चढ़ाई का गीत।
120 मुसीबत में मैंने यहोवा को पुकारा+
और उसने मुझे जवाब दिया।+
2 हे यहोवा, मुझे झूठ बोलनेवाले होंठों से
और छली ज़बान से बचा ले।
3 हे छली ज़बान, तू जानती है कि परमेश्वर तेरे साथ क्या करेगा?
तुझे क्या सज़ा देगा?+
4 वह तुझ पर एक योद्धा के नुकीले तीरों+ से,
झाड़ियों के जलते अंगारों+ से वार करेगा।
5 हाय मुझ पर,
मुझे मेशेक+ में परदेसी बनकर रहना पड़ा है!
केदार के डेरों+ में बसना पड़ा है!
6 शांति के दुश्मनों के बीच रहते हुए+
मुझे एक ज़माना हो गया है।
7 मैं शांति चाहता हूँ, मगर जब मैं बोलता हूँ
तो वे लड़ाई के लिए उतारू हो जाते हैं।