शान्ति के असली सन्देशवाहक कौन हैं?
मई ३१, १९९६ को, समाचार सूत्रों ने उस बात की घोषणा की जो शान्ति का एक सन्देश लग रहा था। उसके पिछले दिन, इस बात की पुष्टि करते हुए एक सरकारी विज्ञप्ति जारी की गयी कि बेन्यामीन नेतानयाहू, जो इस्राएल के प्रधान मंत्री बनने ही वाले थे, “शान्ति प्रक्रिया को जारी रखने के लिए बहुत ज़्यादा समर्पित [थे], सुरक्षा के साथ शान्ति, इस्राएल के राज्य और उसके सभी पड़ोसियों के मध्य शान्ति, जिनमें फिलिस्तिनी शामिल हैं।”
नेतानयाहू के बहु-प्रचारित चुनाव ने अनेक लोगों को सोचने पर मज़बूर किया कि मध्य-पूर्व में शान्ति केवल एक सपना तो नहीं। अगर ऐसा है, तो क्या अन्य राष्ट्र अपने भेद-भावों को भूलने के द्वारा उसके नक़्श-ए-क़दम पर चल सकते हैं?
बेशक, शान्ति हासिल करने के मुक़ाबले उसका वचन देना ज़्यादा आसान है। इस बात को समझते हुए अनेक लोग आशंकित थे। जैसे पत्रकार हेमी शालेव ने कहा, “इस्राएल की आधी जनता को अब लगता है कि बहाली निकट है, और शेष आधी को लगता है कि यह नरक में फँसा हुआ है।” इसका निचोड़ देते हुए, उसने कहा: “कुछ लोग तो ख़ुश हैं; दूसरे दुःखी।”
शान्ति के लिए मनुष्य की कोशिशों के साथ ऐसा ही होता है। एक नेता और उसके समर्थकों की जीत का मतलब विरोधी दल की हार होता है। असंतुष्टि मोह-भंग की ओर ले जाती है, और मोह-भंग अकसर विद्रोह की ओर। चाहे यह मध्य-पूर्व, लैटिन अमरीका, पूर्वी यूरोप में हो, या कहीं और—शान्ति के लिए मानवजाति के प्रयास कितने भ्रामक होते हैं।
वास्तविक शान्ति निकट!
उस समय के दौरान जब मध्य-पूर्व में शान्ति ख़ासकर सुर्ख़ियों में थी, एक और शान्ति का सन्देश सुना गया। यह कोई बहु-प्रचारित राजनैतिक भाषण नहीं था; ना ही यह राष्ट्रों के बीच में कोई शान्ति संधि थी। इसके बजाय, इस सन्देश ने उस शान्ति की घोषणा की जो केवल परमेश्वर के राज्य के माध्यम से आएगी। यह सन्देश कहाँ सुना गया? १९९६/९७ में दुनिया-भर में यहोवा के साक्षियों द्वारा आयोजित किए गए १,९०० से ज़्यादा “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशनों में।
इन अधिवेशनों में यह स्पष्ट किया गया कि कोई मानवी सरकार सच्ची शान्ति और सुरक्षा नहीं ला सकती। क्यों? क्योंकि इसके लिए उन बातों का सफ़ाया करने की ज़रूरत होती जो हर रोज़ हमसे हमारी शान्ति छीनती हैं। सच्ची शान्ति का मतलब है हर सुबह युद्ध या हिंसा के ख़तरे के बग़ैर नींद से आँख खोलना। इसका मतलब है अब अपराध नहीं, हमारे दरवाज़ों पर अब ताले नहीं, सड़कों पर चलने का अब डर नहीं, अब टूटे हुए परिवार नहीं। धरती पर ऐसी कौन-सी सरकार है जो यह सब पूरा कर सकती है? वाक़ई, धरती पर ऐसी कौन-सी सरकार है जो इसका वचन देने की भी हिम्मत करेगी?
लेकिन, परमेश्वर का राज्य इन बातों को पूरा कर सकता है और पूरा करेगा। बाइबल वचन देती है: “देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।” (प्रकाशितवाक्य २१:३, ४) यह पीड़ित मनुष्यजाति के लिए क्या ही राहत लाएगा!
यहोवा परमेश्वर की प्रतिज्ञा कोई खोखली प्रतिज्ञा नहीं है। बाइबल हमें आश्वस्त करती है: “ईश्वर मनुष्य नहीं, कि झूठ बोले, और न वह आदमी है, कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उस ने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उसे पूरा न करे?” (गिनती २३:१९) जी हाँ, उन सभी की आशीष के लिए जो उसके पक्ष में अपनी स्थिति लेते हैं, परमेश्वर ने जो प्रतिज्ञा की है वह पूरी होगी।
परमेश्वर के शान्ति के सन्देशवाहक
यहोवा के साक्षी परमेश्वर के राज्य के बारे में अपने जोशीले प्रचार के लिए अच्छी तरह जाने जाते हैं। हर साल, वे लोग दूसरों के साथ बाइबल के दिलकश सन्देश को बाँटने में सामूहिक रूप से एक अरब से अधिक घंटे बिताते हैं। यह यीशु के शब्दों की पूर्ति में है: “राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।” (मत्ती २४:१४) जो सन्देश ये साक्षी लाते हैं वह वाक़ई “सुसमाचार” है, क्योंकि यह परमेश्वर के स्वर्गीय राज्य को मनुष्यजाति की एकमात्र आशा के रूप में घोषित करता है। और भविष्य के लिए यह क्या ही ठोस आशा है!
अब भी परमेश्वर का राज्य अपनी प्रजा में शान्ति और भाईचारे के प्रेम का एक असली बन्धन उत्पन्न कर रहा है। यीशु ने कहा: “यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो।” (यूहन्ना १३:३५) यहोवा के साक्षी सच्ची मसीहियत की इस मूलभूत माँग के अनुरूप जीने का प्रयास करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, उनका एक अद्भुत भाईचारा है जो यहूदियों और अरबियों, क्रोएशियाई लोगों और सर्बों, हुटु और टुटसियों को एकता में लाता है। यह शान्ति जिसके बारे में अधिकांश मानवजाति सिर्फ़ सपने देख सकती है, अब दुनिया-भर में लाखों यहोवा के साक्षियों की जागीर है।
बाइबल सिद्धान्तों के अनुरूप जीते रहने और परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार करते रहने के प्रोत्साहन को “ईश्वरीय शान्ति के सन्देशवाहक” ज़िला अधिवेशन कार्यक्रम में विशिष्ट किया गया था। हम आपको आमंत्रित करते हैं कि लाखों लोग जिस प्रेरक तीन-दिवसीय अधिवेशन का मज़ा लेते रहे हैं उसकी यह रिपोर्ट पढ़ें।