यहेजकेल
9 फिर उसने ज़ोर से आवाज़ लगायी और मेरे सुनते हुए कहा, “उन आदमियों को बुलाओ जो इस शहर को सज़ा देंगे। हर आदमी अपने हाथ में नाश करने का हथियार लेकर आए!”
2 मैंने देखा कि उत्तर के ऊपरी दरवाज़े की तरफ से छ: आदमी चले आ रहे हैं।+ हर आदमी के हाथ में चूर-चूर करनेवाला एक हथियार था। उन छ: आदमियों के बीच एक और आदमी था जो मलमल की पोशाक पहने और कमर पर लिपिक की कलम-दवात* बाँधे हुए था। ये सारे आदमी मंदिर में आए और ताँबे की वेदी+ के पास खड़े हो गए।
3 तब इसराएल के परमेश्वर की महिमा,+ जो अब तक करूबों के ऊपर छायी हुई थी, वहाँ से हटकर भवन के दरवाज़े की दहलीज़ पर आ गयी।+ फिर परमेश्वर ने उस आदमी को आवाज़ दी जो मलमल की पोशाक पहने और कमर पर लिपिक की कलम-दवात बाँधे हुए था। 4 यहोवा ने उससे कहा, “तू पूरे यरूशलेम का दौरा कर और उन सभी के माथे पर एक निशान लगा जो शहर में होनेवाले घिनौने कामों+ की वजह से आहें भरते और कराहते हैं।”+
5 फिर उसने बाकी छ: आदमियों से मेरे सुनते कहा, “तुम लोग इस आदमी के पीछे-पीछे पूरे शहर में जाओ और लोगों को मार डालो। तुम्हारी आँखें उन पर तरस न खाएँ, न ही तुम बिलकुल दया करना।+ 6 बूढ़े, जवान, छोटे-छोटे बच्चे, कुँवारी लड़कियाँ, औरतें, सबको मार डालना, किसी को भी मत छोड़ना।+ मगर तुम ऐसे किसी भी आदमी के पास मत जाना जिसके माथे पर निशान लगा हो।+ तुम यह काम मेरे पवित्र-स्थान से शुरू करना।”+ तब उन आदमियों ने सबसे पहले उन मुखियाओं को मार डाला जो भवन के सामने मौजूद थे।+ 7 फिर उसने उन आदमियों से कहा, “इस भवन को दूषित कर दो और इसके आँगनों को मारे गए लोगों की लाशों से भर दो।+ जाओ, जाकर लोगों को मार डालो!” तब वे वहाँ से गए और उन्होंने शहर के लोगों को मार डाला।
8 जब वे लोगों को मार रहे थे, तो मैं अकेला बच गया। मैं मुँह के बल गिरा और चिल्लाने लगा, “हाय! ये कैसी बरबादी! हे सारे जहान के मालिक यहोवा, क्या तू इसी तरह यरूशलेम पर अपने क्रोध का प्याला उँडेलता रहेगा? क्या तू इसराएल में बचे लोगों में से किसी को भी ज़िंदा नहीं छोड़ेगा?”+
9 तब उसने मुझसे कहा, “इसराएल और यहूदा के घराने ने गुनाह करने में सारी हदें पार कर दी हैं।+ पूरा देश खून-खराबे से भर गया है+ और शहर में हर कहीं भ्रष्टाचार-ही-भ्रष्टाचार है,+ क्योंकि वे कहते हैं, ‘यहोवा ने इस देश को छोड़ दिया है, यहोवा हमें नहीं देख रहा।’+ 10 मेरी आँखें उन पर तरस नहीं खाएँगी, मैं उन पर बिलकुल दया नहीं करूँगा।+ मैं उनके चालचलन के मुताबिक उन्हें फल दूँगा।”
11 फिर मैंने उस आदमी को देखा जो मलमल की पोशाक पहने और कमर पर कलम-दवात बाँधे हुए था। वह वापस आया और उसने कहा, “तूने मुझे जैसी आज्ञा दी थी, मैंने बिलकुल वैसा ही किया।”