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ऐसी बोली बोलिए जो “हिम्मत बँधाएँ”“खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
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7, 8. हमारी बोली के लिए यहोवा हमसे किस हद तक हिसाब लेता है?
7 अपनी ज़बान पर लगाम रखने की तीसरी वजह यह है कि हम जो बातें बोलते हैं, उसके लिए यहोवा हमसे हिसाब लेगा। हम अपनी ज़बान का जिस तरह इस्तेमाल करते हैं, उसका असर न सिर्फ दूसरे इंसानों के साथ हमारे रिश्ते पर होता है बल्कि यहोवा के साथ हमारे रिश्ते पर भी होता है। याकूब 1:26 कहता है, “अगर कोई आदमी खुद को परमेश्वर की उपासना करनेवाला समझता है मगर अपनी ज़बान पर कसकर लगाम नहीं लगाता, तो वह अपने दिल को धोखा देता है और उसका उपासना करना बेकार है।” जैसा हमने पिछले अध्याय में देखा हमारी बोली, हमारी उपासना से जुदा नहीं है। अगर हमारी ज़बान बेलगाम है और हम इससे जली-कटी, ज़हरीली बातें उगलते रहते हैं, तो परमेश्वर की सेवा में हमारे सारे काम उसकी नज़र में बेकार ठहरते हैं। क्या यह एक गंभीर बात नहीं?—याकूब 3:8-10.
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ऐसी बोली बोलिए जो “हिम्मत बँधाएँ”“खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
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b बाइबल में शब्द “अशुद्धता” कई तरह के पापों के लिए इस्तेमाल किया गया है। यह सच है कि हर किस्म की अशुद्धता के लिए मंडली में न्यायिक कार्रवाई की ज़रूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर कोई घोर अशुद्धता के काम करता रहता है और इन्हें छोड़कर पश्चाताप नहीं करता तो ऐसे व्यक्ति को मंडली से निकाला जा सकता है।—2 कुरिंथियों 12:21; इफिसियों 4:19; अक्टूबर-दिसंबर 2009 की प्रहरीदुर्ग का लेख, “पाठकों के प्रश्न” देखिए।
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