गीत 115
तारीफ यहोवा के सब्र की
1. ज़ोरों पे है बुराई जग में,
नेक दिलवाले हर दिन रोएँ।
जब भी चाहे तू कर सकता,
नाश पल-भर में सब दुष्टों का।
देर तू करे, कहते सब यही,
समझें ना ये नेकी है तेरी।
(कोरस)
न्याय तू करेगा, है यकीं,
तारीफ करते तेरे सब्र की।
2. साल एक हज़ार तो तेरे लिए,
बीते जैसे एक दिन पल में।
न्याय की घड़ी जल्द आएगी,
मौका है मन फेरें सभी।
लोगों की जान है प्यारी तुझे,
तू खुश होता जब मन वो फेरें।
(कोरस)
न्याय तू करेगा, है यकीं,
तारीफ करते तेरे सब्र की।
(नहे. 9:30; लूका 15:7; 2 पत. 3:8, 9 भी देखें।)