गीत 89
सुन के अमल करें
1. मानें अगर हम मसीहा की बातें,
तो हमकदम बन जाएँगे उसके।
सच्-चा-ई की उजली राहों पे चलके,
ज़ाहिर करें हम हैं याह के बच्चे।
(कोरस)
आओ अमल हम करें,
याह हमसे जो भी कहे;
पाएँ खुशी, पाएँगे बरकतें,
सुन के अमल जो करें।
2. मानें अगर हम मसीहा की बातें,
हम घर चट्टान पे बनाएँ अपना।
आएँ हज़ार आँधियाँ ज़िंदगी में,
कभी ना डोले हमारा ईमान।
(कोरस)
आओ अमल हम करें,
याह हमसे जो भी कहे;
पाएँ खुशी, पाएँगे बरकतें,
सुन के अमल जो करें।
3. मानें अगर हम यहोवा की बातें,
सींचें सच्-चा-ई की बूँदें हमें,
फूलें-फलें, नहरों के किनारे,
जीवन सदा का खुशी से जीएँ।
(कोरस)
आओ अमल हम करें,
याह हमसे जो भी कहे;
पाएँ खुशी, पाएँगे बरकतें,
सुन के अमल जो करें।
(व्यव. 28:2; भज. 1:3; नीति. 10:22; मत्ती 7:24-27; लूका 6:47-49 भी देखें।)