अध्ययन लेख 19
जल्द दुनिया होगी नयी—यहोवा के वादे पर कैसे विश्वास बढ़ाएँ?
‘जब यहोवा कहता है कि वह कुछ करेगा, तो क्या वह नहीं करेगा?’—गिन. 23:19.
गीत 142 आशा संजोए रखें
एक झलकa
1-2. नयी दुनिया का इंतज़ार करते वक्त हमें क्या करते रहना है?
यहोवा ने इस दुष्ट दुनिया को खत्म करके नयी दुनिया लाने का जो वादा किया है, वह हम सबके लिए बहुत मायने रखता है। (2 पत. 3:13) हम यह तो नहीं जानते कि नयी दुनिया ठीक कब आएगी, लेकिन सबूत दिखाते हैं कि वह दिन अब दूर नहीं।—मत्ती 24:32-34, 36; प्रेषि. 1:7.
2 जब तक वह दिन नहीं आता, हम सभी को इस वादे पर अपना विश्वास बढ़ाते रहना है, फिर चाहे हम कितने ही समय से सच्चाई में क्यों ना हों। वह इसलिए कि अगर हम ऐसा ना करें, तो इस वादे पर हमारा अटूट विश्वास भी डगमगा सकता है। प्रेषित पौलुस ने तो कहा कि विश्वास की कमी एक ‘ऐसा पाप है जो आसानी से हमें उलझा सकता है।’ (इब्रा. 12:1) हम सब चाहते हैं कि हमारा विश्वास ना डगमगाए। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम उन सबूतों पर ध्यान देते रहें जिनसे साबित होता है कि नयी दुनिया बहुत जल्द एक हकीकत होगी।—इब्रा. 11:1.
3. इस लेख में हम क्या जानेंगे?
3 इस लेख में हम तीन तरीकों पर चर्चा करेंगे जिनसे नयी दुनिया के वादे पर हम अपना विश्वास बढ़ा सकते हैं। (1) फिरौती बलिदान पर मनन करके, (2) इस बात पर मनन करके कि यहोवा कितना ताकतवर है और (3) उपासना से जुड़े कामों में लगे रहकर। हम यह भी जानेंगे कि यहोवा ने हबक्कूक से जो कहा था, उससे आज हमारा विश्वास कैसे बढ़ता है। पर आइए पहले चर्चा करें कि ऐसे कौन-से हालात हो सकते हैं जब नयी दुनिया के वादे पर मज़बूत विश्वास होना बहुत ज़रूरी होता है। शायद आप ऐसे ही किसी हालात से गुज़र रहे हों।
ऐसे हालात जिनमें मज़बूत विश्वास होना ज़रूरी है
4. किस तरह के फैसले लेने के लिए मज़बूत विश्वास का होना ज़रूरी है?
4 हर दिन हमें ऐसे कई फैसले लेने होते हैं जिनके लिए मज़बूत विश्वास का होना ज़रूरी है। जैसे दोस्ती, मनोरंजन, पढ़ाई-लिखाई, शादी, बच्चे और नौकरी के मामले में। इसलिए हमें सोचना चाहिए, ‘मेरे फैसलों से क्या पता चलता है? क्या यह कि मुझे यकीन है, यह दुनिया सिर्फ कुछ ही समय की है और परमेश्वर बहुत जल्द नयी दुनिया लानेवाला है? या मेरे फैसलों से यह पता चलता है कि मैं दुनिया के लोगों की तरह सोचने लगा हूँ जो सिर्फ आज के लिए जीते हैं?’ (मत्ती 6:19, 20; लूका 12:16-21) अगर हम इस बात पर अपना विश्वास बढ़ाएँ कि नयी दुनिया बहुत जल्द आनेवाली है, तो हम अच्छे फैसले ले पाएँगे।
5-6. मुश्किलों के दौरान मज़बूत विश्वास का होना क्यों ज़रूरी है? उदाहरण देकर समझाइए।
5 कई बार हमें ऐसी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है जिनमें मज़बूत विश्वास का होना ज़रूरी होता है। जैसे शायद हम पर ज़ुल्म किए जाएँ, हमें कोई ऐसी बीमारी हो जाए जो जल्दी ठीक ना हो, या हम पर कोई ऐसी मुश्किल आए जिस वजह से हम निराश हो जाएँ। शुरू-शुरू में तो शायद हम डटकर इन मुश्किलों का सामना करें, लेकिन अगर कोई मुश्किल बहुत लंबे समय तक रहे, जैसे अकसर होता है, तो मज़बूत विश्वास का होना बहुत ज़रूरी हो जाता है। तभी हम उस दौरान धीरज रख पाएँगे और खुशी-खुशी यहोवा की सेवा कर पाएँगे।—रोमि. 12:12; 1 पत. 1:6, 7.
