‘यहोवा के दिन’ में कौन बचेगा?
“तुम्हें पवित्र चालचलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए!”—२ पतरस ३:११, १२.
१. किन्होंने एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ के साथ काम किया है?
यहोवा परमेश्वर ने मनुष्यजाति में से ऐसे व्यक्तियों को चुना है जो उसके पुत्र, यीशु मसीह के साथ स्वर्गीय राज्य में संगी वारिस बनेंगे। (रोमियों ८:१६, १७) पृथ्वी पर रहते समय, अभिषिक्त मसीहियों ने एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ के साथ काम किया है। (लूका १:१७) पिछले लेख में, हमने उनके और एलिय्याह नबी के कामों में कुछ समानताएँ देखीं। लेकिन एलिय्याह के उत्तराधिकारी, एलीशा नबी के काम के बारे में क्या?—१ राजा १९:१५, १६.
२. (क) एलिय्याह का अंतिम चमत्कार और एलीशा का पहला चमत्कार क्या था? (ख) इसका क्या प्रमाण है कि एलिय्याह स्वर्ग नहीं गया?
२ एलिय्याह द्वारा किया गया अंतिम चमत्कार था अपने आधिकारिक वस्त्र को यरदन नदी के जल पर मारकर उसे दो भाग में बाँटना। इससे एलिय्याह और एलीशा सूखी भूमि पर पार जा सके। जब वे नदी के पूर्वी तट पर चल रहे थे, तब एक बवंडर एलिय्याह को पृथ्वी के किसी दूसरे स्थान पर उड़ा ले गया। (पृष्ठ १५ पर “एलिय्याह किस स्वर्ग पर चढ़ा?” शीर्षक का बक्स देखिए।) पीछे एलिय्याह का आधिकारिक वस्त्र छूट गया था। जब एलीशा ने उसे यरदन पर मारने के लिए इस्तेमाल किया, तब फिर से उसका जल अलग हो गया, जिससे वह सूखी भूमि पर वापस जा सका। इस चमत्कार ने स्पष्ट कर दिया कि इस्राएल में सच्ची उपासना को बढ़ाने के लिए एलीशा एलिय्याह का उत्तराधिकारी बन गया था।—२ राजा २:६-१५.
ईश्वरीय गुण अत्यावश्यक
३. पौलुस और पतरस ने यीशु की उपस्थिति और ‘यहोवा के दिन’ के बारे में क्या कहा?
३ एलिय्याह और एलीशा के समय के सदियों बाद, प्रेरित पौलुस और पतरस ने आनेवाले ‘यहोवा के दिन’ को यीशु मसीह की उपस्थिति और उस समय भावी “नए आकाश और नई पृथ्वी” के साथ जोड़ा। (२ थिस्सलुनीकियों २:१, २; २ पतरस ३:१०-१३) यहोवा के बड़े दिन में बचने के लिए—जब परमेश्वर अपने शत्रुओं को नाश करता है और अपने लोगों को बचाता है—हमें यहोवा को ढूँढ़ना चाहिए और नम्रता तथा धार्मिकता प्रदर्शित करनी चाहिए। (सपन्याह २:१-३) लेकिन जब हम एलीशा नबी से संबंधित घटनाओं पर विचार करते हैं तब कुछ और गुण सामने आते हैं।
४. यहोवा की सेवा में जोश की क्या भूमिका है?
४ यदि हमें ‘यहोवा के दिन’ में बचना है तो परमेश्वर की सेवा के लिए जोश बहुत ज़रूरी है। एलिय्याह और एलीशा यहोवा की सेवा में जोशीले थे। वैसे ही जोश के साथ, अभिषिक्त मसीहियों के शेषजन आज यहोवा की पवित्र सेवा करते हैं और सुसमाचार के प्रचार में अगुवाई करते हैं।a दशक १९३० के मध्य से, उन्होंने उन सभी को प्रोत्साहित किया है जो राज्य संदेश को स्वीकार करते हैं और पृथ्वी पर सर्वदा जीवित रहने की आशा रखते हैं कि अपने आपको यहोवा को समर्पित करें और बपतिस्मा लें। (मरकुस ८:३४; १ पतरस ३:२१) लाखों ने इस प्रोत्साहन को स्वीकार किया है। पहले वे आध्यात्मिक अंधकार में थे और पाप में मरे हुए थे, लेकिन अब उन्होंने परमेश्वर का सत्य सीख लिया है, पार्थिव परादीस में अनंत जीवन की आशा को अपनाया है और यहोवा की सेवा में जोश दिखाते हैं। (भजन ३७:२९; प्रकाशितवाक्य २१:३-५) अपने जोश, सहयोग, पहुनाई और दूसरे भले कामों से, वे मसीह के उन आत्मिक भाइयों को बड़ी ताज़गी देते हैं जो अभी-भी पृथ्वी पर हैं।—मत्ती २५:३१-४६.
