गीत 25
सच्चे चेले की पहचान
1. हम-को मि-ला है हु-कुम याह से
कर-ना है प्यार एक-दू-जे से।
शा-ही हु-कुम कह-ते हैं इ-से
पू-रा कि-या जो यी-शु ने।
यी-शु को था हम-से प्यार अ-पार
कर दी त-भी तो जान नि-सार।
प्यार का ज-ला-या उस-ने दीप ऐ-सा
सा-रा जग ये रौ-शन हु-आ।
2. मा-ने ना हार सच्-चा प्यार क-भी
कर-ता म-दद कम-ज़ो-रों की।
प्यार का चु-का-ना हो कर्ज़ अ-गर
कर दो ख़-ता-एँ दर-गु-ज़र।
ना मि-ले प्यार ऐ-सा और क-हीं
पा-एँ-गे दिल के दोस्त य-हीं।
बन-ती म-सी-ही पह-चान ह-मा-री
प्यार दि-खा-एँ जब हम शा-ही।
(रोमि. 13:8; 1 कुरिं. 13:8; याकू. 2:8; 1 यूह. 4:10, 11 भी देखिए।)