिया में ऐसे कई नेकदिल लोग हैं जो परमेश्वर के बारे में सच्चाई नहीं जानते, ना ही यह कि इंसानों के आगे कैसा भविष्य है। ये सवाल उनकी आध्यात्मिकता से गहरा ताल्लुक रखते हैं। मगर इनके जवाब जानने की गहरी ख्वाहिश रखने पर भी उन्हें इनका जवाब नहीं मिला है। इसलिए वे उलझन में हैं और भविष्य को लेकर बेहद परेशान हैं। इनके अलावा, दुनिया-भर में करोड़ों लोग ऐसे अंधविश्वास, रीति-रिवाज़ और त्योहारों के गुलाम बन चुके हैं जिनसे परमेश्वर को नफरत है। हो सकता है, आपके आस-पड़ोस में रहनेवाले लोग या रिश्तेदार भी मानते हों कि मरने के बाद इंसान को नरक की आग में तड़पाया जाता है, परमेश्वर त्रियेक है और हमारे अंदर अमर आत्मा होती है या फिर वे ऐसी ही दूसरी झूठी शिक्षाओं पर विश्वास करते हों।
2. धर्म के अगुवों ने क्या किया है, और इसका नतीजा क्या हुआ है?
2 दुनिया-भर में फैले इस आध्यात्मिक अंधकार के लिए कौन ज़िम्मेदार है? और कोई नहीं बल्कि दुनिया के धर्म। खासकर इनके धार्मिक अगुवे जिन्होंने ऐसी शिक्षाओं को बढ़ावा दिया है जो परमेश्वर के विचारों के खिलाफ हैं। (मरकुस 7:7, 8) दरअसल इनके भुलावे में आकर लोगों को यकीन हो जाता है कि वे सच्चे ईश्वर की उपासना कर रहे हैं, जबकि असल में इन शिक्षाओं और रीति-रिवाज़ों को मानकर वे सच्चे परमेश्वर को नाराज़ करनेवाले काम करते हैं। लोगों के साथ इतने बड़े धोखे के लिए झूठा धर्म कसूरवार है।
3. झूठे धर्म को बढ़ावा देने में कौन सबसे आगे है, और उसके बारे में बाइबल क्या बताती है?
3 झूठे धर्म के पीछे एक ऐसी हस्ती का भी हाथ है जो इंसानों को दिखायी नहीं देती। उसका पर्दाफाश करते हुए प्रेरित पौलुस ने लिखा: “उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।” (2 कुरिन्थियों 4:4) ‘इस संसार का ईश्वर’ और कोई नहीं बल्कि शैतान इब्लीस है। झूठे धर्म की जड़ वही है और इसे बढ़ावा देने में भी वही सबसे आगे है। पौलुस लिखता है: “यह कुछ अचम्भे की बात नहीं क्योंकि शैतान आप भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है। सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं।” (2 कुरिन्थियों 11:14, 15) शैतान ही वह हस्ती है जो बुरी चीज़ों को अच्छी बनाकर पेश करता है और लोगों को झूठ पर यकीन करने के लिए भरमाता है।
4. झूठे भविष्यवक्ताओं के बारे में परमेश्वर के प्राचीन कानून में क्या कहा गया था?
4 इसलिए ताज्जुब नहीं कि बाइबल, झूठे धर्म की कड़े शब्दों में निंदा करती है और इससे दूर रहने को कहती है! मिसाल के लिए, मूसा की व्यवस्था में खास तौर पर परमेश्वर ने अपने चुने हुए लोगों को झूठे भविष्यवक्ताओं से खबरदार किया था। जो कोई झूठी धर्म-शिक्षाओं को या झूठे देवताओं की उपासना को बढ़ावा देता उसे “यहोवा के मार्ग से बहकाने की बात” कहने का दोषी मानकर ‘मार डाला जाना था।’ इस्राएलियों को आज्ञा दी गयी थी कि वे ‘अपने बीच में से ऐसी बुराई को दूर कर दें।’ (व्यवस्थाविवरण 13:1-5) जी हाँ, यहोवा की नज़र में झूठा धर्म एक बुराई या दुष्टता है।—यहेजकेल 13:3.
5. आज हमें किन चेतावनियों को मानने की ज़रूरत है?
