गिनती
6 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा, 2 “इसराएलियों से कहना, ‘अगर कोई आदमी या औरत यहोवा के लिए नाज़ीर*+ बनकर सेवा करने की खास मन्नत माने, 3 तो उसे दाख-मदिरा या किसी भी किस्म की शराब नहीं पीनी चाहिए। उसे दाख-मदिरा या किसी भी तरह की शराब से बना सिरका नहीं पीना चाहिए।+ न अंगूरों से बना कोई रस पीना चाहिए, न ही ताज़े अंगूर या किशमिश खानी चाहिए। 4 वह जितने दिनों के लिए नाज़ीर की मन्नत मानता है उतने दिन उसे अंगूर की बेल की उपज से बनी कोई भी चीज़ नहीं खानी चाहिए, कच्चे अंगूर से लेकर छिलके तक से बनी कोई भी चीज़।
5 वह जितने दिनों के लिए नाज़ीर की मन्नत मानता है, उतने दिनों तक उसके सिर पर उस्तरा नहीं चलना चाहिए।+ उसे चाहिए कि वह अपने सिर के बाल बढ़ने दे और इस तरह खुद को पवित्र बनाए रखना चाहिए। उसे तब तक ऐसे रहना चाहिए जब तक कि यहोवा के लिए अलग ठहराए जाने के उसके दिन पूरे नहीं हो जाते। 6 वह जितने दिनों तक यहोवा की सेवा के लिए अलग ठहराया जाता है, उतने दिनों तक वह किसी की भी लाश* के करीब न जाए। 7 यहाँ तक कि अगर उसके पिता, उसकी माँ, उसके भाई या उसकी बहन की मौत हो जाए, तब भी उसे उनकी लाश छूकर दूषित नहीं होना चाहिए,+ क्योंकि उसके लंबे बाल इस बात की निशानी हैं कि उसने नाज़ीर बनकर परमेश्वर की सेवा करने की मन्नत मानी है।
8 वह जितने दिनों के लिए मन्नत मानता है उतने दिन वह यहोवा के लिए पवित्र रहता है। 9 लेकिन अगर उसके पास अचानक किसी की मौत हो जाए+ तो उसके सिर के बाल दूषित हो जाएँगे जो इस बात की निशानी हैं कि वह परमेश्वर के लिए अलग ठहराया गया है।* उसे उस दिन अपना सिर मुँड़वाना चाहिए+ जिस दिन उसे शुद्ध ठहराया जाएगा। उसे सातवें दिन अपना सिर मुँड़वाना चाहिए। 10 फिर आठवें दिन उसे दो फाख्ते या कबूतर के दो बच्चे लाकर भेंट के तंबू के द्वार पर याजक को देने चाहिए। 11 याजक एक चिड़िया की पाप-बलि और दूसरी की होम-बलि चढ़ाएगा और उसके पाप का प्रायश्चित करेगा+ क्योंकि वह लाश छूने की वजह से दोषी हो गया है। उसे चाहिए कि वह उसी दिन अपने सिर को पवित्र ठहराए। 12 उसे दोष-बलि के लिए एक साल का नर मेम्ना लाना चाहिए और यहोवा के लिए नाज़ीर बनकर सेवा करने के खास मन्नत के दिन दोबारा शुरू करने चाहिए, क्योंकि दूषित हो जाने की वजह से उसके मन्नत के गुज़रे हुए दिन नहीं गिने जाएँगे।
13 एक नाज़ीर के लिए यह नियम है: जिस दिन उसकी मन्नत पूरी होती है,+ उस दिन उसे भेंट के तंबू के द्वार पर लाया जाए। 14 वहाँ उसे यहोवा के लिए यह सब अर्पित करना चाहिए: होम-बलि के लिए एक साल का नर मेम्ना जिसमें कोई दोष न हो,+ पाप-बलि के लिए एक साल की मादा मेम्ना जिसमें कोई दोष न हो,+ शांति-बलि के लिए एक मेढ़ा जिसमें कोई दोष न हो,+ 15 टोकरी-भर छल्ले जैसी बिन-खमीर की रोटियाँ जो तेल से गुँधे हुए मैदे से बनी हों और तेल चुपड़ी बिन-खमीर की पापड़ियाँ। उसे इस चढ़ावे के साथ अनाज का चढ़ावा+ और अर्घ भी लाना चाहिए।+ 16 याजक यह सब यहोवा के सामने ले जाएगा और मन्नत माननेवाले की पाप-बलि और होम-बलि चढ़ाएगा। 17 वह यहोवा को बिन-खमीर की रोटियों से भरी टोकरी के साथ शांति-बलि का मेढ़ा अर्पित करेगा। याजक मेढ़े के साथ अनाज का चढ़ावा+ और अर्घ भी चढ़ाएगा।
18 फिर नाज़ीर को भेंट के तंबू के द्वार पर अपने सिर के लंबे बाल मुँड़वाने चाहिए,*+ जो उसने मन्नत के दिन बढ़ाए थे। वह अपने कटे हुए बाल उस आग में डालेगा जिसके ऊपर शांति-बलि का जानवर जल रहा होगा। 19 इसके बाद याजक मेढ़े का एक कंधा लेगा जो उबाला गया है+ और टोकरी से बिन-खमीर की छल्ले जैसी एक रोटी और बिन-खमीर की एक पापड़ी लेगा। वह यह सब नाज़ीर की हथेलियों पर रखेगा जिसने अपनी मन्नत की निशानी यानी सिर के बाल मुँड़वाए हैं। 20 तब याजक यहोवा के सामने वे चीज़ें आगे-पीछे हिलाएगा। यह हिलाकर दिया जानेवाला चढ़ावा है।+ ये चीज़ें, साथ ही हिलाकर दिए जानेवाले चढ़ावे के जानवर का सीना और पवित्र हिस्से का पैर,+ याजक के लिए पवित्र हैं। इस तरह नाज़ीर बनकर सेवा करने की अपनी मन्नत पूरी करने के बाद वह आदमी दाख-मदिरा पी सकता है।
21 अगर एक नाज़ीर, कानून में माँग की गयी इन चीज़ों के अलावा कुछ और चीज़ें यहोवा को देने की हैसियत रखता है और वह देने का वादा करता है, तो उस पर यह नियम लागू होगा+ कि वह हर हाल में अपना वादा पूरा करे और उन चीज़ों का चढ़ावा चढ़ाए।’”
22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 23 “हारून और उसके बेटों से कहना, ‘तुम्हें इसराएल के लोगों को इस तरह आशीर्वाद देना चाहिए।+ तुम उनसे कहना:
24 “यहोवा तुम्हें आशीष दे+ और तुम्हारी हिफाज़त करे।
25 यहोवा अपने मुख का प्रकाश तुम पर चमकाए+ और तुम पर कृपा करे।
26 यहोवा अपना मुख तेरी ओर करे और तुम्हें शांति दे।”’+
27 याजक मेरा नाम लेकर+ इसराएल के लोगों को आशीर्वाद दिया करें ताकि मैं उन्हें आशीष दूँ।”+