सम्राट ट्रेजन और रोमी प्रांत बितूनिया और पुन्तुस के राज्यपाल, प्लीनी द यंगर ने एक-दूसरे को जो चिट्ठियाँ लिखीं, उनसे पता चलता है कि पुन्तुस के मसीहियों को सताया जा रहा था। करीब ईसवी सन् 112 में प्लीनी ने एक खत में लिखा कि मसीही धर्म “छूत की बीमारी” की तरह सब लोगों में फैल रहा है, चाहे वे आदमी हों या औरत, बूढ़े हों या बच्चे, अमीर हों या गरीब। उसने मसीहियों से कहा कि वे या तो अपना धर्म छोड़ दें या मरने के लिए तैयार हो जाएँ। जिन लोगों ने मसीह की निंदा की या दूसरे ईश्वरों या सम्राट ट्रेजन की मूर्ति के आगे प्रार्थना की, उन्हें रिहा कर दिया गया। मगर प्लीनी ने यह भी माना कि “जो लोग पक्के मसीही हैं वे कभी अपने विश्वास से समझौता नहीं करते।”