गीत 30
यहोवा, मेरा परमेश्वर, पिता और दोस्त
1. जीना नहीं है आसाँ,
मिलते हैं आँसू और गम यहाँ।
पर मैं कहूँगा हर रोज़,
“जीने की है वजह।”
(कोरस)
जानूँ, याह नहीं भूलता,
जो काम किए थे प्यार से मैंने।
वो है इतना वफादार,
मेरा हाथ ना कभी छोड़े।
हाँ, याह ही मेरा दाता,
है वो रखवाला मेरा सदा।
हाँ, यहोवा, मेरा ईश्वर,
दोस्त और पिता।
2. आया बुढ़ापा मेरा;
हाय, दिन जवानी के बीत गए!
मैं दब गया हूँ मगर
उम्मीद की लौ जले।
(कोरस)
जानूँ, याह नहीं भूलता,
जो काम किए थे प्यार से मैंने।
वो है इतना वफादार,
मेरा हाथ ना कभी छोड़े।
हाँ, याह ही मेरा दाता,
है वो रखवाला मेरा सदा।
हाँ, यहोवा, मेरा ईश्वर,
दोस्त और पिता।
(भज. 71:17, 18 भी देखें।)