6 जब हम किसी मुश्किल से गुज़र रहे होते हैं, तो शायद हमें लगे कि पता नहीं नयी दुनिया कब आएगी। तो क्या इसका मतलब हमारा विश्वास कमज़ोर हो गया है? नहीं, ऐसा ज़रूरी नहीं है। ज़रा इस बारे में सोचिए। जब सर्दियों का मौसम होता है और कड़ाके की ठंड पड़ती है, तो शायद हमें लगने लगे कि पता नहीं गरमियाँ कब आएँगी। पर हम जानते हैं कि गरमियाँ आएँगी तो ज़रूर। उसी तरह, जब हम बहुत निराश हो जाते हैं, तो शायद हमें लगने लगे कि पता नहीं नयी दुनिया कब आएगी। लेकिन अगर हमारा विश्वास मज़बूत होगा, तो हमें यकीन होगा कि यह ज़रूर आएगी, क्योंकि यह यहोवा का वादा है। (भज. 94:3, 14, 15; इब्रा. 6:17-19) और यह यकीन होने से हम हमेशा यहोवा की उपासना को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह देंगे।
7. हमें किस बात पर शक नहीं करना चाहिए?
7 प्रचार काम करते रहने के लिए भी मज़बूत विश्वास होना बहुत ज़रूरी है। वह क्यों? क्योंकि जब हम लोगों को “खुशखबरी” सुनाते हैं कि बहुत जल्द परमेश्वर एक नयी दुनिया लानेवाला है, तो कई लोगों को लगता है कि यह तो सिर्फ कहने की बात है, ऐसा कभी नहीं होगा। (मत्ती 24:14; यहे. 33:32) पर हम नहीं चाहते कि हम भी उन लोगों की तरह यहोवा के वादे पर शक करने लगें। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम अपना विश्वास बढ़ाते रहें। हम यह कैसे कर सकते हैं? आइए तीन तरीकों पर गौर करें।
फिरौती बलिदान पर मनन कीजिए
8-9. फिरौती बलिदान पर मनन करने से हमारा विश्वास कैसे बढ़ सकता है?
8 अपना विश्वास मज़बूत करने का एक तरीका है, यीशु के फिरौती बलिदान पर मनन करना। फिरौती बलिदान इस बात की गारंटी है कि परमेश्वर के वादे ज़रूर पूरे होंगे। तो सोचिए कि यहोवा ने क्यों फिरौती बलिदान का इंतज़ाम किया और इसके लिए उसने कितना कुछ किया। ऐसा करने से हमारा यह विश्वास और भी बढ़ जाएगा कि परमेश्वर ने फिरदौस में हमेशा की ज़िंदगी देने का जो वादा किया है, वह ज़रूर पूरा होगा। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं?
9 ज़रा सोचिए, यहोवा ने फिरौती बलिदान देने के लिए कितना कुछ किया। वह अपने पहलौठे बेटे से बहुत प्यार करता था। वह उसका सबसे करीबी दोस्त था। फिर भी यहोवा ने उसे स्वर्ग से धरती पर एक परिपूर्ण इंसान के रूप में भेजा। जब यीशु धरती पर था, तो उसने कई तरह की मुश्किलें सहीं और फिर उसे तड़पा-तड़पाकर मार डाला गया। सच में, यहोवा ने हमारे लिए कितनी भारी कीमत चुकायी! क्या हमारे परमेश्वर ने हमें बस चार दिन की खुशी देने के लिए इतनी बड़ी कुरबानी दी? (यूह. 3:16; 1 पत. 1:18, 19) जब यहोवा ने हमारी खातिर इतनी बड़ी कीमत चुकायी है, तो वह ज़रूर अपना वादा पूरा करेगा और हमें फिरदौस में हमेशा की ज़िंदगी देगा।
सोचिए कि यहोवा कितना ताकतवर है
10. इफिसियों 3:20 के मुताबिक यहोवा में कितनी ताकत है?