5 यीशु मसीह और उसके प्रेरित भी झूठे धर्म के बारे में ऐसा ही महसूस करते थे जैसा यहोवा करता है। यीशु ने अपने चेलों को खबरदार किया था: “झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले भेड़िए हैं।” (मत्ती 7:15; मरकुस 13:22, 23) पौलुस ने लिखा कि “परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को . . . दबाए रखते हैं।” (रोमियों 1:18) इसलिए यह कितना ज़रूरी है कि सच्चे मसीही इन चेतावनियों को मानें और ऐसे किसी भी इंसान से बिलकुल दूर रहें जो परमेश्वर के वचन के सत्य को दबाता है या झूठी शिक्षाएँ फैलाता है!—1 यूहन्ना 4:1.
‘बड़े बाबुल’ से निकल आओ
6. बाइबल में ‘बड़े बाबुल’ की क्या तसवीर पेश की गयी है?
6 आइए गौर करें कि बाइबल की प्रकाशितवाक्य की किताब में झूठे धर्म को किसके समान बताया गया है। इसे एक ऐसी वेश्या बताया गया है जो पीकर मतवाली हो रही है और जो बहुत सारे राज्यों और लोगों पर हुकूमत कर रही है। दर्शन में दिखाया गया है कि यह वेश्या कई राजाओं के साथ व्यभिचार करती है और परमेश्वर के सच्चे उपासकों का लहू पीकर मतवाली हो रही है। (प्रकाशितवाक्य 17:1, 2, 6, 18) साथ ही उसके माथे पर उसका नाम लिखा हुआ है जो उसके घृणित कामों और घिनौने आचरण के मुताबिक बिलकुल सही है। वह नाम है, “बड़ा बाबुल पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता।”—प्रकाशितवाक्य 17:5.
7, 8. कैसे झूठे धर्म ने वेश्यापन किया है, और इसका अंजाम क्या हुआ है?
7 शास्त्र में दिए ब्यौरे के मुताबिक बड़े बाबुल का मतलब है, दुनिया के सभी झूठे धर्म। हालाँकि आज दुनिया में पाए जानेवाले हज़ारों धर्म साथ मिलकर काम करनेवाला एक संगठन नहीं हैं, लेकिन इनका मकसद और काम एक जैसे हैं। जैसा प्रकाशितवाक्य में दिखाया गया है, ये झूठे धर्म एक बदचलन औरत की तरह हैं जिनका दुनिया की सरकारों पर ज़बरदस्त जादू चलता है। ये उस स्त्री की तरह हैं जो एक पति की होकर नहीं रहती बल्कि एक-के-बाद-एक अलग-अलग राजनैतिक ताकतों से याराना करती रहती है। लेकिन चेले याकूब ने यह लिखा था: “हे व्यभिचारिणियो, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है? सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है।”—याकूब 4:4.
8 दुनिया की सरकारों के साथ झूठे धर्म के इस याराने से इंसानों पर ढेरों मुसीबतें आयी हैं। अफ्रीका के राजनैतिक विश्लेषक डॉ. ओनेना माँगू ने लिखा: “दुनिया का इतिहास, धर्म और राजनीति की दोस्ती की मिसालों से भरा पड़ा है जिसकी वजह से एक ही वक्त में पूरी-की-पूरी जातियों का कत्लेआम किया गया है।” हाल ही में एक अखबार में कहा गया था: “आज सबसे ज़्यादा वहशियाना और खौफनाक खून-खराबा . . . धर्म के नाम पर किया जाता है।” ऐसी लड़ाइयों ने करोड़ों जानें ली हैं जिनमें धर्म ने बढ़-चढ़कर इनका साथ दिया है। यहाँ तक कि बड़े बाबुल ने परमेश्वर के सच्चे सेवकों पर ज़ुल्म किए हैं और उन्हें मौत के घाट उतारा है, मानो यह उनका लहू पी-पीकर मतवाली हो रही है।—प्रकाशितवाक्य 18:24.
9. यहोवा को झूठे धर्म से कितनी नफरत है, यह प्रकाशितवाक्य की किताब से कैसे पता चलता है?
