गीत 103
“आदमियों के रूप में तोहफे”
1. हम को चरवाहे याह ने दिए,
रास्ता दिखाते जो।
रखते मिसाल हमारे लिए,
तोहफा अनमोल हैं वो।
(कोरस)
जीता भरोसा इन भाइयों ने,
हैं वफादार और सच्चे।
करते फिकर याह के लोगों की,
तो उनसे प्यार हम करें।
2. करते कदर जज़्बातों की वो,
नरमी से पेश आते।
हर ज़ख्मी “भेड़” की परवाह उनको,
बोल हैं मरहम जैसे।
(कोरस)
जीता भरोसा इन भाइयों ने,
हैं वफादार और सच्चे।
करते फिकर याह के लोगों की,
तो उनसे प्यार हम करें।
3. रोज़ वो खयाल हमारा रखें
कि हम ना हों गुमराह।
देते सलाह वचन से याह के,
ताकि करें सेवा।
(कोरस)
जीता भरोसा इन भाइयों ने,
हैं वफादार और सच्चे।
करते फिकर याह के लोगों की,
तो उनसे प्यार हम करें।
(यशा. 32:1, 2; यिर्म. 3:15; यूह. 21:15-17; प्रेषि. 20:28 भी देखें।)