५. यीशु के ‘भाइयों’ के लिए भले काम करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है, और हमारे पास एलीशा के समय का क्या उदाहरण है?
५ जो इस कारण यीशु के ‘भाइयों’ के लिए भले काम करते हैं कि ये अभिषिक्त जन उसके अनुयायी हैं, उनके पास ‘यहोवा के दिन’ में बचने की आशा है। एलीशा और उसके सेवक का आदर-सत्कार करने के लिए शूनेम के गाँव में एक विवाहित दंपति को बड़ी आशीष मिली। इस दंपति के कोई पुत्र न था और पति बूढ़ा था। लेकिन एलीशा ने शूनेमिन स्त्री को वचन दिया कि वह एक पुत्र जनेगी और ऐसा ही हुआ। जब कुछ साल बाद यह एकलौता पुत्र मर गया, तब एलीशा शूनेम गया और उसका पुनरुत्थान किया। (२ राजा ४:८-१७, ३२-३७) एलीशा की पहुनाई करने के कितने भरपूर प्रतिफल!
६, ७. नामान ने क्या उदाहरण रखा, और इसका ‘यहोवा के दिन’ में बचने के साथ क्या संबंध है?
६ मसीह के ‘भाइयों’ से बाइबल-आधारित निर्देशन स्वीकार करने के लिए नम्रता की ज़रूरत है और यह यहोवा के दिन में बचने की आशा देता है। अरामी सेनापति नामान एक कोढ़ी था। उसे एक बंदी इस्राएली लड़की के सुझाव को मानने के लिए नम्रता दिखानी पड़ी कि चंगाई पाने के लिए इस्राएल जाकर एलीशा को ढूँढ़े। नामान से मिलने के लिए अपने घर से बाहर आने के बजाय, एलीशा ने उसे यह संदेश भेजा: “तू जाकर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुद्ध होगा।” (२ राजा ५:१०) नामान के अहम् को चोट पहुँची और वह क्रोधित हो उठा, लेकिन जब उसने नम्रता से जाकर यरदन में सात बार डुबकी मारी, तब “उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; और वह शुद्ध हो गया।” (२ राजा ५:१४) घर लौटने से पहले, नामान यहोवा के नबी का धन्यवाद करने वापस सामरिया तक गया। परमेश्वर-प्रदत्त शक्ति से भौतिक लाभ न उठाने के लिए दृढ़संकल्प, एलीशा नामान से मिलने बाहर तो आया लेकिन कोई उपहार स्वीकार नहीं किया। नामान ने नम्रतापूर्वक एलीशा से कहा: “आगे को तेरा दास यहोवा को छोड़ और किसी ईश्वर को होमबलि वा मेलबलि न चढ़ाएगा।”—२ राजा ५:१७.
७ अभिषिक्त जनों की शास्त्रीय सलाह पर नम्रतापूर्वक चलने से, आज लाखों को भरपूर आशीष मिली है। इसके अलावा, यीशु के छुड़ौती बलिदान में विश्वास रखने से, ये सत्हृदयी लोग आध्यात्मिक रूप से शुद्ध हुए हैं। वे अब यहोवा परमेश्वर और यीशु मसीह के मित्र होने के विशेषाधिकार का आनंद लेते हैं। (भजन १५:१, २; लूका १६:९) और परमेश्वर एवं उसकी सेवा के प्रति उनकी भक्ति का प्रतिफल यों दिया जाएगा कि वे तेज़ी से आ रहे ‘यहोवा के दिन’ में उस अनंत विनाश से बचेंगे जो घमंडी, अपश्चातापी पापियों पर आनेवाला है।—लूका १३:२४; १ यूहन्ना १:७.
“मेरी ओर कौन है? कौन?”
