यहेजकेल
34 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा, 2 “इंसान के बेटे, इसराएल के चरवाहों के खिलाफ भविष्यवाणी कर। उनसे कहना, ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “धिक्कार है इसराएल के चरवाहों पर,+ जो बस अपना ही पेट भरते रहते हैं! क्या चरवाहों का काम यह नहीं कि वे झुंड को खिलाएँ-पिलाएँ?+ 3 तुम जानवरों की चरबी खाते हो, उनकी ऊन से अपने लिए गरम कपड़े बनाते हो और मोटे-ताज़े जानवर हलाल करते हो,+ मगर तुम झुंड को चराते नहीं।+ 4 तुमने कमज़ोरों को मज़बूत नहीं किया, बीमारों को ठीक नहीं किया, घायलों की मरहम-पट्टी नहीं की, भटके हुओं को झुंड में वापस नहीं लाए और खोए हुओं को तुम ढूँढ़ने नहीं गए।+ इसके बजाय, तुमने उन पर तानाशाहों की तरह राज किया और अत्याचार किया।+ 5 उनका कोई चरवाहा नहीं था, इसलिए वे तितर-बितर हो गयीं+ और मैदान के सभी जंगली जानवरों का निवाला बन गयीं। 6 मेरी भेड़ें सभी पहाड़ों और हर पहाड़ी पर भटकती रहीं और धरती के कोने-कोने तक तितर-बितर हो गयीं। उनकी तलाश करनेवाला या उन्हें ढूँढ़नेवाला कोई नहीं था।
7 इसलिए चरवाहो, यहोवा का यह संदेश सुनो, 8 ‘सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, “मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ, मैं ज़रूर कदम उठाऊँगा। मेरी भेड़ें शिकार हो गयीं, सभी जंगली जानवरों का निवाला बन गयीं, क्योंकि उनका कोई चरवाहा नहीं था। मेरे चरवाहों ने मेरी भेड़ों को नहीं ढूँढ़ा। वे मेरी भेड़ों को खिलाने-पिलाने के बजाय अपना ही पेट भरते रहे।”’ 9 इसलिए चरवाहो, यहोवा का संदेश सुनो। 10 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं इन चरवाहों के खिलाफ हूँ और उनसे अपनी भेड़ों का हिसाब माँगूँगा।* मैं उन्हें भेड़ों को चराने* के काम से निकाल दूँगा+ और वे फिर कभी अपना पेट न भर सकेंगे। मैं अपनी भेड़ों को उनके मुँह से छुड़ाऊँगा ताकि वे फिर कभी उनका निवाला न बनें।’”
11 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “देखो, मैं खुद अपनी भेड़ों को ढूँढ़कर लाऊँगा और उनकी देखभाल करूँगा।+ 12 जैसे एक चरवाहा उन भेड़ों को ढूँढ़कर लाता है जो तितर-बितर हो गयी हैं और उन्हें खिलाता-पिलाता है, उसी तरह मैं अपनी भेड़ों की देखभाल करूँगा।+ मैं उन्हें उन सभी जगहों से बचाकर ले आऊँगा जहाँ वे काले घने बादलों के दिन+ तितर-बितर हो गयी थीं। 13 मैं उन्हें दूसरे देशों से निकाल लाऊँगा और उन्हें इकट्ठा करूँगा और उनके अपने देश में बसाऊँगा। मैं उन्हें इसराएल के पहाड़ों पर, नदियों के पास और बसी हुई जगहों के पास चराऊँगा।+ 14 मैं हरे-भरे चरागाहों में उन्हें चराऊँगा और वे इसराएल के ऊँचे पहाड़ों पर चरा करेंगी।+ वहाँ वे हरियाली में बैठा करेंगी+ और इसराएल के पहाड़ों पर बढ़िया-से-बढ़िया चरागाहों में चरा करेंगी।”
