कुलुस्सियों के नाम चिट्ठी
4 हे मालिको, अपने दासों के साथ नेकी और ईमानदारी से पेश आओ, यह जानते हुए कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक मालिक है।+
2 प्रार्थना में लगे रहो+ और इस मामले में जागरूक रहो और धन्यवाद देते रहो।+ 3 हमारे लिए भी प्रार्थना करो+ कि परमेश्वर हमारे लिए मौके का दरवाज़ा खोल दे ताकि हम वचन का प्रचार कर सकें और मसीह के बारे में पवित्र रहस्य बता सकें, क्योंकि मैं इसी वजह से कैद में हूँ।+ 4 और यह भी प्रार्थना करो कि मैं इसके बारे में साफ-साफ समझा सकूँ, ठीक जैसे मुझे समझाना चाहिए।
5 अपने वक्त का सही इस्तेमाल करते हुए,* बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से पेश आओ।+ 6 तुम्हारे बोल हमेशा मन को भानेवाले और सलोने*+ हों। तब तुम्हें हर किसी को सही तरह से जवाब देना आ जाएगा।+
7 मेरा प्यारा भाई और प्रभु में विश्वासयोग्य सेवक और संगी दास तुखिकुस+ तुम्हें मेरे बारे में सारी खबर देगा। 8 मैं उसे तुम्हारे पास इसलिए भेज रहा हूँ ताकि तुम हमारा हाल-चाल जान सको और वह तुम्हारे दिलों को दिलासा दे सके। 9 मैं उसके साथ अपने विश्वासयोग्य और प्यारे भाई उनेसिमुस+ को भेज रहा हूँ जो तुम्हारे यहाँ का है। वे दोनों तुम्हें यहाँ के हालात के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
10 अरिस्तरखुस+ जो मेरे साथ कैद है, तुम्हें नमस्कार कहता है और मरकुस+ भी जो बरनबास का भाई लगता है तुम्हें नमस्कार कहता है (जिसके बारे में तुम्हें हिदायतें मिली थीं कि अगर वह तुम्हारे पास आए तो उसका स्वागत करना)+ 11 और यीशु भी जो युसतुस कहलाता है तुम्हें नमस्कार कहता है। ये उन लोगों में से हैं जिनका खतना हुआ है। सिर्फ ये लोग ही परमेश्वर के राज के लिए मेरे सहकर्मी हैं और इनसे मुझे बहुत दिलासा मिला है।* 12 मसीह यीशु का दास, इपफ्रास+ जो तुम्हारे यहाँ का है, तुम्हें नमस्कार कहता है। वह हमेशा तुम्हारी खातिर जी-जान से प्रार्थना करता है ताकि तुम आखिर में प्रौढ़* लोगों के नाते मज़बूत खड़े रहो और परमेश्वर की सारी मरज़ी के बारे में तुम्हें पक्का यकीन हो। 13 हाँ, मैं उसका गवाह हूँ कि वह तुम्हारी खातिर और जो लौदीकिया और हीरापुलिस में हैं, उनकी खातिर बड़ा जतन करता है।
14 हमारा प्यारा भाई, वैद्य लूका+ तुम्हें नमस्कार कहता है और देमास+ भी। 15 लौदीकिया के भाइयों को और बहन नुमफास और उसके घर में इकट्ठा होनेवाली मंडली को मेरा नमस्कार।+ 16 जब यह चिट्ठी तुम्हारे बीच पढ़ी जाए, तो इसके बाद इसे लौदीकिया मंडली में भी पढ़वाने का इंतज़ाम करना+ और लौदीकिया से आयी चिट्ठी तुम भी पढ़ लेना। 17 और अरखिप्पुस+ से कहना, “तू इस बात का ध्यान रखना कि प्रभु में सेवा की जो ज़िम्मेदारी तूने स्वीकार की थी, उसे तू पूरा करे।”
18 मैं पौलुस खुद अपने हाथ से तुम्हें नमस्कार लिख रहा हूँ।+ मेरे कैद की ज़ंजीरों को याद रखना।+ परमेश्वर की महा-कृपा तुम पर होती रहे।