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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 5पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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सुखी: यूनानी शब्द माकारियोस। इसका मतलब सिर्फ खुश होना नहीं है, जैसे कोई मौज-मस्ती करते वक्त महसूस करता है। इसके बजाय जब एक इंसान को सुखी कहा गया है, तो उसका मतलब है कि उस पर परमेश्वर की आशीष और मंज़ूरी है। यही यूनानी शब्द परमेश्वर के बारे में और स्वर्ग में महिमा पाए यीशु के बारे में बताने के लिए भी इस्तेमाल हुआ है।—1ती 1:11; 6:15.
जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है: जिस यूनानी शब्द का अनुवाद ‘जिनमें भूख है’ किया गया है उसका शाब्दिक मतलब है, “जो गरीब (ज़रूरतमंद; कंगाल; भिखारी) हैं।” इस आयत में यह यूनानी शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल हुआ है जिन्हें किसी चीज़ की ज़रूरत है और उन्हें इस बात का पूरा एहसास है। लूक 16:20, 22 में यही शब्द लाज़र नाम के “भिखारी” के लिए इस्तेमाल हुआ है। “जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है,” इस वाक्य के लिए इस्तेमाल हुए यूनानी शब्दों को कुछ अनुवादों में “जो मन के दीन हैं” लिखा गया है। लेकिन इन यूनानी शब्दों का मतलब है, ऐसे लोग जिन्हें इस बात का ज़बरदस्त एहसास है कि उनका परमेश्वर के साथ कोई रिश्ता नहीं है और उनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है।—लूक 6:20 का अध्ययन नोट देखें।
उन्हीं का: यहाँ यीशु के चेलों की बात की गयी है क्योंकि वह खासकर उन्हीं से बात कर रहा था।—मत 5:1, 2.
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