15 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “मैं अपनी भेड़ों को खुद चराऊँगा+ और आराम करने की जगह ले जाऊँगा।+ 16 मैं खोयी हुई भेड़ को ढूँढ़ूँगा,+ भटकी हुई को वापस लाऊँगा, जो घायल है उसकी मरहम-पट्टी करूँगा और जो कमज़ोर है उसे मज़बूत करूँगा, मगर जो मोटी-ताज़ी और तगड़ी है उसे मिटा डालूँगा। मैं उसका न्याय करके उसे सज़ा दूँगा।”
17 मेरी भेड़ो, सारे जहान का मालिक यहोवा तुमसे कहता है, “मैं बहुत जल्द झुंड की भेड़ों, मेढ़ों और बकरों का न्याय करनेवाला हूँ।+ 18 तुमने बढ़िया-बढ़िया चरागाहों में खूब खाया है। क्या यह काफी नहीं था जो अब बाकी चरागाहों को अपने पैरों से रौंदने लगे हो? तुमने जी-भरकर साफ पानी पीया है। क्या यह काफी नहीं था जो अब बाकी पानी को पैर मार-मारकर गंदा करते हो? 19 क्या मेरी भेड़ें उन चरागाहों में चरें जिन्हें तुमने रौंद डाला है और वह पानी पीएँ जो तुमने पैर मारकर गंदा कर दिया है?”
20 इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा उनसे कहता है, “देखो, मैं मोटी-ताज़ी भेड़ और दुबली-पतली भेड़ का न्याय खुद करूँगा 21 क्योंकि तुम बीमार भेड़ों को अपने पांजर और कंधों से धकेलते रहते हो और सींगों से तब तक मारते रहते हो जब तक कि वे दूर-दूर तक तितर-बितर न हो जाएँ। 22 मैं अपनी भेड़ों को बचाऊँगा और वे फिर कभी किसी का शिकार नहीं होंगी।+ मैं हरेक भेड़ का न्याय करूँगा। 23 मैं उन सब पर एक चरवाहे को, अपने सेवक दाविद को ठहराऊँगा+ और वह उन्हें चराएगा। वह खुद उन्हें चराएगा और उनका चरवाहा बन जाएगा।+ 24 मैं यहोवा उनका परमेश्वर होऊँगा+ और मेरा सेवक दाविद उनका प्रधान होगा।+ यह बात मुझ यहोवा ने कही है।
25 मैं उनके साथ एक शांति का करार करूँगा+ और देश से खूँखार जंगली जानवरों को निकाल दूँगा+ ताकि वे लोग वीराने में महफूज़ रह सकें और जंगलों में सो सकें।+ 26 मैं उन्हें और उस पूरे इलाके को, जो मेरी पहाड़ी के आस-पास है, एक आशीष ठहराऊँगा।+ मैं वक्त पर बारिश कराऊँगा और वहाँ आशीषों की बौछार होगी।+ 27 मैदान के पेड़ फलेंगे और ज़मीन अपनी उपज दिया करेगी+ और वे देश में महफूज़ बसे रहेंगे। जब मैं उनकी गुलामी का जुआ तोड़ डालूँगा+ और उन्हें उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊँगा जिन्होंने उन्हें गुलाम बना लिया है, तो उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ। 28 इसके बाद फिर कभी दूसरे राष्ट्र उन्हें अपना शिकार नहीं बना सकेंगे और जंगली जानवर उन्हें नहीं खा सकेंगे। वे महफूज़ बसे रहेंगे और उन्हें कोई नहीं डराएगा।+
29 मैं उन्हें ऐसा बाग दूँगा जिसका बड़ा नाम होगा और वे फिर कभी देश में अकाल से नहीं मरेंगे+ और दूसरे राष्ट्र उन्हें नीचा नहीं दिखाएँगे।+ 30 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘तब उन्हें जानना होगा कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा उनके साथ हूँ और इसराएल के घराने के वे लोग मेरी प्रजा हैं।’”’+
31 सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘तुम लोग मेरी भेड़ें हो+ जिनकी मैं देखभाल करता हूँ। तुम अदना इंसान हो और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ।’”