10 अपना विश्वास बढ़ाने का दूसरा तरीका है, इस बारे में सोचना कि यहोवा कितना ताकतवर है। उसके पास इतनी ताकत है कि वह अपना हर वादा पूरा कर सकता है। लेकिन यहोवा ने हमें नयी दुनिया में हमेशा की ज़िंदगी देने का जो वादा किया है, उसके बारे में हम क्या कह सकते हैं? कई लोगों को लगता है कि ऐसा होना तो नामुमकिन है। पर याद रखिए, यहोवा अकसर ऐसे वादे करता है जिन्हें इंसान कभी पूरा नहीं कर सकते। यहोवा सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। (अय्यू. 42:2; मर. 10:27) इसलिए जब वह बड़े-बड़े वादे करता है, तो हमें हैरानी नहीं होती।—इफिसियों 3:20 पढ़िए।
11. यहोवा के एक ऐसे वादे के बारे में बताइए, जिसका पूरा होना नामुमकिन लग रहा था। (“नामुमकिन को मुमकिन किया” नाम का बक्स देखें।)
11 यहोवा के कुछ ऐसे वादों पर ध्यान दीजिए जिनका पूरा होना नामुमकिन-सा लग रहा था। जैसे, उसने अब्राहम और सारा से कहा कि उनके बुढ़ापे में उन्हें एक बेटा होगा। (उत्प. 17:15-17) उसने अब्राहम से यह भी कहा कि उसके वंशजों को कनान देश दिया जाएगा। लेकिन कई सालों तक अब्राहम के वंशज यानी इसराएली मिस्र में गुलाम रहे। इसलिए शायद लोगों को लगा हो कि यह वादा कभी पूरा नहीं होगा। लेकिन यहोवा ने अपना यह वादा पूरा किया। फिर इसके हज़ारों साल बाद, यहोवा ने इलीशिबा से वादा किया कि उसके एक बेटा होगा, जबकि उस वक्त वह बूढ़ी हो चुकी थी। यहोवा ने मरियम से भी एक वादा किया। वैसे तो वह कुँवारी थी, पर यहोवा ने उससे कहा कि वह उसके बेटे को जन्म देगी, जिसके बारे में उसने हज़ारों साल पहले अदन के बाग में वादा किया था। यहोवा ने अपना यह वादा भी पूरा किया!—उत्प. 3:15.
12. यहोवा कितना ताकतवर है, यह हमें यहोशू 23:14 और यशायाह 55:10, 11 से कैसे पता चलता है?
12 जब हम इस बारे में सोचते हैं कि परमेश्वर ने कौन-कौन-से वादे किए और उन्हें किस तरह पूरा किया, तो हम समझ पाते हैं कि यहोवा में गज़ब की ताकत है। इससे यहोवा के इस वादे पर हमारा विश्वास और बढ़ जाता है कि वह नयी दुनिया ज़रूर लाएगा। (यहोशू 23:14; यशायाह 55:10, 11 पढ़िए।) तब हम दूसरों को भी पूरे यकीन से यह बता पाते हैं कि परमेश्वर ने नयी दुनिया लाने का जो वादा किया है, वह कोई सपना या कोरी कल्पना नहीं है। यहोवा ने खुद भी नए आकाश और नयी पृथ्वी के लाने के बारे में कहा कि ये बातें “भरोसे के लायक और सच्ची हैं।”—प्रका. 21:1, 5.
उपासना से जुड़े कामों में लगे रहिए
13. सभाओं में जाने से हमारा विश्वास कैसे बढ़ता है? समझाइए।
13 अपना विश्वास बढ़ाने का तीसरा तरीका है, उपासना से जुड़े कामों में लगे रहना। जैसे, गौर कीजिए कि सभाओं में जाने से किस तरह हमारा विश्वास बढ़ता है। बहन ऐना की मिसाल पर ध्यान दीजिए, जिन्होंने बहुत सालों से अलग-अलग तरह की पूरे समय की सेवा की है। वे कहती हैं, “सभाओं से मेरा विश्वास मज़बूत बना रहता है। भले ही वक्ता उतनी अच्छी तरह से ना सिखा पा रहा हो या वह कोई ऐसी बात ना बताए, जो मैं ना जानती हूँ, फिर भी मुझे कुछ-न-कुछ ऐसा सुनने को मिल जाता है, जिससे बाइबल के बारे में मेरी समझ और बढ़ जाती है। और इससे मेरा विश्वास मज़बूत हो जाता है।”b यही नहीं, सभाओं में दूसरे भाई-बहनों के जवाब सुनकर भी हमारा विश्वास बढ़ता है।—रोमि. 1:11, 12; 10:17.
