अध्याय 1
यहोवा की मरज़ी पूरी करने के लिए संगठित
आज दुनिया-भर में हज़ारों संगठन हैं। ये संगठन धर्म, राजनीति, व्यापार और समाज-सेवा से जुड़े हैं। सबकी अपनी-अपनी खासियतें हैं, अपनी-अपनी धारणाएँ हैं और सबके अपने-अपने मकसद और सोच-विचार हैं। मगर एक संगठन ऐसा भी है, जो इन तमाम संगठनों से एकदम अलग है। परमेश्वर के वचन से साफ पता चलता है कि यह संगठन यहोवा के साक्षियों का संगठन है।
2 यह बहुत खुशी की बात है कि आप यहोवा के इस संगठन के साथ संगति कर रहे हैं। आपने खुद जाँच-परखकर जाना है कि परमेश्वर की मरज़ी क्या है और अब उसे पूरी कर रहे हैं। (भज. 143:10; रोमि. 12:2) आप भाइयों की बिरादरी के साथ मिलकर जोश से यहोवा की सेवा कर रहे हैं, जो पूरी दुनिया में मौजूद है और जिसके सदस्य एक-दूसरे से प्यार करते हैं। (2 कुरिं. 6:4; 1 पत. 2:17; 5:9) इस बिरादरी का हिस्सा होने से आपको ढेरों आशीषें और खुशियाँ मिली हैं, ठीक जैसे परमेश्वर के वचन में वादा किया गया है। (नीति. 10:22; मर. 10:30) आज हर बात में यहोवा की मरज़ी पूरी करके आप खुद को उस शानदार ज़िंदगी के लिए तैयार कर रहे हैं, जो कभी खत्म नहीं होगी।—1 तीमु. 6:18, 19; 1 यूह. 2:17.
3 पूरी दुनिया में हमारे महान सृष्टिकर्ता का एक ऐसा अनोखा संगठन है, जिसे वह खुद चला रहा है। जी हाँ, इसे यहोवा परमेश्वर चला रहा है जो हम सबका मुखिया है। हमें उस पर पूरा भरोसा है। वही हमारा न्यायी, हमारा कानून देनेवाला और हमारा राजा है। (यशा. 33:22) वह हर काम तरतीब से करनेवाला परमेश्वर है। उसने ऐसे इंतज़ाम किए हैं जिनकी मदद से हम “परमेश्वर के साथ काम” कर रहे हैं ताकि उसका मकसद पूरा हो।—2 कुरिं. 6:1, 2.
4 आज जैसे-जैसे दुनिया की व्यवस्था का अंत और करीब आ रहा है, हम यीशु मसीह की निगरानी में आगे बढ़ रहे हैं जिसे राजा चुना गया है। (यशा. 55:4; प्रका. 6:2; 11:15) खुद यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि धरती पर रहते वक्त उसने परमेश्वर की सेवा में जो काम किए, चेले उनसे भी बड़े-बड़े काम करेंगे। (यूह. 14:12) यह इसलिए मुमकिन होता क्योंकि यीशु के चेले उससे भी ज़्यादा लंबे समय तक और बड़ी तादाद में और बड़े इलाकों में प्रचार करते। वे दुनिया के सबसे दूर के इलाकों तक राज की खुशखबरी सुनाते।—मत्ती 24:14; 28:19, 20; प्रेषि. 1:8.
5 जैसे यीशु ने भविष्यवाणी की थी, ठीक वैसा ही हुआ है। लेकिन उसने साफ बताया था कि खुशखबरी सुनाने का काम यहोवा के तय वक्त पर खत्म होगा। परमेश्वर के वचन में दर्ज़ सारी भविष्यवाणियाँ साफ दिखाती हैं कि यहोवा का महान और भयानक दिन बहुत करीब है।—योए. 2:31; सप. 1:14-18; 2:2, 3; 1 पत. 4:7.
परमेश्वर हमसे जो चाहता है, उसे करने में हमें पहले से ज़्यादा मेहनत करनी होगी। इसके लिए हमें अच्छी तरह जानना होगा कि परमेश्वर का संगठन किस तरह काम करता है
6 हम जानते हैं कि इस आखिरी घड़ी में यहोवा की मरज़ी क्या है। इस वजह से परमेश्वर हमसे जो चाहता है, उसे करने में हमें पहले से ज़्यादा मेहनत करनी होगी। इसके लिए हमें अच्छी तरह जानना होगा कि परमेश्वर का संगठन किस तरह काम करता है और उसे पूरा-पूरा सहयोग देना होगा। इस संगठन का काम-काज परमेश्वर के वचन में दिए सिद्धांतों, आज्ञाओं, कायदे-कानूनों, आदेशों और शिक्षाओं के मुताबिक चलाया जाता है।—भज. 19:7-9.
