यशायाह
16 देश के शासक को एक मेढ़ा भेजो,
उस मेढ़े को सेला से लो और वीराने के रास्ते से होते हुए,
उसे सिय्योन की बेटी के पहाड़ पर पहुँचाओ।
3 “सलाह दो, फैसले को अंजाम दो,
भरी दोपहरी में छाँव बनकर हिफाज़त दो,
ऐसी छाँव जो रात के अँधेरे जितनी घनी हो।
तितर-बितर हुए लोगों को छिपा लो, भागनेवालों को दुश्मनों के हवाले मत करो।
4 हे मोआब, तू तितर-बितर हुए मेरे लोगों को अपने बीच रहने दे,
उनके लिए छिपने की जगह बन जा कि वे नाश करनेवाले से बच जाएँ।+
ज़ुल्म ढानेवाले का नाश हो जाएगा,
तबाही का अंत हो जाएगा,
दूसरों को कुचलनेवाले धरती से मिट जाएँगे।
5 इसके बाद एक राजगद्दी कायम की जाएगी, जिसकी बुनियाद अटल प्यार होगी।
दाविद के तंबू में जो उस राजगद्दी पर बैठेगा वह विश्वासयोग्य होगा,+
वह सच्चा न्याय करेगा और नेक काम करने के लिए तत्पर रहेगा।”+
6 हमने मोआब के घमंड के बारे में सुना है, वह बड़ा मगरूर है,+
हमने उसकी हेकड़ी, उसके घमंड और गुस्से के बारे में सुना है,+
लेकिन उसकी बड़ी-बड़ी बातें खोखली निकलेंगी।
मार खानेवाले लोग कीर-हरासत की किशमिश की टिकियों को याद करके आहें भरेंगे।+
8 हेशबोन+ के सीढ़ीनुमा खेत सूख गए,
राष्ट्रों के शासकों ने सिबमा+ की बेलों को,
उसकी लाल-लाल बेलों* को रौंद डाला,
जो याजेर तक पहुँच चुकी थीं,+
वीराने तक बढ़ गयी थीं।
उसकी डालियाँ दूर समुंदर तक फैल गयी थीं।
9 इसलिए जैसे मैं याजेर की बेलों के लिए रोया, सिबमा की बेलों के लिए भी रोऊँगा।
हे हेशबोन और एलाले, मैं तुम्हें अपने आँसुओं से भिगो दूँगा,+
क्योंकि तुम्हारे यहाँ गरमियों की फसल का शोर, फलों की कटाई का शोर बंद हो गया।*
10 बागों से खुशियों और जश्न का माहौल छीन लिया गया,
अंगूरों के बाग में कोई गीत नहीं गा रहा, कोई खुशी से नहीं झूम रहा,+
दाख-मदिरा के लिए हौद में अंगूर नहीं रौंदे जा रहे,
क्योंकि मैंने उनका शोर-शराबा बंद कर दिया।+
11 इसलिए मेरा मन मोआब के लिए तड़प उठा,+
मैं अंदर-ही-अंदर कीर-हरासत के लिए तड़प उठा,
मानो किसी ने सुरमंडल के तार छेड़ दिए हों।+
12 मोआब चाहे ऊँची जगहों पर जाकर खुद को थका दे, चाहे अपने पवित्र-स्थान में जाकर दुआएँ माँगे, फिर भी उसकी नहीं सुनी जाएगी।+
13 मोआब के बारे में यह संदेश यहोवा ने पहले ही दे दिया था। 14 अब यहोवा कहता है, “ठीक तीन साल के अंदर* मोआब की शान धूल में मिल जाएगी। चारों तरफ हाहाकार मचेगा। उसमें बस गिने-चुने लोग रह जाएँगे, जो न के बराबर होंगे।”+