८. (क) जो ‘यहोवा के दिन’ में बचेंगे वे ईश्वरीय इच्छा पर चलने के बारे में क्या मनोवृत्ति रखते हैं? (ख) येहू को क्या कार्य-नियुक्ति दी गयी थी? (ग) ईज़ेबेल के साथ क्या होना था?
८ जो ‘यहोवा के दिन’ में बचने की आशा करते हैं, उन्हें ईश्वरीय इच्छा पर चलने के बारे में भी निर्णायक होना है। एलिय्याह ने राजा अहाब के बाल-उपासक, हत्यारे परिवार का विनाश साहस के साथ पूर्वबताया। (१ राजा २१:१७-२६) लेकिन, इससे पहले कि यह विनाश होता, एलिय्याह के उत्तराधिकारी एलीशा को कुछ अधूरा काम पूरा करना था। (१ राजा १९:१५-१७) जब यहोवा का नियत समय आया, तब एलीशा ने एक सेवक को यह आदेश दिया कि जाकर सेनापति येहू को इस्राएल के नये राजा के रूप में अभिषिक्त करे। येहू के सिर पर तेल उँडेलने के बाद, संदेशवाहक ने उससे कहा: “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं अपनी प्रजा इस्राएल पर राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूं। तो तू अपने स्वामी अहाब के घराने को मार डालना, जिस से मुझे अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के वरन अपने सब दासों के खून का जो ईज़ेबेल ने बहाया, पलटा मिले। क्योंकि अहाब का समस्त घराना नाश हो जाएगा।” दुष्ट रानी ईज़ेबेल को कुत्तों के आगे फेंक दिया जाएगा और ढंग से मिट्टी भी नहीं दी जाएगी।—२ राजा ९:१-१०.
९, १०. ईज़ेबेल के क़िस्से में एलिय्याह का वचन कैसे पूरा हुआ?
९ येहू के आदमियों ने उसके अभिषिक्त किये जाने के औचित्य को पहचाना और उसे इस्राएल का नया राजा घोषित कर दिया। निर्णायक रूप से कार्य करते हुए, येहू यिज्रैल की ओर दौड़ा कि बाल उपासना के धर्मत्यागी अगुवों को नाश करने का काम शुरू करे। येहू के विनाशक तीर का पहला निशाना बना अहाब का पुत्र, राजा योराम। वह यह पूछने के लिए कि क्या येहू शांति संदेश लाया है, रथ पर चढ़कर नगर से बाहर आया। “जब तक तेरी माता ईज़ेबेल छिनालपन और टोना करती रहे, तब तक कुशल कहां?” येहू ने उत्तर दिया। तब, येहू के तीर ने योराम का हृदय छेद दिया।—२ राजा ९:२२-२४.
१० धर्म-परायण स्त्रियाँ ईज़ेबेल की तरह या उसके जैसी किसी और की तरह नहीं होना चाहतीं। (प्रकाशितवाक्य २:१८-२३) जब तक येहू यिज्रैल पहुँचा, वह अपने आपको आकर्षक बनाने की कोशिश में लगी थी। खिड़की से नीचे की ओर झाँककर, उसने एक दबी हुई धमकी के साथ उसका अभिवादन किया। येहू ने उसके सेवकों से पूछा: “मेरी ओर कौन है? कौन?” तुरंत, दो-तीन खोजों ने नीचे झाँका। क्या वे येहू की ओर थे? “उसे नीचे गिरा दो,” उसने आग्रह किया। इस पर, उन्होंने निर्णायक रूप से कार्य किया और दुष्ट ईज़ेबेल को खिड़की से नीचे गिरा दिया। वह रौंद दी गयी, लगता है कि घोड़ों के पैरों तले आ गयी। जब लोग उसे मिट्टी देने आये, तब “उसकी खोपड़ी पांवों और हथेलियों को छोड़कर उसका और कुछ न पाया।” एलिय्याह के वचन की क्या ही नाटकीय पूर्ति: “ईज़ेबेल का मांस . . . कुत्तों से खाया जाएगा”!—२ राजा ९:३०-३७.
सच्ची उपासना को हार्दिक समर्थन
११. यहोनादाब कौन था, और उसने सच्ची उपासना के लिए अपना समर्थन कैसे दिखाया?
