धैर्यपूर्वक इंतज़ार कीजिए
एक चरवाहा आस-पास भेड़िया नहीं होने के बावजूद भी बार-बार “भेड़िया आया! भेड़िया आया!” चिल्लाता था। आखिरकार जब उसने सही में मदद के लिए पुकारा तो कोई भी नहीं आया। उसी तरह आज भी, अनेक लोग यहोवा के दिन की नज़दीकी को नज़रअंदाज़ करते हैं क्योंकि उन लोगों ने अनगिनत चेतावनियाँ सुनी हैं जो झूठी साबित हुईं। यह सच है कि इतने सारे लोग यह नहीं समझ पाते कि कौन-सी चेतावनी सच्ची है और कौन-सी चेतावनी को मानना चाहिए। इस बात का फायदा परमेश्वर का बड़ा शत्रु, शैतान, वही झूठा “ज्योतिर्मय स्वर्गदूत” उठाता है।—२ कुरिन्थियों ११:१४.
निश्चिंत नज़रिया खतरनाक हो सकता है, ऐसों के लिए भी जिन्होंने कुछ समय से यहोवा की सेवा की है। क्यों? पहली सदी में प्रेरित पतरस द्वारा दी गयी चेतावनी पर गौर फरमाइए।
ध्यान से सोचिए
पतरस की दूसरी ईश्वर-प्रेरित पत्री प्रारंभिक मसीहियों के लिए एक अनुस्मारक थी और यह हमारे लिए भी है। “हे प्रियो,” वह लिखता है, “अब यह दूसरा पत्र लिख कर मैं स्मरण दिलाते हुए तुम्हारे सच्चे मन को उभार रहा हूँ।” (२ पतरस ३:१, NHT) पतरस की ऐसी परवाह का कारण क्या था? पतरस ठट्ठा उड़ानेवालों की मौजूदगी की ओर खास ध्यान आकर्षित करता है। ऐसे ठट्ठा उड़ानेवाले, जिस समय में परमेश्वर के सेवक जीते हैं, उसके संबंध में अत्यावश्यकता की ज़रूरी भावना के महत्त्व को कम करते हैं। ऐसे उपहास करनेवालों के फंदे में पड़ने से सावधान रहने का समय अभी है। इसलिए पतरस अपने पाठकों को ‘उन बातों को, जो पवित्र भविष्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं, स्मरण करने’ के लिए प्रोत्साहित करता है। (२ पतरस ३:२; प्रेरितों ३:२२, २३) भविष्यवक्ताओं ने क्या कहा था?
परमेश्वर के वफादार सेवकों ने कई अवसरों पर इस बात पर ध्यान खींचा कि किस प्रकार ईश्वरीय न्यायदंडों ने दुष्टता को खत्म किया था। पतरस अपने पाठकों को नूह के दिन के जलप्रलय की याद दिलाता है। जब पृथ्वी पर पूरी तरह से बुराई भर गयी थी तब परमेश्वर हस्तक्षेप करने के एक ज़रिए के तौर पर जलप्रलय लाया। उस प्रचंड जलप्रलय ने उस समय के संसार का सार्थक रूप से अंत कर दिया। लेकिन परमेश्वर ने एक जहाज़ में नूह और उसके परिवार को, साथ ही “सब जीवित प्राणियों में से” एक-एक जाति को बचाए रखा। सब जगह प्रचलित कथाएँ बाइबलीय वृत्तांत की सच्चाई को पुख्ता करती हैं।a—उत्पत्ति ६:१९; २ पतरस ३:५, ६.
पतरस उस ईश्वरीय हस्तक्षेप के बारे में कहता है कि यह ऐसा है जिसे कुछ लोग “भूल गए।” उसके बाद दूसरे लोग अपने समय के हँसी-ठट्ठा करनेवालों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर धीरे-धीरे लापरवाह हो गए। लेकिन हमें उन बातों को कभी-भी ध्यान से उतरने नहीं देना चाहिए जिन्हें यहोवा ने पहले ही किया है। पतरस हमें बताता है: “वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।” (२ पतरस ३:७) जी हाँ, ईश्वरीय हस्तक्षेप फिर से होना है।
परमेश्वर देर नहीं करता
तब से आज तक कई सहस्राब्दियाँ बीत चुकी हैं। परमेश्वर ने मानवजाति की समस्याओं का हल करने के लिए इतने लंबे समय तक क्यों इंतज़ार किया है? एक बार फिर, पतरस एक और बात पर ध्यान खींचता है। वह कहता है: “हे प्रियो, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।” (२ पतरस ३:८) समय के बारे में यहोवा का नज़रिया हमसे अलग है। अनंत परमेश्वर के लिए, आदम को बनाने से लेकर अब तक का समय मुश्किल से एक सप्ताह ही होता है। लेकिन समय के बारे में हमारा नज़रिया चाहे कुछ भी क्यों न हो, हर गुज़रती सहस्राब्दि और हर दिन हमें यहोवा के मकसद के पूरे होने के और भी निकट ले आता है।
एक कहावत है, “अधीर होने से काम जल्दी नहीं होता।” इसका मतलब यह है कि किसी घटना के होने के लिए मात्र अधीर होने से यूँ लगता है कि मानो वह हो ही नहीं रही है। लेकिन, पतरस सलाह देता है कि हमें “यहोवा के उस दिन की उपस्थिति को मन में रखते हुए बाट जोहनी चाहिए।” (२ पतरस ३:१२, NW) हम ऐसी मनोवृत्ति कैसे विकसित कर सकते हैं जो ईश्वरीय हस्तक्षेप की नज़दीकी के प्रति हमें सतर्क रखेगी?
