उन्होंने यहोवा की इच्छा पूरी की
आत्म-त्याग और निष्ठा का उदाहरण
एलीशा नाम के एक युवा किसान के लिए, एक दिन जो जुताई के सामान्य दिन की तरह शुरू हुआ उसके जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण दिन बन गया। जब एलीशा खेत में काम कर रहा था, तब इस्राएल का प्रमुख भविष्यवक्ता, एलिय्याह एकाएक उससे मिलने आया। शायद एलीशा ने सोचा हो, ‘उसे मुझसे क्या काम हो सकता है?’ उत्तर के लिए उसे ज़्यादा देर तक रुकने की ज़रूरत नहीं पड़ी। एलिय्याह ने अपना औपचारिक वस्त्र एलीशा पर फेंका, जिससे यह सूचित हुआ कि एक दिन एलीशा उसका उत्तराधिकारी होगा। एलीशा ने इस बुलावे को हलका नहीं जाना। तुरंत, उसने एलिय्याह का सेवक बनने के लिए अपना खेत छोड़ दिया।—१ राजा १९:१९-२१.
लगभग छः साल बाद, एलिय्याह के जाने का समय आ गया। उसके प्रस्थान के वृत्तांत को इब्रानी शास्त्र का “एक अति प्रभावशाली विवरण” कहा गया है।
एलिय्याह प्रस्थान की तैयारी करता है
एलिय्याह को आख़िरी बार बेतेल, यरीहो और यरदन जाने की इच्छा थी। इसके लिए कई किलोमीटर चलना पड़ता, उबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों से भी गुज़रना पड़ता। यात्रा के हर चरण में, एलिय्याह ने एलीशा को वहीं ठहरने के लिए प्रोत्साहित किया। लेकिन एलीशा ने अंत तक अपने स्वामी के साथ रहने का हठ किया।—२ राजा २:१, २, ४, ६.
जब वे बेतेल में और यरीहो में थे, तब “नबियों के पुत्र” (NHT फुटनोट) एलीशा के पास आये।a “क्या तुझे मालूम है कि आज यहोवा तेरे स्वामी को तेरे ऊपर से उठा लेने पर है?” उन्होंने उससे पूछा। “मुझे भी यह मालूम है,” उसने उत्तर दिया। “चुप रहो।”—२ राजा २:३, ५.
उसके बाद एलिय्याह और एलीशा यरदन नदी की ओर निकल पड़े। जब वे यरदन पर पहुँचे, तब एलिय्याह ने एक चमत्कार किया और दूर से लगभग ५० नबियों के पुत्रों ने इसे देखा। “एलिय्याह ने अपनी चद्दर पकड़कर ऐंठ ली, और जल पर मारा, तब वह इधर उधर दो भाग हो गया; और वे दोनों स्थल ही स्थल पार उतर गए।”—२ राजा २:८.
पार उतरने पर, एलिय्याह ने एलीशा से कहा: “उस से पहिले कि मैं तेरे पास से उठा लिया जाऊं जो कुछ तू चाहे कि मैं तेरे लिये करूं वह मांग।” एलीशा ने एलिय्याह की आत्मा का “दूना भाग” माँगा—अर्थात् दो हिस्से, जो कि सामान्य रूप से पहलौठे पुत्र का अधिकार होता। सचमुच, एलीशा ने एलिय्याह की वैसी ही प्रतिष्ठा की थी जैसी प्रतिष्ठा कोई पहलौठा पुत्र अपने पिता की करता। इसके अलावा, वह इस्राएल में यहोवा के भविष्यवक्ता के रूप में एलिय्याह का उत्तराधिकारी बनने के लिए अभिषिक्त किया गया था। सो उसकी बिनती न तो स्वार्थपूर्ण थी और न ही अनुचित। फिर भी, यह जानते हुए कि केवल यहोवा इस बिनती को सुन सकता है, एलिय्याह ने विनम्रता से उत्तर दिया: “तू ने कठिन बात मांगी है।” फिर उसने आगे कहा: “यदि तू मुझे उठा लिये जाने के बाद देखने पाए तो तेरे लिये ऐसा ही होगा; नहीं तो न होगा।”—२ राजा २:९, १०; व्यवस्थाविवरण २१:१७.