7 यहोवा के लोग बाइबल से मिलनेवाली हिदायतों का सख्ती से पालन करते हैं। इस वजह से वे एक-दूसरे के साथ शांति से रहते हैं और एकजुट होकर काम करते हैं। (भज. 133:1; यशा. 60:17; रोमि. 14:19) दुनिया के हर कोने में रहनेवाले भाइयों के बीच एकता का यह बंधन इतना मज़बूत क्यों है? क्योंकि उन्होंने प्यार को अपना पहनावा बना लिया है और वे हर काम प्यार की वजह से करते हैं। (यूह. 13:34, 35; कुलु. 3:14) परमेश्वर की आशीष की वजह से उसके लोगों में एकता है। यही वजह है कि वे यहोवा के संगठन के उस हिस्से के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलते हैं, जो स्वर्ग में है।
यहोवा के संगठन का वह हिस्सा जो स्वर्ग में है
8 भविष्यवक्ता यशायाह, यहेजकेल और दानियेल ने दर्शन में यहोवा के संगठन का वह हिस्सा देखा जो स्वर्ग में है। (यशा., अध्या. 6; यहे., अध्या. 1; दानि. 7:9, 10) उसी तरह, प्रेषित यूहन्ना ने भी दर्शन में देखा कि स्वर्ग में कैसा इंतज़ाम है और उसने प्रकाशितवाक्य की किताब में हमें इसकी एक झलक दिखायी। यूहन्ना ने देखा कि यहोवा महिमा से भरपूर राजगद्दी पर बैठा है और उसके चारों तरफ खड़े स्वर्गदूत यह ऐलान कर रहे हैं: “सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है! वह परमेश्वर, जो था, जो है और जो आ रहा है।” (प्रका. 4:8) यूहन्ना ने यह भी देखा कि ‘उस राजगद्दी के पास एक मेम्ना’ खड़ा है। यह परमेश्वर का मेम्ना यीशु मसीह है।—प्रका. 5:6, 13, 14; यूह. 1:29.
9 दर्शन में यहोवा का एक राजगद्दी पर बैठना दिखाता है कि यहोवा इस संगठन का मुखिया है। यहोवा और उसके महान पद के बारे में 1 इतिहास 29:11, 12 कहता है, “हे यहोवा, महानता, ताकत, सौंदर्य, वैभव और प्रताप तेरा ही है क्योंकि आकाश और धरती पर जो कुछ है, सब तेरा है। हे यहोवा, राज तेरा है। तू ऐसा परमेश्वर है जिसने खुद को सबसे ऊँचा किया है, तू परम-प्रधान है। धन और सम्मान तुझी से मिलता है और तू हर चीज़ पर राज करता है। तेरे हाथ में शक्ति और ताकत है। तेरा हाथ सबको महान बना सकता है, उन्हें ताकत दे सकता है।”
10 यीशु यहोवा के साथ काम करता है, इसलिए स्वर्ग में उसका एक ऊँचा पद है और उसे बड़ा अधिकार दिया गया है। परमेश्वर ने “सबकुछ उसके पैरों तले कर दिया और उसे मंडली से जुड़ी सब बातों का मुखिया ठहराया।” (इफि. 1:22) प्रेषित पौलुस ने यीशु के बारे में कहा, “परमेश्वर ने उसे पहले से भी ऊँचा पद देकर महान किया और कृपा करके उसे वह नाम दिया जो दूसरे हर नाम से महान है ताकि जो स्वर्ग में हैं और जो धरती पर हैं और जो ज़मीन के नीचे हैं, हर कोई यीशु के नाम से घुटने टेके और हर जीभ खुलकर यह स्वीकार करे कि यीशु मसीह ही प्रभु है ताकि परमेश्वर हमारे पिता की महिमा हो।” (फिलि. 2:9-11) तो फिर, हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि यीशु सच्चाई से हमारी अगुवाई करेगा।
11 भविष्यवक्ता दानियेल ने दर्शन में देखा कि अति प्राचीन, यहोवा अपनी राजगद्दी पर बैठा है और ‘हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूत उसकी सेवा कर रहे हैं और लाखों-लाख उसके सामने खड़े हैं।’ (दानि. 7:10) स्वर्गदूतों की इस सेना के बारे में बाइबल कहती है कि ये ‘पवित्र सेवा करनेवाले स्वर्गदूत हैं जिन्हें उन लोगों की सेवा के लिए भेजा जाता है जो उद्धार पाएँगे।’ (इब्रा. 1:14) इन सभी स्वर्गदूतों को परमेश्वर के संगठन में अधिकार के अलग-अलग पद दिए गए हैं।—कुलु. 1:16.
