भाग दो
‘तूने मेरे पवित्र-स्थान को दूषित कर दिया’—शुद्ध उपासना दूषित हो गयी
भाग किस बारे में है: यहूदा और यरूशलेम के लोगों की उपासना दूषित हो गयी और वे अनैतिक काम करने लगे
यहोवा इसराएलियों को अपनी “अनमोल जायदाद” समझकर उनसे प्यार करता था और उनकी देखभाल करता था। (निर्ग. 19:5, फु.) लेकिन बदले में इसराएलियों ने क्या किया? उन्होंने यहोवा के मंदिर में ही, जिससे उसका नाम जुड़ा था, झूठे देवताओं को पूजने की जुर्रत की! उन्होंने यहोवा का दिल तोड़ दिया और उसका नाम बदनाम कर दिया। इस भाग से जानिए कि इसराएली इस हद तक कैसे गिर गए। यरूशलेम के नाश के बारे में यहेजकेल की भविष्यवाणी से हम क्या सीख सकते हैं? इसराएल ने पड़ोसी राष्ट्रों से जो मेल-जोल रखा और उन राष्ट्रों ने इसराएल के साथ जो व्यवहार किया, उससे हमें क्या सीख मिलती है?