११ जो ‘यहोवा के दिन’ में बचने और पृथ्वी पर सर्वदा जीवित रहने की आशा रखते हैं उन्हें पूरे हृदय से सच्ची उपासना का समर्थन करना चाहिए। उन्हें यहोवा के एक ग़ैर-इस्राएली उपासक यहोनादाब, या योनादाब की तरह होना चाहिए। जब येहू जोश के साथ अपनी कार्य-नियुक्ति पूरी कर रहा था, यहोनादाब अपनी स्वीकृति और समर्थन दिखाना चाहता था। सो वह इस्राएल के नये राजा से मिलने बाहर गया, जो अहाब के घराने के बाक़ी जनों को नाश करने के लिए सामरिया की ओर बढ़ रहा था। यहोनादाब को देखकर येहू ने पूछा: “मेरा मन तो तेरी ओर निष्कपट है सो क्या तेरा मन भी वैसा ही है?” यहोनादाब का सकारात्मक उत्तर पाने पर येहू अपना हाथ बढ़ाकर उसे अपने युद्ध रथ पर चढ़ाने के लिए प्रेरित हुआ। उसने कहा: “मेरे संग चल। और देख, कि मुझे यहोवा के निमित्त कैसी जलन रहती है।” तुरंत, यहोनादाब ने यहोवा के अभिषिक्त वधिक को अपना समर्थन दिखाने का विशेषाधिकार स्वीकार कर लिया।—२ राजा १०:१५-१७.
१२. यहोवा उचित ही अनन्य भक्ति की माँग क्यों करता है?
१२ सच्ची उपासना को हार्दिक समर्थन देना निश्चित ही उपयुक्त है, क्योंकि यहोवा सृष्टिकर्ता और विश्व सर्वसत्ताधारी है, जो उचित ही हमारी अनन्य भक्ति की माँग करता है और उसके योग्य है। उसने इस्राएलियों को आज्ञा दी: “तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी कि प्रतिमा बनाना, जो आकाश में, वा पृथ्वी पर, वा पृथ्वी के जल में है। तू उनको दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला [“अनन्य भक्ति की माँग करनेवाला,” NW] ईश्वर हूं।” (निर्गमन २०:४, ५) जो ‘यहोवा के दिन’ में बचने की आशा रखते हैं उन्हें अनन्य रूप से उसकी उपासना करनी चाहिए और यह “आत्मा और सच्चाई से” करनी चाहिए। (यूहन्ना ४:२३, २४) उन्हें एलिय्याह, एलीशा और यहोनादाब की तरह सच्ची उपासना के लिए दृढ़ रहना चाहिए।
१३. जैसे यहोनादाब का हृदय येहू के साथ था, वैसे ही कौन हैं जो मसीहाई राजा को स्वीकार करते हैं, और वे यह किस प्रकार दिखाते हैं?
१३ अहाब के घराने को नाश करने के बाद, राजा येहू ने बाल उपासकों की पहचान करने और इस्राएल में से इस झूठे धर्म को मिटाने के लिए दूसरे क़दम उठाये। (२ राजा १०:१८-२८) आज, स्वर्गीय राजा यीशु मसीह को नियुक्त किया गया है कि यहोवा के शत्रुओं को नाश करे और उसकी सर्वसत्ता को दोषनिवारित करे। जैसे यहोनादाब का हृदय येहू के साथ था, वैसे ही यीशु की ‘अन्य भेड़ों’ की “बड़ी भीड़” आज पूरे हृदय से मसीह को मसीहाई राजा के रूप में स्वीकार करती है और पृथ्वी पर उसके आत्मिक भाइयों को सहयोग देती है। (प्रकाशितवाक्य ७:९, १०; यूहन्ना १०:१६, NW) वे इसका प्रमाण सच्चे धर्म का पालन करने और मसीही सेवकाई में जोश के साथ हिस्सा लेने, परमेश्वर के शत्रुओं को तेज़ी से निकट आते ‘यहोवा के दिन’ के बारे में चिताने के द्वारा देते हैं।—मत्ती १०:३२, ३३; रोमियों १०:९, १०.
नाटकीय घटनाएँ निकट हैं!
१४. झूठे धर्म के लिए आगे क्या है?
