19 गरीब होना और निर्दोष चाल चलना,+
मूर्ख होने और झूठ बोलने से अच्छा है।+
2 बिना ज्ञान के रहना अच्छा नहीं+
और जल्दबाज़ी में काम करनेवाला पाप करता है।
3 इंसान अपनी मूर्खता की वजह से गलत कदम उठाता है,
फिर उसका मन यहोवा पर भड़क उठता है।
4 अमीर के कई दोस्त होते हैं,
लेकिन गरीब का अगर कोई दोस्त हो,
तो वह भी उसे छोड़कर चला जाता है।+
5 झूठा गवाह अपनी सज़ा ज़रूर पाएगा+
और बात-बात पर झूठ बोलनेवाला नहीं बचेगा।+
6 बड़े-बड़े लोगों की मेहरबानी सभी पाना चाहते हैं
और तोहफे देनेवाले का हर कोई दोस्त बनना चाहता है।
7 जब गरीब के सब भाई उससे नफरत करते हों,+
तो फिर उसके दोस्त उससे किनारा क्यों नहीं करेंगे?+
वह अपनी फरियाद लिए उनके पीछे-पीछे जाता है,
मगर कोई उसकी नहीं सुनता।
8 जो समझ हासिल करता है वह खुद से प्यार करता है,+
जो पैनी समझ को अनमोल जानता है उसे कामयाबी मिलती है।+
9 झूठा गवाह अपनी सज़ा ज़रूर पाएगा
और बात-बात पर झूठ बोलनेवाले का नाश हो जाएगा।+
10 मूर्ख का ठाट-बाट से रहना शोभा नहीं देता,
तो फिर नौकर का हाकिमों पर राज करना कैसे शोभा देगा?+
11 इंसान की अंदरूनी समझ उसे गुस्सा करने से रोकती है+
और ठेस पहुँचने पर उसे अनदेखा करना उसकी खूबी है।+
12 राजा का क्रोध शेर की दहाड़ जैसा है,+
मगर उसकी दया घास पर ओस के समान है।
13 मूर्ख बेटा अपने पिता पर मुसीबत लाता है+
और झगड़ालू पत्नी टपकती छत जैसी होती है।+
14 घर और दौलत पिता से विरासत में मिलती है,
लेकिन सूझ-बूझ से काम लेनेवाली पत्नी यहोवा से मिलती है।+
15 आलस, गहरी नींद सुला देता है
और सुस्त इंसान भूखा रह जाता है।+
16 जो आज्ञा मानता है, उसकी जान सलामत रहती है,+
मगर जो बेपरवाह जीता है, वह अपनी जान खो देता है।+
17 जो गरीब पर दया करता है, वह यहोवा को उधार देता है+
और परमेश्वर इस उपकार का उसे इनाम देगा।+
18 जब तक तेरे बेटे के सुधरने की उम्मीद है उसे सिखा,+
उसकी मौत के लिए ज़िम्मेदार मत बन।+
19 गरम मिज़ाजवाले को सज़ा भुगतनी पड़ेगी,
अगर तू उसे एक बार बचाए, तो बार-बार बचाना पड़ेगा।+
20 सलाह को सुन और शिक्षा कबूल कर,+
ताकि तू आगे चलकर बुद्धिमान बने।+
21 इंसान अपने दिल में बहुत-सी योजनाएँ बनाता है,
मगर यहोवा जो ठान लेता है, वह हर हाल में पूरा होता है।+
22 इंसान का अटल प्यार+ मन को भा जाता है
और झूठे आदमी से अच्छा गरीब आदमी होता है।
23 यहोवा का डर मानना जीवन की ओर ले जाता है,+
जिसमें यह डर है वह चैन से जीता है,
उस पर कोई आँच नहीं आती।+
24 आलसी, दावत के बरतन में हाथ तो डालता है,
लेकिन खाना मुँह तक लाने की तकलीफ नहीं उठाता।+
25 हँसी उड़ानेवाले को मार!+ यह देखकर नासमझ होशियार बनेगा।+
समझदार को डाँट, वह और भी सीखेगा।+
26 जो बेटा पिता के साथ बुरा सलूक करता है और माँ को भगा देता है,
वह शर्मिंदगी और बदनामी लाता है।+
27 हे मेरे बेटे, अगर तू शिक्षा पर कान लगाना छोड़ दे,
तो तू ज्ञान की बातों पर चलने से भटक जाएगा।
28 निकम्मा गवाह इंसाफ की हँसी उड़ाता है,+
दुष्ट जन बुराई का मज़ा ऐसे लेता है जैसे खाना निगल रहा हो।+
29 हँसी उड़ानेवाले के लिए सज़ा तय है+
और मूर्ख की पीठ के लिए छड़ी तैयार है।+