14. प्रचार काम करने से हमारा विश्वास कैसे बढ़ता है?
14 प्रचार काम करने से भी हमारा विश्वास बढ़ता है। (इब्रा. 10:23) बहन बारबरा, जिन्हें यहोवा की सेवा करते हुए 70 साल से भी ऊपर हो गए हैं, कहती हैं, “मैंने हमेशा देखा है कि जब मैं प्रचार करती हूँ, तो मेरा विश्वास बढ़ जाता है। जितना ज़्यादा मैं लोगों को यहोवा के लाजवाब वादों के बारे में बताती हूँ, उतना ही मेरा विश्वास मज़बूत होता है।”
15. निजी अध्ययन करने से हमारा विश्वास कैसे बढ़ता है? (तसवीरें भी देखें।)
15 एक और बात से हमारा विश्वास बढ़ता है, वह है निजी अध्ययन। बहन सूज़न ने निजी अध्ययन करने के लिए एक शेड्यूल बनाया है। इससे उन्हें बहुत मदद मिलती है। वे कहती हैं, “हर रविवार को मैं अगले हफ्ते के प्रहरीदुर्ग अध्ययन की तैयारी करती हूँ। सोमवार और मंगलवार को हफ्ते के बीच होनेवाली सभा की तैयारी करती हूँ। और बाकी दिनों में मैं अलग-अलग विषयों पर निजी अध्ययन करती हूँ।” इस तरह एक शेड्यूल बनाने और उसके हिसाब से चलने से बहन सूज़न अपना विश्वास बढ़ा पायी हैं। बहन आइरीन सालों से विश्व-मुख्यालय में सेवा कर रही हैं। भविष्यवाणियों का अध्ययन करने से उनका विश्वास बहुत बढ़ा है। वे बताती हैं, “जब मैं पढ़ती हूँ कि यहोवा ने जो भविष्यवाणियाँ की थीं, उनकी छोटी-से-छोटी बात भी कैसे पूरी हुई, तो मैं दंग रह जाती हूँ।”c
“यह ज़रूर पूरा होगा”
16. हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि यहोवा ने हबक्कूक से जो बात कही, वो आज हमारे लिए भी मायने रखती है? (इब्रानियों 10:36, 37)
16 यहोवा के कुछ वफादार सेवक सालों से इस दुनिया के अंत का इंतज़ार कर रहे हैं। शायद कई लोगों को लगे कि अंत आने में देर हो रही है। यहोवा जानता है कि हम इंसानों को ऐसा लग सकता है। इसलिए उसने भविष्यवक्ता हबक्कूक को यकीन दिलाया, “यह दर्शन अपने तय वक्त पर पूरा होगा, वह समय बड़ी तेज़ी से पास आ रहा है, यह दर्शन झूठा साबित नहीं होगा। अगर ऐसा लगे भी कि इसमें देर हो रही है, तब भी इसका इंतज़ार करना! क्योंकि यह ज़रूर पूरा होगा, इसमें देर नहीं होगी!” (हब. 2:3) यहोवा ने हबक्कूक को जो भरोसा दिलाया, क्या उससे सिर्फ उसे ही फायदा हुआ? या यहोवा की कही वह बात आज हमारे लिए भी कोई मायने रखती है? परमेश्वर की प्रेरणा से प्रेषित पौलुस ने वही बात मसीहियों को लिखी जो नयी दुनिया का इंतज़ार कर रहे थे और आज हम भी उसे ध्यान में रख सकते हैं। (इब्रानियों 10:36, 37 पढ़िए।) इसलिए अगर कभी हमें ऐसा लगे भी कि नयी दुनिया लाने का यहोवा ने जो वादा किया था, उसे पूरा होने में देर हो रही है, तो भी हम यकीन रख सकते हैं कि “यह ज़रूर पूरा होगा, इसमें देर नहीं होगी!”
