भजन
निर्देशक के लिए हिदायत। यहोवा के सेवक दाविद का गीत। यह गीत उसने यहोवा के लिए तब गाया जब यहोवा ने उसे सभी दुश्मनों और शाऊल के हाथ से छुड़ाया था:+
18 हे यहोवा, मेरी ताकत,+ मैं तुझसे गहरा लगाव रखता हूँ।
2 यहोवा मेरे लिए बड़ी चट्टान और मज़बूत गढ़ है, वही मेरा छुड़ानेवाला है।+
मेरा परमेश्वर मेरी चट्टान है+ जिसकी मैं पनाह लेता हूँ,
6 मुसीबत में मैंने यहोवा को पुकारा,
मदद के लिए मैं अपने परमेश्वर को पुकारता रहा।
7 तब धरती काँपने लगी, बुरी तरह डोलने लगी,+
पहाड़ों की नींव हिल गयी,
उनमें भयानक हलचल हुई क्योंकि उसका क्रोध भड़क उठा था।+
8 उसके नथनों से धुआँ उठने लगा,
मुँह से भस्म करनेवाली आग निकलने लगी,+
उसके पास से दहकते अंगारे बरसने लगे।
10 वह एक करूब पर सवार होकर उड़ता हुआ आया।+
वह एक स्वर्गदूत* के पंखों पर सवार होकर तेज़ी से नीचे आया।+
12 उसके सामने ऐसा तेज था कि बादल फट गए,
उनसे ओले और धधकते अंगारे बरसने लगे।
13 फिर स्वर्ग में यहोवा गरजने लगा,+
परम-प्रधान ने अपनी बुलंद आवाज़ सुनायी,+
तब ओले और धधकते अंगारे बरसने लगे।
15 हे यहोवा, जब तूने डाँट लगायी और तेरे नथनों से फुंकार निकली,
तो नदियों के तल नज़र आने लगे,+
धरती की बुनियाद तक दिखने लगी।+
17 उसने मुझे ताकतवर दुश्मन से छुड़ाया,+
उन लोगों से जो मुझसे नफरत करते थे, मुझसे ज़्यादा ताकतवर थे।+
21 क्योंकि मैं हमेशा यहोवा की राहों पर चलता रहा,
मैंने अपने परमेश्वर से दूर जाने की दुष्टता नहीं की।
22 उसके सभी न्याय-सिद्धांत मेरे सामने हैं,
मैं कभी उसकी विधियों को नज़रअंदाज़ नहीं करूँगा।
24 यहोवा मेरी नेकी के मुताबिक मुझे फल दे,+
मेरी बेगुनाही के मुताबिक इनाम दे जो उसने अपनी आँखों से देखी है।+
25 जो वफादार रहता है उसके साथ तू वफादारी निभाता है,+
जो सीधा है उसके साथ तू सीधाई से पेश आता है,+
26 जो खुद को शुद्ध बनाए रखता है उसे तू दिखाएगा कि तू शुद्ध है,+
मगर जो टेढ़ी चाल चलता है उसके साथ तू होशियारी से काम लेता है।+
वह उसकी पनाह लेनेवालों के लिए एक ढाल है।+
31 यहोवा को छोड़ और कौन परमेश्वर है?+
हमारे परमेश्वर के सिवा और कौन चट्टान है?+
34 वह मेरे हाथों को युद्ध का कौशल सिखाता है,
मेरे बाज़ू ताँबे की कमान मोड़ सकते हैं।
35 तू मुझे अपनी उद्धार की ढाल देता है,+
तेरा दायाँ हाथ मुझे थाम लेता* है
और तेरी नम्रता मुझे ऊँचा उठाती है।+
37 मैं अपने दुश्मनों का पीछा करूँगा और उन्हें पकड़ लूँगा,
मैं उन्हें मिटाकर ही लौटूँगा।
41 वे मदद के लिए पुकारते हैं, मगर उन्हें बचानेवाला कोई नहीं,
वे यहोवा को भी पुकारते हैं, मगर वह उन्हें जवाब नहीं देता।
42 मैं उन्हें कूटकर ऐसी धूल बना दूँगा जिसे हवा उड़ा ले जाती है,
उन्हें गलियों के कीचड़ की तरह बाहर फेंक दूँगा।
43 तू मुझे मेरे अपने लोगों के विरोध से भी बचाएगा।+
मुझे राष्ट्रों का मुखिया बनाएगा।+
जिन लोगों को मैं जानता तक नहीं वे मेरी सेवा करेंगे।+
46 यहोवा जीवित परमेश्वर है! मेरी चट्टान की तारीफ हो!+
मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर की बड़ाई हो!+