१४ येहू ने इस्राएल में बाल उपासना का अंत करने के लिए कार्यवाही की। हमारे समय में, महान येहू, यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य, बड़े बाबुल का नाश करवाएगा। जल्द ही हम इन शब्दों की पूर्ति देखेंगे जो स्वर्गदूत ने प्रेरित यूहन्ना से कहे: “जो दस सींग तू ने देखे, वे और पशु उस वेश्या [बड़े बाबुल] से बैर रखेंगे, और उसे लाचार और नंगी कर देंगे; और उसका मांस खा जाएंगे, और उसे आग में जला देंगे। क्योंकि परमेश्वर उन के मन में यह डालेगा, कि वे उस की मनसा पूरी करें; और जब तक परमेश्वर के वचन पूरे न हो लें, तब तक एक मन होकर अपना अपना राज्य पशु को दे दें।” (प्रकाशितवाक्य १७:१६, १७; १८:२-५) “दस सींग” पृथ्वी पर राज्य कर रही सैन्य राजनैतिक शक्तियों को सूचित करते हैं। जबकि अभी उनका बड़े बाबुल के साथ आध्यात्मिक रूप से अनैतिक संबंध है, उसका समय कम है। इस संसार का राजनैतिक तत्त्व झूठे धर्म को नाश कर देगा और उसको बरबाद करने में “दस सींग” के साथ “पशु”—संयुक्त राष्ट्र—की मुख्य भूमिका होगी।b यहोवा की स्तुति करने का क्या ही अवसर!—प्रकाशितवाक्य १९:१-६.
१५. जब परमेश्वर के पार्थिव संगठन को नाश करने का प्रयास किया जाता है तब क्या होगा?
१५ बाल उपासना के विरुद्ध राजा येहू के हमले के बाद, उसके राजसी घराने ने इस्राएल के राजनैतिक शत्रुओं की ओर ध्यान घुमाया। राजा यीशु मसीह भी वैसी ही कार्यवाही करेगा। बाल-समान झूठे धर्म के विनाश के बाद राजनैतिक शक्तियाँ बची रहेंगी। शैतान अर्थात् इब्लीस के प्रभाव में, यहोवा की सर्वसत्ता के ये शत्रु परमेश्वर के पार्थिव संगठन को नाश करने के प्रयास में चौतरफ़ा हमला करेंगे। (यहेजकेल ३८:१४-१६) लेकिन यहोवा “सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस बड़े दिन की लड़ाई,” हर-मगिदोन में राजा यीशु मसीह द्वारा उन पर वार करवाएगा और उनका नाश कर डालेगा और इस प्रकार यहोवा की सर्वसत्ता का दोषनिवारण होगा।—प्रकाशितवाक्य १६:१४, १६; १९:११-२१; यहेजकेल ३८:१८-२३.
एलीशा-जैसे जोश के साथ सेवा करना
१६, १७. (क) हम कैसे जानते हैं कि एलीशा मरते दम तक जोशीला था? (ख) हमें सत्य के तीरों के साथ क्या करना चाहिए?
१६ जब तक कि ‘यहोवा का दिन’ शैतान की समस्त दुष्ट रीति-व्यवस्था का अंत नहीं कर देता, परमेश्वर के सेवक एलीशा के जैसे साहसी और जोशीले रहेंगे। एलिय्याह के सेवक के रूप में अपने काम के अलावा, एलीशा ने ५० से ज़्यादा सालों तक यहोवा के नबी के तौर पर अकेले ही सेवा की! और एलीशा अपने लंबे जीवन के आख़िरी दम तक जोशीला था। जब वह मरने पर था, तब येहू का पोता, राजा योआश उससे मिलने आया। एलीशा ने उससे कहा कि खिड़की से बाहर एक तीर छोड़े। तीर अपने निशाने की ओर बढ़ा और एलीशा बोल उठा: “यह तीर यहोवा की ओर से छुटकारे अर्थात् अराम से छुटकारे का चिन्ह है, इसलिये तू अपेक में अराम को यहां तक मार लेगा कि उनका अन्त कर डालेगा।” एलीशा के कहने पर, योआश ने फिर भूमि पर अपने तीर मारे। लेकिन यह उसने पूरे जोश के साथ नहीं किया, बस तीन बार तीर मारे। तब एलीशा ने कहा कि इसके फलस्वरूप, योआश को अराम पर केवल तीन बार विजय मिलेगी और ऐसा ही हुआ। (२ राजा १३:१४-१९, २५) राजा योआश ने अरामियों का पूरी तरह नाश, “उनका अन्त” नहीं किया।
१७ लेकिन, एलीशा के जैसे जोश के साथ अभिषिक्त शेषवर्ग झूठी उपासना के विरुद्ध लड़ता रहता है। पार्थिव आशा रखनेवाले उनके साथी भी ऐसा ही कर रहे हैं। इसके अलावा, अच्छा होगा कि ‘यहोवा के दिन’ में बचने की आशा रखनेवाले सभी लोग पृथ्वी पर वार करने के बारे में जोशीले एलीशा के शब्द याद रखें। आइए सत्य के तीर उठाएँ और जोश के साथ उन्हें बारंबार मारते जाएँ—जी हाँ, जब तक कि यहोवा न कहे कि उनके साथ हमारा काम पूरा हुआ।
१८. दूसरा पतरस ३:११, १२ के शब्दों को हमें क्या प्रतिक्रिया दिखानी चाहिए?