इसमें संदेह नहीं कि निकटता से अपने स्वामी के साथ-साथ रहने के लिए एलीशा पहले से भी अधिक दृढ़संकल्प था। फिर, ‘एक अग्निमय रथ और अग्निमय घोड़े’ प्रकट हुए। एलीशा की हैरान आँखों के सामने ही, एलिय्याह एक बवंडर में उठा लिया गया—चमत्कारिक रूप से उसे दूसरे स्थान पर ले जाया गया।b एलीशा ने एलिय्याह का औपचारिक वस्त्र उठाया और यरदन नदी के तीर पर लौट गया। उसने यह कहते हुए जल पर मारा: “एलिय्याह का परमेश्वर यहोवा कहां है?” तब जल इधर उधर हो गया, जिसने इस बात का स्पष्ट प्रमाण दिया कि एलिय्याह के उत्तराधिकारी के रूप में एलीशा को ईश्वरीय समर्थन प्राप्त था।—२ राजा २:११-१४.
हमारे लिए सबक़
जब एलीशा को एलिय्याह के साथ ख़ास सेवा का आमंत्रण मिला, तब उसने इस्राएल के प्रमुख भविष्यवक्ता की सेवा करने के लिए तुरंत अपना खेत छोड़ दिया। प्रत्यक्षतः, उसके कुछ काम नौकरोंवाले थे, क्योंकि वह इस तरह जाना गया, जो “एलिय्याह के हाथों को धुलाया करता था।”c (२ राजा ३:११) फिर भी, एलीशा ने अपने काम को एक विशेषाधिकार समझा और वह निष्ठापूर्वक एलिय्याह के साथ-साथ रहा।
आज परमेश्वर के अनेक सेवक आत्म-त्याग की वैसी ही आत्मा दिखाते हैं। कुछ लोगों ने दूर क्षेत्रों में सुसमाचार का प्रचार करने के लिए या एक बॆथॆल परिवार के सदस्यों के रूप में सेवा करने के लिए अपने “खेत,” अपनी जीविकाएँ छोड़ दी हैं। दूसरे जन संस्था की निर्माण परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए विदेश गये हैं। अनेक जनों ने वे काम स्वीकार किये हैं जिन्हें तुच्छ समझा जा सकता है। लेकिन, कोई भी जो यहोवा की सेवा करता है महत्त्वहीन काम नहीं कर रहा। यहोवा उन सब का मूल्यांकन करता है जो स्वेच्छा से उसकी सेवा करते हैं और वह उनकी आत्म-त्याग की आत्मा पर आशीष देगा।—मरकुस १०:२९, ३०.
एलीशा अंत तक एलिय्याह के साथ-साथ रहा। उसने बड़े भविष्यवक्ता को तब भी छोड़ने से इनकार कर दिया जब उसे ऐसा करने का अवसर दिया गया। निःसंदेह, उसने एलिय्याह के साथ जो निकट संबंध बनाया था उसी कारण ऐसा निष्ठापूर्ण प्रेम सुखद बन गया। आज, परमेश्वर के सेवक परमेश्वर के साथ अपने संबंध को मज़बूत करने और अपने संगी विश्वासियों के साथ निकटता बढ़ाने का प्रयास करते हैं। एकता के मज़बूत बंधन पर आशीष होगी, क्योंकि यहोवा के बारे में बाइबल कहती है: “खरे [निष्ठावान] पुरुष के साथ तू अपने को खरा [निष्ठावान] दिखाता है।”—२ शमूएल २२:२६.
[फुटनोट]
a पद “नबियों के पुत्र” इस काम के वास्ते बुलाये गये लोगों के लिए उपदेश की एक पाठशाला को या बस नबियों के एक सहयोगी संघ को सूचित कर सकता है।
b यहूदा के राजा यहोराम को एलिय्याह का संदेश कुछ साल बाद लिखा गया था।—२ इतिहास २१:१२-१५.
c ख़ासकर भोजन के बाद, एक सेवक का अपने स्वामी के हाथों को धुलाना आम बात थी। यह प्रथा पाँव धोने से मिलती-जुलती थी, जो पहुनाई, आदर और अमुक संबंधों में नम्रता का कृत्य था।—उत्पत्ति २४:३१, ३२; यूहन्ना १३:५.