17. यहोवा ने हबक्कूक को जो सलाह दी थी, वह सलाह एक बहन ने कैसे मानी?
17 यहोवा के कई सेवकों ने उसकी सलाह मानी है और वे “इंतज़ार” कर रहे हैं। कुछ लोग तो सालों से ऐसा कर रहे हैं। बहन लुईस के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। उन्होंने 1939 में यहोवा की सेवा करना शुरू किया था। वे कहती हैं, “उस वक्त मुझे लगता था कि जब तक मैं स्कूल की पढ़ाई पूरी करूँगी, हर-मगिदोन आ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वक्त के गुज़रते मैंने बाइबल से ऐसे कई लोगों के बारे में पढ़ा जिन्होंने यहोवा के वादों को पूरा होते देखने के लिए सालों इंतज़ार किया था, जैसे नूह, अब्राहम, यूसुफ और ऐसे ही दूसरे कई लोगों के बारे में। यहोवा के वादे ज़रूर पूरे होंगे, इस बात पर हमेशा भरोसा रखने से मुझे और दूसरों को यकीन हो गया है कि नयी दुनिया बहुत जल्द आनेवाली है।” यहोवा के कई वफादार सेवक जो लंबे समय से उसकी सेवा कर रहे हैं, बहन लुईस की बात से सहमत होंगे!
18. सृष्टि पर ध्यान देने से हम नयी दुनिया के वादे पर अपना विश्वास कैसे बढ़ा सकते हैं?
18 माना कि अब तक नयी दुनिया नहीं आयी है, लेकिन ज़रा अपने आस-पास की सृष्टि पर ध्यान दीजिए। जैसे, तारों, पेड़-पौधों, जानवरों और इंसानों पर। एक समय पर यह सब नहीं था। लेकिन आज कोई भी इनके वजूद पर शक नहीं कर सकता। आज यह सब इसलिए है, क्योंकि परमेश्वर यहोवा ने इन्हें बनाया है। (उत्प. 1:1, 26, 27) उसी तरह यहोवा ने यह तय किया है कि वह नयी दुनिया लाएगा और वह ऐसा ज़रूर करेगा। उस वक्त सबकी सेहत अच्छी होगी और हम हमेशा के लिए जीएँगे। हमें यकीन है कि यहोवा अपने तय वक्त पर नयी दुनिया ज़रूर लाएगा और तब वह उतनी ही असल होगी जितनी कि आज हमारे आस-पास की सृष्टि है।—यशा. 65:17; प्रका. 21:3, 4.
19. आप अपना विश्वास बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं?
19 जब तक नयी दुनिया नहीं आती, आइए हम हर मौके का फायदा उठाएँ और अपना विश्वास बढ़ाते जाएँ। हमेशा इस बात के लिए एहसानमंद होइए कि यहोवा ने फिरौती बलिदान का इंतज़ाम किया। इस बारे में सोचिए कि वह कितना ताकतवर है और उपासना से जुड़े कामों में लगे रहिए। ऐसा करने से आप भी उन लोगों में से होंगे “जो विश्वास और सब्र रखने की वजह से वादों के वारिस बनते हैं।”—इब्रा. 6:11, 12; रोमि. 5:5.
गीत 139 जब होंगे नयी दुनिया में!
a परमेश्वर ने नयी दुनिया लाने का जो वादा किया है, बहुत-से लोग उस पर विश्वास नहीं करते। उन्हें लगता है कि यह बस एक सपना या कथा-कहानी है, सच में ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि यहोवा ने जो भी वादे किए हैं, वे सब-के-सब पूरे होंगे। फिर भी हमें अपना यह विश्वास बढ़ाते रहना है। इस लेख में हम जानेंगे कि हम यह कैसे कर सकते हैं।
b इस लेख में कुछ लोगों के नाम उनके असली नाम नहीं हैं।
c बाइबल में दर्ज़ भविष्यवाणियों पर और भी लेख पढ़ने के लिए यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड में “बाइबल” विषय के नीचे दिया उपशीर्षक “भविष्यवाणी” देखें। जैसे, जनवरी-मार्च 2008 की प्रहरीदुर्ग में दिया लेख “यहोवा का वचन पत्थर की लकीर है” पढ़ें।