१८ ‘यहोवा का दिन’ जल्द ही वर्तमान दुष्ट रीति-व्यवस्था का अंत करेगा। इसलिए आइए प्रेरित पतरस के प्रोत्साहक शब्दों से उत्तेजना पाएँ। “जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलनेवाली हैं,” पतरस ने कहा, “तो तुम्हें पवित्र चालचलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए!” (२ पतरस ३:११, १२) जब इस व्यवस्था का हर भाग यीशु मसीह द्वारा व्यक्त परमेश्वर के क्रोध की आग से भस्म हो जाएगा, तब केवल वे बचेंगे जिनका खरे चालचलन और ईश्वरीय भक्ति का रिकॉर्ड रहा है। नैतिक और आध्यात्मिक शुद्धता अनिवार्य है। संगी मनुष्यों के प्रति प्रेम भी अत्यावश्यक है जो कि अपनी मसीही सेवकाई के माध्यम से, ख़ासकर उनकी आध्यात्मिक ज़रूरतों का ध्यान रखने के द्वारा दिखाया जाता है।
१९. ‘यहोवा के दिन’ में बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
१९ क्या आपकी कथनी और करनी परमेश्वर के एक वफ़ादार और जोशीले सेवक के रूप में आपकी पहचान कराती है? यदि हाँ, तो आप ‘यहोवा के दिन’ में बचकर परमेश्वर के प्रतिज्ञात नये संसार में जाने की आशा रख सकते हैं। जी हाँ, यदि आप इस कारण मसीह के आत्मिक भाइयों के साथ भलाई करते हैं कि वे उसके अनुयायी हैं, जैसे शूनेमी दंपति ने एलीशा की पहुनाई की, तो आप बच सकते हैं। बचने के लिए आपको नामान की तरह भी होना चाहिए, जिसने नम्रता से ईश्वरीय निर्देशन स्वीकार किया और यहोवा का उपासक बन गया। यदि आप पार्थिव परादीस पर सर्वदा जीवित रहने के लिए लालायित हैं, तो आपको यहोनादाब की तरह सच्ची उपासना के लिए हार्दिक समर्थन प्रदर्शित करना चाहिए। तब आप यहोवा के वफ़ादार सेवकों में हो सकते हैं, जो जल्द ही यीशु के शब्दों की पूर्ति अनुभव करेंगे: “हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।”—मत्ती २५:३४.
[फुटनोट]
a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित पुस्तक “तेरा नाम पवित्र माना जाए” (अंग्रेज़ी) के अध्याय १८ और १९ देखिए।
b वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित, प्रकाशितवाक्य—इसकी महान पराकाष्ठा निकट! (अंग्रेज़ी) के पृष्ठ २५४-६ देखिए।
आप क्या उत्तर देंगे?
◻ ‘यहोवा के दिन’ में बचने के लिए कौन-से कुछ गुणों की ज़रूरत है?
◻ एलीशा के समय में शूनेमी दंपति ने क्या उदाहरण रखा?
◻ नामान से क्या सबक़ सीखा जा सकता है?
◻ हम यहोनादाब के उदाहरण पर कैसे चल सकते हैं?
◻ हम पर २ पतरस ३:११, १२ का क्या प्रभाव होना चाहिए?