पाएँ बाइबल का खज़ाना | मत्ती 12-13
गेहूँ और जंगली पौधों की मिसाल
यीशु ने गेहूँ और जंगली पौधों की मिसाल यह समझाने के लिए दी कि वह कब और किस तरह मानवजाति में से गेहूँ समान अभिषिक्त मसीहियों के पूरे समूह को इकट्ठा करेगा। बीज बोने का यानी चेलों का अभिषेक करने का काम ईसवी सन् 33 से शुरू हुआ।
‘एक आदमी ने अपने खेत में बढ़िया बीज बोए’
बोनेवाला: यीशु मसीह
बढ़िया बीज बोए जाते हैं: पवित्र शक्ति से यीशु के चेलों का अभिषेक किया जाता है
खेत: पूरी मानवजाति
‘जब लोग सो रहे थे, तो उसके दुश्मन ने गेहूँ के बीच जंगली पौधे के बीज बो दिए’
दुश्मन: शैतान
लोग सो रहे थे: प्रेषितों की मौत
“उन्हें साथ-साथ बढ़ने दो”
गेहूँ: अभिषिक्त मसीही
जंगली पौधे: नकली मसीही
‘पहले जंगली पौधों को उखाड़ दो, उसके बाद गेहूँ जमा करो’
दास/कटाई करनेवाले: स्वर्गदूत
जंगली पौधे उखाड़े गए: नकली मसीहियों को अभिषिक्त मसीहियों से अलग किया गया
गोदाम में जमा किया गया: अभिषिक्त मसीहियों को बहाल की गयी मंडली में इकट्ठा किया गया
जब कटाई के दिन शुरू हुए, तो सच्चे मसीहियों और नकली मसीहियों में क्या फर्क दिखायी दिया?
इस मिसाल का मतलब जानने से मुझे क्या फायदा हुआ है?