करनी कथनी से ताकतवर होती है
पतरस कार्यों पर ध्यान आकर्षित करता है। वह “आचरण के पवित्र कार्यों” और “ईश्वरीय भक्ति के कार्यों” के बारे में बताता है। (२ पतरस ३:११, NW) इनमें क्या शामिल है?
परमेश्वर का असल सेवक इस तरीके से कार्य करता है जिससे परमेश्वर खुश होता है। ऐसे सच्चे उपासक का विश्वास उसके आचरण से दिखता है। यह उसे ऐसे लोगों से अलग दिखाता है जो परमेश्वर व उसके वादों में विश्वास करने के बारे में बस बात करते हैं। संभवतः आपने भी यह ध्यान दिया हो कि यहोवा के साक्षियों की जन सेवकाई उन्हें दूसरों से बिलकुल अलग करती है। वे आपके घर पर आते हैं ताकि वे बाइबल में दिए गए परमेश्वर के वादों की ओर आपका ध्यान खींचे। लेकिन वे अपनी आशा और विश्वास के बारे में जहाँ कहीं भी लोगों से मिलते हैं, उन्हें गवाही देते हैं।
साक्षी यदि अपना विश्वास दूसरों से व्यक्त करने में अपने आपको व्यस्त रखता है, तो इससे उसका खुद का विश्वास सुदृढ़ व मज़बूत होता है। व्यक्त करने से बात मन में गहरे बैठती है और साथ ही इससे दिल को खुशी व संतुष्टि मिलती है। जब हम परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार बताते हैं, तो हम यहोवा को भी खुश करते हैं। हम जानते हैं कि वह ‘अन्यायी नहीं, कि हमारे काम, और उस प्रेम को भूल जाए, जो हम ने उसके नाम के लिये इस रीति से दिखाया।’ ऐसा पतरस के संगी प्रेरित पौलुस ने कहा था।—इब्रानी ६:१०; रोमियों १०:९, १०.
इस वर्तमान दुष्ट व्यवस्था के अंतिम दिनों के दौरान राज्य सुसमाचार को फैलाने में व्यस्त रहने का नतीजा क्या है? लाखों नेकदिल इंसान यह सीख रहे हैं कि यहोवा के साथ एक नज़दीकी संबंध कैसे बनाना है, उसकी अपात्र कृपा से कैसे लाभ पाकर परादीस पृथ्वी पर अनंत जीवन की आशा में सच्ची खुशी पाना है।
पहले से जानना
हालाँकि हम बाइबल से जानते हैं कि यहोवा परमेश्वर अपने नियत समय पर हस्तक्षेप करेगा, हमें पतरस द्वारा दी गयी उस अतिरिक्त चेतावनी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। “तुम लोग पहिले ही से इन बातों को जानकर चौकस रहो, ताकि अधर्मियों के भ्रम में फंसकर अपनी स्थिरता को हाथ से कहीं खो न दो।”—२ पतरस ३:१७.
यहोवा निश्चय ही पहले से जानता था कि कमज़ोर विश्वासवाले कुछ लोग ईश्वरीय हस्तक्षेप में प्रतीत होती हुई देरी की वज़ह से निरुत्साहित हो सकते हैं। वह यह भी जानता था कि अधर्मी लोगों का प्रभाव उसके सच्चे सेवकों को बिगाड़ सकता है या, फिर कम-से-कम उनके इस विश्वास को कम कर सकता है कि परमेश्वर के नाम का पवित्रीकरण निकट है। इन अंतिम दिनों में अपनी स्थिरता से डगमगा जाना कितनी दुखभरी बात होगी!
