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लूका 10:4नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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4 अपने साथ कोई बटुआ न लेना, न खाने की पोटली, न जूतियाँ लेना, और राह में किसी को नमस्कार करने के लिए उसे गले न लगाना।
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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 10पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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जूतियाँ: ऐसा मालूम होता है कि यीशु यहाँ एक और जोड़ी जूती की बात कर रहा था क्योंकि उसने चेलों से कहा कि अपने साथ . . . न ही जूतियाँ लेना। लंबे सफर में एक और जोड़ी जूती ले जाना आम था, क्योंकि अगर एक जोड़ी घिस गयी या फीते टूट गए तो दूसरी जोड़ी पहनी जा सकती थी। यीशु ने पहले जब इसी से मिलती-जुलती हिदायतें दी थीं, तब चेलों से कहा था कि उनके पास जो जूतियाँ हैं उन्हें वे “कस [या “पहन”] लें।” (मर 6:8, 9) और जैसे मत 10:9, 10 में लिखा है, उसने चेलों को यह भी हिदायत दी कि उनके पास जो एक जोड़ी जूती है उसके अलावा वे दूसरी जोड़ी न लें।
किसी को नमस्कार मत करना: या “किसी को नमस्कार करके गले न लगाना।” कुछ हालात में यूनानी शब्द आस्पाज़ोमाइ (“नमस्कार करना”) में “नमस्ते” या “कैसे हो” कहने के अलावा, गले मिलना और फिर लंबी बातचीत करना शामिल होता था, खासकर जब दो दोस्त मिलते थे। यीशु अपने चेलों को बेरुखी से पेश आने का बढ़ावा नहीं दे रहा था। इसके बजाय वह ज़ोर दे रहा था कि उन्हें ध्यान भटकानेवाली बातों से दूर रहना चाहिए और अपने समय का अच्छा इस्तेमाल करना चाहिए। प्राचीन समय में भविष्यवक्ता एलीशा ने भी अपने सेवक गेहजी को ऐसी ही हिदायत दी थी। (2रा 4:29) यीशु और एलीशा ने जो काम सौंपे थे उन्हें जल्द-से-जल्द किया जाना था, ज़रा भी देर नहीं की जानी थी।
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