गीत 55
हमेशा की ज़िंदगी!
1. देख ज़-रा ये न-ज़ा-रा
प्यार ही प्यार है दि-लों में।
फै-ला अ-मन, ना है ग़म
अब ना आँ-सू ना दर्द!
(कोरस)
झूम के ख़ु-शी से गा
दिन वो तू दे-खे-गा
जब मि-ले-गी, ज़िं-द-गी
सब-को ह-मे-शा की!
2. बू-ढ़े तब हों-गे ज-वान
ना हो-गा कोई रो-गी।
ज़ुल्-मो-सि-तम, सब ख़-तम
रा-हत की साँस लें हम!
(कोरस)
झूम के ख़ु-शी से गा
दिन वो तू दे-खे-गा
जब मि-ले-गी, ज़िं-द-गी
सब-को ह-मे-शा की!
3. धर-ती पर फै-ली ख़ु-शी
हर त-रफ़ ह-रि-या-ली।
जा-ए ना दिन, बो-ले बिन
शु-क्रि-या याह ते-रा!
(कोरस)
झूम के ख़ु-शी से गा
दिन वो तू दे-खे-गा
जब मि-ले-गी, ज़िं-द-गी
सब-को ह-मे-शा की!
(अय्यू. 33:25; भज. 72:7; प्रका. 21:4 भी देखिए।)