यशायाह
35 वीराना और सूखा मैदान खुशी से झूम उठेगा,+
बंजर ज़मीन खुशियाँ मनाएगी, केसर के बाग की तरह खिल उठेगी।+
लोग यहोवा की महिमा देखेंगे, हमारे परमेश्वर का वैभव देखेंगे।
4 जिनका मन घबरा रहा है उनसे कहो,
“घबराओ मत! हिम्मत रखो।
देखो! तुम्हारा परमेश्वर दुश्मनों से बदला लेने,
उन्हें सज़ा देने आ रहा है,+
वह ज़रूर आएगा और तुम्हें बचाएगा।”+
5 उस वक्त अंधों की आँखें खोली जाएँगी+
और बहरों के कान खोले जाएँगे,+
6 लँगड़े, हिरन की तरह छलाँग भरेंगे+
और गूँगों की ज़बान खुशी के मारे जयजयकार करेगी।+
वीराने में पानी की धाराएँ फूट निकलेंगी
और बंजर ज़मीन में नदियाँ उमड़ पड़ेंगी।
जिन माँदों में गीदड़ रहा करते थे,+
वहाँ हरी-हरी घास, नरकट और सरकंडे उग आएँगे।
कोई अशुद्ध इंसान उस पर नहीं चलेगा,+
यह सिर्फ उनके लिए होगा, जिनके लिए यह बनाया गया है,
मूर्ख उस पर पैर भी नहीं रख सकेगा।
जिन लोगों को कीमत देकर छुड़ाया गया है,
सिर्फ वे उस राह पर चलेंगे।+
10 यहोवा जिन्हें छुड़ाएगा वे जयजयकार करते हुए सिय्योन लौटेंगे,+
कभी न मिटनेवाली खुशी उनके सिर का ताज होगी।+
वे इतने मगन होंगे, इतनी खुशियाँ मनाएँगे
कि दुख और मातम उनके सामने से भाग खड़े होंगे।+