यहोवा क्या करनेवाला है, इस बारे में मन में शक पालने या अनिश्चित होने का अभी समय नहीं है। (इब्रानियों १२:१) इसके बजाय, यहोवा के धीरज ने जो कमाल किया है, इसके लिए कदरदानी बढ़ाने का अभी समय है—ऐसे लाखों लोगों को उद्धार की आशा मिली है जो अंतर्राष्ट्रीय बड़ी भीड़ का भाग बनते हैं तथा आनेवाले बड़े क्लेश से बचने की उत्सुकता से आशा करते हैं। (प्रकाशितवाक्य ७:९, १४) पतरस सलाह देता है: “हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के [अपात्र] अनुग्रह और पहचान [ज्ञान] में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे।”—२ पतरस ३:१८.
“अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो”
राज्य प्रचार-कार्य में व्यस्त रहने व उपासना के लिए नियमित रूप से मसीही सभाओं में हाज़िर होने तथा परमेश्वर के वचन का अध्ययन करने से हमें सुरक्षा मिलती है। इस प्रकार, आज की दुष्ट व्यवस्था के बिगड़ते हालात के बारे में बहुत ज़्यादा चिंतित होने के लिए हमारे पास वक्त नहीं रहेगा। सच्चे मसीहियों की ज़िंदगी में भय व चिंताओं के लिए कोई खास जगह नहीं है। (१ कुरिन्थियों १५:५८) यहोवा की सेवा में हम जितना व्यस्त रहेंगे, उतना ही जल्दी समय बीतेगा।
पतरस का समकालीन व यीशु का सौतेला भाई यहूदा हमें सलाह देता है: “हे प्रियो, तुम अपने अति पवित्र विश्वास में अपनी उन्नति करते हुए और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए। अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो।” (यहूदा २०, २१) निरंतर प्रार्थना में लगे रहने के द्वारा जिस सकारात्मक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित किया गया है, उसकी अहमियत पर गौर कीजिए। (१ थिस्सलुनीकियों ५:१७) यहूदा आगे कहता है: “उन पर जो शंका में हैं दया करो। और बहुतों को आग में से झपटकर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; बरन उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है।” (यहूदा २२, २३) इन कठिन समय में एक दूसरे की हौसला-अफज़ाई करना कितना ज़रूरी है! और यह भी कितना ज़रूरी है कि हम प्रलोभन में न पड़ें और इस बढ़ाए हुए “उद्धार के दिन” को “लुचपन” के एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल न करें। यह स्थिति आज की नैतिक रूप से भ्रष्ट दुनिया में बहुत ही प्रचलित है।—यहूदा ४; २ कुरिन्थियों ६:१, २.
पतरस, पौलुस, व यहूदा की प्रेमभरी सलाह को मानने के द्वारा तथा परमेश्वर की सेवा में व्यस्त व सक्रिय रहने के द्वारा, आप यहोवा द्वारा हस्तक्षेप किए जाने तक धैर्यपूर्वक इंतज़ार कर सकते हैं। लेकिन क्या आप ऐसा करेंगे?
रचयिता के अनंत जीवन के वादे पर अपने विश्वास को मज़बूत करने में मदद पाने के लिए, अपने इलाके के साक्षियों से संपर्क करने में संकोच मत कीजिए। दुनिया भर में साक्षी देने के इस कार्य में, जो फिर कभी-भी नहीं किया जाएगा, हिस्सा लेने के काबिल होने के लिए जो ज़रूरी है, उसके बारे में सीखिए। दुनिया भर में साक्षी देने का यह कार्य आनेवाले बड़े क्लेश में समाप्त होगा। (मरकुस १३:१०) तब आपके पास भी धार्मिकता की उस नयी दुनिया में जीने की आशा होगी जिसके बारे में यहोवा ने वादा किया था। (२ पतरस ३:१३) उसके अनुस्मारकों पर ध्यान दीजिए! धैर्यपूर्वक इंतज़ार कीजिए! व्यस्त रहिए!
[फुटनोट]
a कृपया बाइबल—परमेश्वर का वचन या मनुष्य का? (अंग्रेज़ी) पुस्तक का पृष्ठ ११६ देखिए। इसे वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ने प्रकाशित किया है।
[पेज 7 पर तसवीर]
परमेश्वर द्वारा किए गए परादीस के वादे के बारे में अभी सीखिए
[पेज 5 पर चित्र का श्रेय]
भेड़िया: Animals/Jim Harter/Dover Publications, Inc.; युवा चरवाहा: Children: A Pictorial Archive from Nineteenth-Century Sources/Grafton/Dover Publications, Inc.