9 बड़े बाबुल का जो अंजाम होनेवाला है, उससे साफ पता चलता है कि यहोवा को इस झूठे धर्म से सख्त नफरत है। प्रकाशितवाक्य 17:16 कहता है: “जो दस सींग तू ने देखे, वे और पशु उस वेश्या से बैर रखेंगे, और उसे लाचार और नङ्गी कर देंगे; और उसका मांस खा जाएंगे, और उसे आग में जला देंगे।” सबसे पहले एक बड़ा जन्तु इसे चीर-फाड़ डालेगा और उसके शरीर को खा जाएगा। इसके बाद इसका जो कुछ बचेगा वह आग में जला दिया जाएगा। इसी तरह दुनिया की सरकारें जल्द ही झूठे धर्म के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। यह काम परमेश्वर उनसे करवाएगा। (प्रकाशितवाक्य 17:17) बड़े बाबुल यानी दुनिया में साम्राज्य की तरह फैले झूठे धर्म का अंजाम विनाश है। “फिर कभी उसका पता न मिलेगा।”—प्रकाशितवाक्य 18:21.
10. झूठे धर्म के बारे में हमारा क्या नज़रिया होना चाहिए?
10 सच्ची उपासना करनेवालों को बड़े बाबुल के बारे में कैसा नज़रिया रखना चाहिए? इस बारे में जवाब के लिए हमें अटकलें लगाने की ज़रूरत नहीं क्योंकि बाइबल कड़े शब्दों में उन्हें हुक्म देती है: “हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ; कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उस की विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।” (प्रकाशितवाक्य 18:4) जो लोग अपनी जान गँवाना नहीं चाहते उन्हें बिना देर किए झूठे धर्म से निकल आना चाहिए। यीशु मसीह जब धरती पर था तो उसने बताया था कि अन्त के दिनों में ऐसे बहुत से लोग होंगे जो सिर्फ नाम के लिए उसका हुक्म मानने का दावा कर रहे होंगे। (मत्ती 24:3-5) ऐसों से वह कहता है: “मैं ने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ।” (मत्ती 7:23) आज यीशु मसीह स्वर्ग में एक राजा की हैसियत से राज कर रहा है और वह झूठे धर्म को माननेवालों से कोई वास्ता नहीं रखना चाहता।
झूठे धर्म से दूर रहें—कैसे?
11. झूठी उपासना से पूरी तरह दूर रहने में कौन-कौन-सी बातें हमारी मदद करेंगी?
11 सच्चे मसीही झूठी उपासना से दूर रहते हैं। वे झूठी धार्मिक शिक्षाओं से कोई भी नाता नहीं रखते। इसका मतलब है कि वे रेडियो और टी.वी. पर आनेवाले ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों को हरगिज़ नहीं सुनते और ऐसा साहित्य नहीं पढ़ते जो परमेश्वर और उसके वचन के बारे में झूठी-झूठी बातें सिखाते हैं। (भजन 119:37) साथ ही हम बुद्धिमानी से काम लेकर, ऐसी किसी भी पार्टी, खेल-कूद या मनोरंजन के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते जिनका आयोजन झूठे धर्म से जुड़ी कोई भी संस्था करती है। इसके अलावा, हम किसी भी तरह से झूठी उपासना को बढ़ावा नहीं देते। (1 कुरिन्थियों 10:21) अगर हम ये सारी एहतियात बरतेंगे, तो इससे हमारी हिफाज़त होगी और कोई हमें “उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर” या शिकार नहीं कर पाएगा “जो मनुष्यों के परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है, पर मसीह के अनुसार नहीं।”—कुलुस्सियों 2:8.
12. एक इंसान किस तरह खुद को झूठे धार्मिक संगठनों के हर बंधन से आज़ाद कर सकता है?
12 लेकिन तब क्या अगर कोई नया व्यक्ति यहोवा का साक्षी बनने की ख्वाहिश रखता है, मगर किसी झूठे धार्मिक संगठन में एक सदस्य के तौर पर उसका नाम अभी-भी दर्ज़ है? ज़्यादातर मामलों में उस व्यक्ति का उस संगठन को अपना त्यागपत्र देना यह साबित करेगा कि अब से वह उस झूठे धर्म का सदस्य नहीं है। ऐसे इंसान के लिए फौरन कार्रवाई करना बेहद ज़रूरी है ताकि वह झूठी उपासना से किसी भी तरह से अशुद्ध न होने पाए। जो नए लोग साक्षी बनना चाहते हैं उनके कामों से उनके पुराने धार्मिक संगठन और आम लोगों पर यह साफ ज़ाहिर हो जाना चाहिए कि उन्होंने उस संगठन से नाता तोड़ लिया है।
13. झूठी उपासना से कोई भी नाता न रखने की ज़रूरत के बारे में बाइबल क्या सलाह देती है?
