श्रेष्ठगीत
मैं उसके लिए तड़प उठी, लेकिन वह मेरे पास नहीं था।+
मैंने अपने प्यार को बहुत ढूँढ़ा, पर वह मुझे नहीं मिला।
3 रास्ते में मुझे शहर के पहरेदार मिले जो गश्त लगा रहे थे।+
मैंने पूछा, ‘क्या तुमने मेरे साजन को कहीं देखा है?’
4 मैं उनसे थोड़ी ही दूर गयी थी
कि तभी वह मुझे मिल गया और मैं उससे लिपट गयी।
मैंने उसे तब तक नहीं जाने दिया,
जब तक मैं उसे अपनी माँ के घर,
5 हे यरूशलेम की बेटियो,
तुम्हें चिकारे और मैदान की हिरनियों की कसम,
जब तक प्यार खुद मेरे अंदर न जागे, तुम उसे जगाने की कोशिश नहीं करोगी।”+
6 “वीराने से धुएँ के खंभे जैसा यह क्या आ रहा है?
क्या है यह जिससे गंधरस, लोबान
और व्यापारी की हर खुशबूदार बुकनी की महक आ रही है?”+
7 “यह तो सुलैमान का आसन है!
देखो, इसराएल के योद्धाओं में से 60 वीर योद्धा उसके साथ चले आ रहे हैं।+
8 सब-के-सब तलवार लिए हैं,
युद्ध की कला में माहिर हैं,
हरेक की कमर पर तलवार बँधी है
कि रात में किसी भी खतरे का सामना कर सके।”
यरूशलेम की बेटियों ने बड़े प्यार से इसे अंदर से सजाया है।”