17 तुम न्याय करते वक्त किसी की तरफदारी न करना।+ जैसे तुम एक बड़े आदमी का मामला सुनते हो, उसी तरह तुम एक दीन आदमी का मामला भी सुनना।+ तुम इंसान से मत डरना+ क्योंकि तुम परमेश्वर की तरफ से न्याय करते हो।+ अगर कोई मामला तुम्हें बहुत पेचीदा लगे तो उसे मेरे पास लाना, उसकी सुनवाई मैं करूँगा।’+