13 प्रेरित पौलुस ने लिखा था: “अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धार्मिकता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति? और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता? और मूरतों के साथ परमेश्वर के मन्दिर का क्या सम्बन्ध? . . . इसलिये प्रभु कहता है, कि उन के बीच में से निकलो और अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ।” (2 कुरिन्थियों 6:14-17) झूठी उपासना से पूरी तरह नाता तोड़ने पर ही हम इस आज्ञा को मान रहे होंगे। लेकिन क्या पौलुस की सलाह का यह मतलब है कि हम झूठी उपासना करनेवाले इंसानों से भी दूर रहें?
“बुद्धिमानी से बर्ताव करो”
14. क्या झूठी उपासना करनेवालों से हमें कोई भी नाता नहीं रखना चाहिए? समझाइए।
14 क्या सच्ची उपासना करनेवालों को झूठी उपासना करनेवालों से किसी भी किस्म का नाता नहीं रखना चाहिए? क्या हमें ऐसे लोगों से बिलकुल मुँह फेर लेना चाहिए जो हमारे विश्वासों से सहमत नहीं हैं? नहीं, हमें ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। सबसे बड़ी दो आज्ञाओं में से दूसरी यह कहती है: “तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।” (मत्ती 22:39) जब हम दूसरों को राज्य की खुशखबरी सुनाते हैं तो हम उनके लिए अपना प्यार ज़ाहिर करते हैं। इसके अलावा, जब हम उनके साथ बाइबल का अध्ययन करते हैं और उन्हें चिताते हैं कि वे झूठी उपासना से खुद को शुद्ध रखें, तब भी हम उनके लिए अपना प्यार ज़ाहिर कर रहे होते हैं।
15. ‘संसार के न होने’ का क्या मतलब है?
15 हम अपने पड़ोसियों को राज्य का सुसमाचार ज़रूर सुनाते हैं, लेकिन यीशु के चेले होने के नाते हम “संसार के नहीं” हैं। (यूहन्ना 15:19) यहाँ “संसार” शब्द का मतलब इंसानों का वह समाज है जो परमेश्वर से दूर है। (इफिसियों 4:17-19; 1 यूहन्ना 5:19) हम संसार के नहीं हैं क्योंकि हम इसके रवैए, बोलचाल, और आचरण से दूर रहते हैं जिससे यहोवा नाराज़ होता है। (1 यूहन्ना 2:15-17) इसके अलावा, बाइबल में दिए इस सिद्धांत को मानकर कि “बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है,” हम ऐसे लोगों से गहरी दोस्ती नहीं रखते जो मसीही स्तरों के मुताबिक नहीं चलते। (1 कुरिन्थियों 15:33) संसार के न होने का मतलब है, “संसार से निष्कलंक” रहना। (याकूब 1:27) इसलिए संसार से दूर रहने का मतलब यह नहीं है कि हम दूसरे इंसानों से कोई भी नाता न रखें।—यूहन्ना 17:15, 16; 1 कुरिन्थियों 5:9, 10.
16, 17. जो लोग बाइबल की सच्चाई से वाकिफ नहीं हैं, उनके साथ मसीहियों को कैसा बर्ताव करना चाहिए?
16 तो फिर, हमें उन लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए जिन्हें बाइबल की सच्चाइयाँ मालूम नहीं हैं? पौलुस ने कुलुस्से की कलीसिया को लिखा था: “अवसर को बहुमूल्य समझकर बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो। तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए।” (कुलुस्सियों 4:5, 6) प्रेरित पतरस ने लिखा: “मसीह को प्रभु जानकर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय [“आदर,” बुल्के बाइबिल] के साथ।” (1 पतरस 3:15) पौलुस ने मसीहियों को यह नसीहत भी दी थी: “किसी को बदनाम न करें; झगड़ालू न हों; पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें।”—तीतुस 3:2.
17 हम यहोवा के साक्षी हैं, इसलिए हम दूसरों के साथ कठोर या अक्खड़ लोगों की तरह बर्ताव नहीं करेंगे। दूसरे धर्म के लोगों का ज़िक्र करते वक्त हम ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे जिनसे उनकी बेइज़्ज़ती हो। इसके बजाय चाहे प्रचार में मिलनेवाले लोग, पड़ोसी या साथ काम करनेवाले हमारे साथ अच्छा सलूक न करें या हमें बुरा-भला कहें, हम फिर भी समझदारी और कुशलता के साथ उनसे व्यवहार करेंगे।—कुलुस्सियों 4:6; 2 तीमुथियुस 2:24.
