आमोस
8 सारे जहान के मालिक यहोवा ने मुझे एक दर्शन दिखाया। मैंने देखा कि गरमियों के फलों से भरी एक टोकरी है! 2 उसने पूछा, “आमोस, तू क्या देखता है?” मैंने कहा, “गरमियों के फलों से भरी एक टोकरी।” तब यहोवा ने मुझसे कहा, “मेरी प्रजा इसराएल का अंत आ गया है। अब मैं उन्हें और माफ नहीं करूँगा।+ 3 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘मंदिर से गीतों के बजाय रोने-पीटने की आवाज़ें आएँगी।+ हर कहीं लाशें बिछी होंगी+ जिससे सन्नाटा छा जाएगा!’
4 तुम सब यह संदेश सुनो, जो गरीबों को रौंदते हो,
देश के दीन जनों का नाश करते हो,+
5 जो कहते हो, ‘नए चाँद का त्योहार कब खत्म होगा+ ताकि हम अनाज बेच सकें?
सब्त का दिन+ कब बीतेगा ताकि हम अनाज बेच सकें?
फिर हम एपा* की नाप छोटी कर सकेंगे,
शेकेल* का वज़न बढ़ा सकेंगे
और तराज़ू में दंडी मारेंगे।+
6 फिर हम चाँदी से ज़रूरतमंदों को खरीद सकेंगे,
एक जोड़ी जूती के दाम पर गरीब को खरीद सकेंगे+
और अनाज की फटकन बेच सकेंगे।’
क्या यह देश नील नदी की तरह उमड़ने नहीं लगेगा?
मिस्र की नील की तरह नहीं घटेगा-बढ़ेगा?’+
9 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है,
‘उस दिन मैं भरी दोपहरी में सूरज डुबा दूँगा
और दिन के उजाले में देश में अँधेरा कर दूँगा।+
मैं सबकी कमर पर टाट ओढ़ाऊँगा और सबका सिर मुँड़वाऊँगा,
मैं उनसे ऐसे मातम करवाऊँगा जैसे कोई इकलौते बेटे की मौत पर करता है
और उस दिन का अंत बहुत कड़वा होगा।’
11 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है,
‘देखो! वे दिन आ रहे हैं,
जब मैं देश में अकाल भेजूँगा,
रोटी और पानी के लिए नहीं
बल्कि यहोवा के वचन सुनने के लिए लोग भूखे-प्यासे रह जाएँगे।+
12 वे लड़खड़ाते हुए एक सागर से दूसरे सागर जाएँगे,
उत्तर से पूरब जाएँगे।
यहोवा के वचनों की खोज में मारे-मारे फिरेंगे, मगर कहीं नहीं पाएँगे।
13 उस दिन सुंदर कुँवारियाँ और जवान आदमी
प्यास के मारे बेहोश हो जाएँगे।
और “बेरशेबा के रास्ते की शपथ!”+
वे गिर जाएँगे और फिर कभी नहीं उठेंगे।’”+