पाठ 48
परमेश्वर की नयी दुनिया में आप जी सकते हैं
परमेश्वर ने आदम और हव्वा को अदन के बाग में रखा था। उन्होंने परमेश्वर की आज्ञा तोड़ दी, जिस वजह से कुछ समय बाद उनकी मौत हो गयी। फिर भी परमेश्वर ने उनके बच्चों को, जिनमें हम भी शामिल हैं फिरदौस में हमेशा की ज़िंदगी जीने का मौका दिया। बाइबल वादा करती है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।”—भजन 37:29.
बाइबल ‘नए आकाश’ और “नई पृथ्वी” के बारे में बताती है। (यशायाह 65:17; 2 पतरस 3:13) आज के “आकाश” का मतलब आज की इंसानी सरकारें है, लेकिन यीशु मसीह और उसके साथ जो लोग स्वर्ग में राज करेंगे, उन्हें “नया आकाश” कहा गया है। जब परमेश्वर की सरकार पूरी धरती पर राज करेगी और हर कहीं शांति और अमन-चैन होगा, तब कितना अच्छा लगेगा!
तो फिर “नई पृथ्वी” का मतलब क्या है?— नई पृथ्वी का मतलब वे अच्छे लोग हैं, जो यहोवा से प्यार करते हैं। जब बाइबल “पृथ्वी” की बात करती है, तो कभी-कभी इसका मतलब होता है पृथ्वी पर रहनेवाले लोग, न कि यह धरती। (उत्पत्ति 11:1; भजन 66:4; 96:1) इसलिए बाइबल के मुताबिक जो लोग नई पृथ्वी का हिस्सा हैं, वे यहाँ पृथ्वी पर रहेंगे।
दुष्ट लोगों की इस दुनिया का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा। याद है नूह के दिनों में आए जलप्रलय में दुष्ट लोगों की दुनिया को नाश कर दिया गया था। और जैसा कि हमने सीखा, आज की दुष्ट दुनिया को हर-मगिदोन में नाश कर दिया जाएगा। आओ देखें कि हर-मगिदोन के बाद परमेश्वर की नयी दुनिया में ज़िंदगी कैसी होगी।
क्या आप फिरदौस में यानी परमेश्वर की नयी दुनिया में हमेशा तक जीना चाहोगे, जहाँ चारों तरफ शांति-ही-शांति होगी?— दुनिया का कोई भी डॉक्टर हमें हमेशा की ज़िंदगी नहीं दे सकता। कोई भी ऐसी दवा नहीं बनी जो हमें मौत से बचा सके। हमेशा की ज़िंदगी पाने का सिर्फ एक तरीका है, वह है परमेश्वर के साथ एक मज़बूत रिश्ता बनाना। यह रिश्ता हम कैसे बना सकते हैं, इस बारे में महान शिक्षक ने हमें सिखाया।
चलो हम अपनी बाइबल खोलें और यूहन्ना 17 अध्याय की आयत 3 पढ़ें। यहाँ हम महान शिक्षक के कहे ये शब्द पढ़ते हैं: “हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए ज़रूरी है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर का और यीशु मसीह का, जिसे तू ने भेजा है, ज्ञान लेते रहें।”
यीशु के कहने के मुताबिक हमें हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए क्या करना होगा?— सबसे पहले हमें स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता यहोवा का ज्ञान लेना होगा और उसके बेटे का भी ज्ञान लेना होगा जिसने हमारी खातिर अपनी जान दे दी। इसका मतलब है कि हमें बाइबल का अध्ययन करना होगा। यह किताब महान शिक्षक से सीखिए हमें यही करने में मदद देती है।
अच्छा यह बताओ, यहोवा के बारे में जानने से हमें हमेशा की ज़िंदगी कैसे मिलेगी?— जिस तरह रोज़ खाना खाने से हम ज़िंदा रहते हैं, उसी तरह रोज़ यहोवा के बारे में सीखने से हम हमेशा की ज़िंदगी पा सकते हैं। बाइबल कहती है: “इंसान सिर्फ रोटी से ज़िंदा नहीं रह सकता, बल्कि उसे यहोवा के मुँह से निकलनेवाले हर वचन से ज़िंदा रहना है।”—मत्ती 4:4.
इसके अलावा हमें यीशु मसीह के बारे में भी ज्ञान लेना चाहिए। क्योंकि परमेश्वर ने अपने बेटे यीशु को इसीलिए भेजा था कि हमें अपने पापों की माफी मिल सके। बाइबल कहती है: “किसी और के ज़रिए उद्धार नहीं है।” बाइबल यह भी कहती है: “जो बेटे पर विश्वास दिखाता है, हमेशा की ज़िंदगी उसकी है।” (प्रेषितों 4:12; यूहन्ना 3:36) क्या हम सचमुच यीशु पर विश्वास करते हैं और यह मानते हैं कि उसके बिना हम हमेशा की ज़िंदगी नहीं पा सकते?— अगर हाँ, तो हम रोज़ महान शिक्षक के बारे में सीखेंगे और उसकी बातें मानेंगे।
महान शिक्षक से सीखने का एक बढ़िया तरीका है, इस किताब को बार-बार पढ़ना और इसमें दी सारी तसवीरों को देखना और उनके बारे में सोचना। देखिए कि आप तसवीरों के साथ दिए सवालों के जवाब दे पाते हो या नहीं। इस किताब को अपने मम्मी-पापा के साथ पढ़िए। अगर आपके मम्मी-पापा आपके साथ नहीं हैं, तो दूसरे बड़े लोगों के साथ या बच्चों के साथ यह किताब पढ़िए। परमेश्वर की नयी दुनिया में हमेशा तक जीने के लिए हमें क्या करना होगा, यह हमें महान शिक्षक से सीखने को मिलता है। इस बारे में दूसरों को सिखाने में कितना मज़ा आएगा, है ना?—
बाइबल बताती है: “यह दुनिया मिटती जा रही है।” तो फिर परमेश्वर की नयी दुनिया में जीने के लिए हमें क्या करना होगा? बाइबल समझाती है: “जो परमेश्वर की मरज़ी पूरी करता है वह हमेशा तक कायम रहेगा।” (1 यूहन्ना 2:17) तो हम कैसे परमेश्वर की नयी दुनिया में हमेशा तक जी सकते हैं?— जी हाँ, यहोवा और उसके प्यारे बेटे यीशु का ज्ञान लेने के ज़रिए। साथ ही हम जो सीखते हैं, उस पर हमें चलना भी होगा। हम चाहते हैं कि इस किताब के अध्ययन से आपको यह सब करने में मदद मिले।