प्रश्न बक्स
◼ इंटरनेट पर किसी अजनबी से बातचीत करने में क्या खतरा है?
आजकल इंटरनेट पर ऐसी ढेरों वेब साइट बनायी गयी हैं, जिनके ज़रिए लोग एक-दूसरे से बातचीत करते और जान-पहचान बढ़ाते हैं। इनमें से कई वेब साइटों पर लोग अपना प्रोफाइल यानी अपने बारे में जानकारी और अपनी फोटो वगैरह लगा सकते हैं। फिर, इन प्रोफाइलों को देखकर दूसरे शायद उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाएँ। खासकर नौजवान इस तरह की वेब साइट के पीछे दीवाने हैं। यही नहीं, कुछ मसीही जवानों ने भी इनका इस्तेमाल करके ऐसे लोगों के साथ मेल-जोल बढ़ाया है, जो यहोवा के साक्षी होने का दावा करते हैं।
इंटरनेट पर एक इंसान अपनी असलियत, अपने इरादे और अपनी आध्यात्मिक हालत छिपाकर बड़ी आसानी से हमें धोखा दे सकता है। (भज. 26:4) हो सकता है, वह शख्स यहोवा का एक साक्षी होने का दावा करे, मगर असल में वह एक अविश्वासी हो, या उसे कलीसिया से बहिष्कृत किया गया हो। या फिर वह एक धर्मत्यागी हो, जो मसीहियों को ठोकर खिलाने की ताक में रहता है। (गल. 2:4) और-तो-और, देखा गया है कि कई बदचलन लोग खासकर बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाने के लिए इन वेब साइटों का इस्तेमाल करते हैं।
अगर हमें यकीन भी हो कि जिनके साथ हम बातें करते हैं, उनका कलीसिया में अच्छा नाम है, तब भी हमें सावधान रहने की ज़रूरत है। इंटरनेट पर हम बड़ी आसानी से उन विषयों पर बातचीत करने लग सकते हैं, जो मसीहियों को शोभा नहीं देते। इसकी वजह यह है कि आम तौर पर एक इंसान उन लोगों के साथ कोई रोक-टोक महसूस नहीं करता, जिनसे वह कभी मिला ही नहीं। इसके अलावा, उसे लगता है कि इंटरनेट पर वह जो भी बातें करता है, उनके बारे में उसके माँ-बाप या प्राचीनों को कानों-कान खबर तक नहीं होगी। अफसोस की बात है कि मसीही परिवारों के कई नौजवानों ने इस गलत सोच में पड़कर इंटरनेट पर अश्लील बातचीत की है। (इफि. 5:3, 4; कुलु. 3:8) कुछ ने तो अपने प्रोफाइल में खुद को बेहूदा किस्म के नाम दिए हैं या अपनी ऐसी तसवीरें लगायी हैं, जो देखनेवालों में अनैतिक इच्छाएँ जगाती हैं। या फिर, उन्होंने इस तरह के म्यूज़िक वीडियो डाले हैं, जो खुल्लम-खुल्ला सेक्स के बारे में होते हैं।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिताओं को अपने बच्चों पर नज़र रखनी चाहिए कि वे कंप्यूटर पर क्या-क्या करते हैं। (नीति. 29:15) किसी अजनबी को अपने घर पर बुलाना या उसे अपने बच्चों के साथ अकेला छोड़ना खतरे से खाली नहीं है। ठीक उसी तरह, इंटरनेट पर अनजान लोगों से दोस्ती करना हमारे लिए या हमारे बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं, फिर चाहे ये लोग यहोवा के साक्षी होने का दावा ही क्यों न करें।—नीति. 22:3.