21 राजा का मन यहोवा के हाथ में पानी की धारा के समान है,+
वह जहाँ चाहता है उसे मोड़ देता है।+
2 इंसान को अपनी सभी राहें सही लगती हैं,+
लेकिन यहोवा दिलों को जाँचता है।+
3 यहोवा को बलिदानों से ज़्यादा,
उन कामों से खुशी मिलती है, जो सही हैं और न्याय के मुताबिक हैं।+
4 घमंड से चढ़ी आँखें और मगरूर दिल पाप हैं,
जो दीपक की तरह दुष्ट को राह दिखाते हैं।+
5 मेहनती की योजनाएँ ज़रूर सफल होंगी,+
लेकिन जल्दबाज़ी करनेवाले पर गरीबी छा जाएगी।+
6 झूठ बोलकर बटोरी गयी दौलत,
कोहरे की तरह गायब हो जाती है, ऐसी दौलत मौत का फंदा साबित होती है।+
7 दुष्टों की हिंसा उन्हीं का सफाया कर देती है,+
क्योंकि वे न्याय करने से इनकार करते हैं।
8 जो दोषी होता है, उसकी राह टेढ़ी-मेढ़ी होती है,
मगर जो निर्दोष होता है, उसके काम सीधाई के होते हैं।+
9 झगड़ालू पत्नी के साथ घर में रहने से अच्छा है,
छत पर अकेले एक कोने में रहना।+
10 दुष्ट जन बुरे काम करने के लिए बेचैन रहता है,+
वह दूसरों पर कोई दया नहीं करता।+
11 हँसी उड़ानेवाले को जब सज़ा मिलती है, तो नादान बुद्धि हासिल करता है
और अगर बुद्धिमान को अंदरूनी समझ मिल जाए, तो वह ज्ञान हासिल करता है।+
12 नेक परमेश्वर, दुष्ट के घर पर ध्यान देता है
और दुष्ट को गिराकर उसका नाश कर देता है।+
13 जो दीन जन की दुहाई सुनकर कान बंद कर लेता है,
उसकी दुहाई भी नहीं सुनी जाएगी।+
14 चोरी-छिपे दिया गया तोहफा गुस्सा ठंडा कर देता है,+
चुपके से दी गयी घूस क्रोध शांत कर देती है।
15 नेक जन को न्याय करने से खुशी मिलती है,+
लेकिन दुष्ट काम करनेवालों को न्याय बुरा लगता है।
16 जो इंसान अंदरूनी समझ की राह से भटक जाता है,
उसे मरे हुओं के साथ ठिकाना मिलता है।+
17 जिसे मौज-मस्ती से प्यार है, वह कंगाल हो जाएगा,+
जिसे तेल और दाख-मदिरा से प्यार है, वह अमीर नहीं होगा।
18 नेक जन के लिए दुष्ट को फिरौती में दिया जाता है
और सीधे-सच्चे इंसान के लिए कपटी को दिया जाता है।+
19 झगड़ालू और चिड़चिड़ी पत्नी के साथ रहने से अच्छा है,
वीराने में जाकर रहना।+
20 बुद्धिमान के घर में बेशकीमती खज़ाना और तेल मिलता है,+
लेकिन मूर्ख के पास जो कुछ होता है उसे वह लुटा देता है।+
21 जो कोई नेकी और अटल प्यार का पीछा करता है,
वह जीवन, नेकी और आदर पाता है।+
22 बुद्धिमान इंसान योद्धाओं के शहर को जीत लेता है
और जिस ताकत पर वे भरोसा रखते हैं उसे तोड़ देता है।+
23 जो अपने मुँह और ज़बान पर काबू रखता है,
वह खुद को मुसीबत से बचाता है।+
24 जो उतावली में आकर अपनी मर्यादा लाँघता है,
वह गुस्ताख, घमंडी और डींगमार कहलाता है।+
25 आलसी अपने हाथ से काम नहीं करना चाहता,
इसलिए उसकी लालसाएँ उसकी जान ले लेंगी।+
26 वह दिन-भर कुछ-न-कुछ पाने का लालच करता है,
लेकिन नेक जन देता रहता है और अपने पास कुछ नहीं रखता।+
27 दुष्ट के बलिदान घिनौने होते हैं+
और अगर इसे बुरे इरादे से चढ़ाया जाए,
तो यह और भी कितना घिनौना होगा!
28 झूठे गवाह का नाश हो जाएगा,+
लेकिन जो ध्यान से सुनता है वह अच्छी गवाही देगा।
29 दुष्ट के चेहरे पर विश्वास झलकता है,+
लेकिन सीधे-सच्चे इंसान की राह ही सही होती है।+
30 यहोवा के खिलाफ न तो कोई बुद्धि, न कोई पैनी समझ और न ही कोई सलाह टिक सकती है।+
31 युद्ध के दिन के लिए घोड़ा तैयार किया जाता है,+
मगर उद्धार यहोवा ही दिलाता है।+