‘खरी बातों के आदर्श’ को थामे रहिए
18. जो लोग सच्चाई में आने के बाद दोबारा झूठी उपासना में चले जाते हैं, उनकी कैसी बुरी आध्यात्मिक दशा हो जाती है?
18 बाइबल से सच्चाई जानने के बाद अगर एक इंसान वापस झूठे धर्म में चला जाए, तो इससे बड़े दुःख की बात भला क्या होगी! ऐसे लोगों का जो हश्र होता है उसके बारे में बाइबल यह कहती है: “जब वे प्रभु और उद्धारकर्त्ता यीशु मसीह की पहचान के द्वारा संसार की नाना प्रकार की अशुद्धता से बच निकले, और फिर उन में फंसकर हार गए, तो उन की पिछली दशा पहिली से भी बुरी हो गई है। . . . उन पर यह कहावत ठीक बैठती है, कि कुत्ता अपनी छांट की ओर और धोई हुई सूअरनी कीचड़ में लोटने के लिये फिर चली जाती है।”—2 पतरस 2:20-22.
19. ऐसी हर बात से खबरदार रहने की ज़रूरत क्यों है जो हमारी आध्यात्मिकता को खतरे में डाल सकती है?
19 हमें ऐसी हर बात से खबरदार रहना चाहिए जो हमारी आध्यात्मिकता को खतरे में डाल सकती है। यह खतरा हमेशा बना रहता है। प्रेरित पौलुस हमें होशियार करता है: “परन्तु आत्मा स्पष्टता से कहता है, कि आनेवाले समयों में कितने लोग भरमानेवाली आत्माओं, और दुष्टात्माओं की शिक्षाओं पर मन लगाकर विश्वास से बहक जाएंगे।” (1 तीमुथियुस 4:1) हम इन्हीं “आनेवाले समयों में” जी रहे हैं। जो लोग झूठी उपासना से खुद को दूर नहीं करते वे “मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए” जा सकते हैं।—इफिसियों 4:13,14.
20. हम झूठे धर्म के विनाशकारी असर से खुद को कैसे बचाए रख सकते हैं?
20 हम झूठे धर्म के विनाशकारी असर से खुद को कैसे बचाए रख सकते हैं? यहोवा ने हमारी मदद के लिए जो कुछ दिया है उस पर ध्यान कीजिए। उसने हमारी हिफाज़त के लिए अपना वचन बाइबल हमें दिया है। (2 तीमुथियुस 3:16, 17) साथ ही, यहोवा ने “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के ज़रिए हमें आध्यात्मिक भोजन का भंडार दिया है। (मत्ती 24:45) सच्चाई में तरक्की करने के साथ-साथ, क्या हमें उस “अन्न” के लिए लालसा पैदा नहीं करनी चाहिए जो “सयानों के लिये” होता है और क्या हमें उन सभाओं में इकट्ठा होने की इच्छा नहीं होनी चाहिए जहाँ हम आध्यात्मिक सच्चाइयाँ सीखते हैं? (इब्रानियों 5:13, 14; भजन 26:8) तो आइए हम यहोवा के इन सारे इंतज़ामों से पूरा-पूरा फायदा उठाने की ठान लें, ताकि जो “खरी बातें” हमने सुनी हैं उनके “आदर्श” को हम थामे रहें। (2 तीमुथियुस 1:13) इस तरह हम झूठी उपासना से कोई भी नाता नहीं रखेंगे।
आपने क्या सीखा?
• “बड़ा बाबुल” क्या है?
• झूठे धर्म से दूर रहने के लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है?
• हमारी आध्यात्मिकता के लिए खतरा बननेवाली किन बातों से हमें बचकर रहना है?
[पेज 28 पर तसवीर]
क्या आप जानते हैं कि ‘बड़े बाबुल’ को एक बदचलन स्त्री क्यों बताया गया है?
[पेज 29 पर तसवीर]
‘बड़े बाबुल’ का सर्वनाश तय है
[पेज 31 पर तसवीर]
जो हमारे विश्वासों को नहीं मानते, उनके साथ हम ‘नम्रता और आदर’ से पेश आते हैं