12 यहोवा के संगठन का जो हिस्सा स्वर्ग में है, हमें उससे जुड़ी बातों पर मनन करना चाहिए। ऐसा करने से हम समझ पाएँगे कि यशायाह को दर्शन देखकर क्यों इतनी हैरानी हुई। उसने दर्शन में “यहोवा को एक बहुत ही ऊँची राजगद्दी पर बैठे देखा” और “उसके आस-पास साराप खड़े थे।” यह सब देखकर यशायाह ने कहा, “हाय! अब मैं ज़िंदा नहीं बचूँगा, क्योंकि मेरे होंठ अशुद्ध हैं, मैं अशुद्ध होंठवाले इंसानों के बीच रहता हूँ और मैंने सेनाओं के परमेश्वर और महाराजाधिराज यहोवा को देख लिया है।” जी हाँ, जब यशायाह समझ पाया कि यहोवा का संगठन कितना बड़ा है, तो वह श्रद्धा और विस्मय से भर गया और उसने खुद को बहुत छोटा महसूस किया। दर्शन का यशायाह पर इतना गहरा असर हुआ कि जब स्वर्ग से यह आवाज़ सुनायी दी कि कौन यहोवा के न्याय का संदेश सुनाएगा, तो उसने कहा, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज।”—यशा. 6:1-5, 8.
13 आज भी जब यहोवा के लोग उसके संगठन के बारे में सीखते हैं और दिल से उसकी कदर करते हैं, तो उन पर यशायाह की तरह गहरा असर होता है। जैसे-जैसे संगठन आगे बढ़ता है, हम उसके साथ-साथ चलने की कोशिश करते हैं। ऐसा करके हम दिखाते हैं कि हमें इस संगठन पर पूरा भरोसा है।
यहोवा का संगठन आगे बढ़ रहा है
14 यहेजकेल की किताब के पहले अध्याय में बताया गया है कि यहोवा एक बहुत बड़े रथ पर सवार है। यह शानदार रथ, यहोवा के संगठन के उस हिस्से को दर्शाता है, जिसे हम इंसान नहीं देख सकते। इस रथ पर यहोवा का सवार होना दिखाता है कि वह अपने संगठन को प्यार से निर्देश देता है और अपने मकसद के मुताबिक इसे इस्तेमाल करता है।—भज. 103:20.
15 इस रथ के हर पहिए के अंदर एक और पहिया लगा हुआ है और दोनों पहियों का आकार बराबर है। इसी वजह से कहा जा सकता है कि ये पहिए ‘चार दिशाओं में से किसी भी दिशा में जा सकते हैं।’ (यहे. 1:17) ये पहिए पलक झपकते ही अपनी दिशा बदल सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह रथ बेकाबू है या इसे चलानेवाला कोई नहीं। यहोवा अपने संगठन को उसके लोगों की मन-मरज़ी के मुताबिक चलने की इजाज़त नहीं देता। यहेजकेल 1:20 बताता है, “पवित्र शक्ति उन्हें जहाँ कहीं जाने के लिए उभारती, वे वहीं जाते थे।” तो सिर्फ यहोवा ही अपनी पवित्र शक्ति के ज़रिए अपने संगठन को उस दिशा में ले जाता है, जहाँ वह ले जाना चाहता है। हमें खुद से पूछना चाहिए, ‘क्या मैं संगठन के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चल रहा हूँ?’
16 यहोवा के संगठन के साथ-साथ चलने का मतलब सिर्फ सभाओं में जाना और प्रचार करना नहीं है। इसमें परमेश्वर की सेवा में तरक्की करना और उसके साथ अपना रिश्ता मज़बूत करना भी शामिल है। इसके लिए ज़रूरी है कि हम ‘पहचानें कि ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातें क्या हैं,’ साथ ही यहोवा के संगठन से मिलनेवाली ताज़ा-तरीन जानकारी लेते रहें और अपनी समझ बढ़ाते जाएँ। (फिलि. 1:10; 4:8, 9; यूह. 17:3) हमें यह भी याद रखना चाहिए कि एक संगठन तभी चलता है जब उसके सदस्यों के बीच अच्छा तालमेल होता है और वे एक-दूसरे का साथ देते हैं। इस वजह से हमें ध्यान रखना चाहिए कि परमेश्वर की मदद से हमने जो मसीही गुण पैदा किए हैं और हमारे पास जो काबिलीयतें और साधन हैं, उनका हम परमेश्वर की सेवा में पूरा-पूरा इस्तेमाल करें। हम यह भी ध्यान रखते हैं कि हम लोगों को जो संदेश सुनाते हैं, उसी के मुताबिक हम ज़िंदगी जीएँ।
17 यहोवा के संगठन की मदद से हम सब उसकी मरज़ी पूरी कर रहे हैं और करते रहेंगे। याद रखिए कि इस रथ का सवार यहोवा है। यहोवा के रथ के साथ-साथ चलकर हम दिखाते हैं कि हम उसका आदर करते हैं और उसे अपनी चट्टान समझकर उस पर भरोसा रखते हैं। (भज. 18:31) बाइबल वादा करती है कि “यहोवा अपने लोगों को ताकत देगा। यहोवा अपने लोगों को शांति की आशीष देगा।” (भज. 29:11) यहोवा अपने संगठन के लोगों को ताकत और शांति देता है। उसके संगठन का हिस्सा होने के नाते आज हमें भी ये आशीषें मिलती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि अगर हम आज और हमेशा तक यहोवा की मरज़ी पूरी करते रहें, तो हमें ढेरों आशीषें मिलती रहेंगी।