जादू-विद्या—इसके बारे में आप क्या जानते हैं?
जादू-विद्या या टोना-टोटका, तंत्र-मंत्र ऐसे शब्द सुनते ही आपके मन में कैसी तस्वीर उभर आती है?
कई देशों में जादू-विद्या नाम सुनते ही लोगों के मन में कुछ ऐसी तस्वीर आती है: काले कपड़े पहने हुई, एक बूढ़ी भयानक औरत जादू करके दूसरों को मेंढ़क बना देती है, फिर ज़ोर-ज़ोर से हँसती है और एक झाड़ू पर बैठकर आसमान में उड़ती है। वे लोग सोचते हैं कि ये सब बस एक कल्पना और अंधविश्वास है।
मगर ऐसे कई लोग भी हैं जो जादू-विद्या को अंधविश्वास नहीं मानते बल्कि इसे बहुत खतरनाक समझते हैं। वे मानते हैं कि ओझा, डाइन, जादूगरनियाँ और टोना करनेवाले बहुत दुष्ट होते हैं और जादू करके दूसरों का नुकसान कर सकते हैं। अफ्रीका के धर्मों पर एक किताब कहती है कि “अफ्रीका में तकरीबन हर इंसान तंत्र-मंत्र और जादू-टोने को खतरनाक समझता है। इसलिए वे लोग जादूगरनियों, डाइनों और तंत्र-मंत्र करनेवालों से बहुत नफरत करते हैं। और कई जगहों में उनको बहुत पीटा जाता है और उन्हें मार डाला जाता है।”
मगर कई पश्चिमी देशों में आज जादू-विद्या पर से ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों का डर कम हो गया है। इसमें किताबों, टीवी और फिल्मों का बड़ा हाथ है। पत्रकार डेविड डेविस का कहना है: “आजकल फिल्मों में जादूगरनियों को एकदम जवान, प्यारी और बेहद खूबसूरत दिखाया जाता है। . . . ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग, स्त्रियाँ और छोटे बच्चे भी उनकी फिल्में देखें।” जी हाँ, पश्चिम देशों में आजकल जादू-विद्या को बिलकुल खतरनाक नहीं समझा जाता।
दरअसल, अमरीका और ऐसे ही कई देशों में जादू-विद्या में लोगों की दिलचस्पी बहुत ज़्यादा बढ़ रही है। इसकी एक वज़ह यह है कि लोगों का अपने धर्म पर से भरोसा उठ रहा है। कई देशों में स्त्री आंदोलनों की वज़ह से स्त्रियों को काफी छूट मिल गई है, इसलिए बहुत स्त्रियाँ जादू-विद्या सीखने लगी हैं। आज तरह-तरह की जादू-विद्या सिखाई जाती है लेकिन पश्चिम के देशों में जो जादू-विद्या बहुत लोकप्रिय है, वह वही जादू-विद्या है, जो सदियों पहले पश्चिम यूरोप में पायी जाती थी।
सदियों से जादू-विद्या करनेवाली कई औरतों को डायन, चुड़ैल कहकर मार डाला जाता है। इसलिए इसमें ताज्जुब की बात नहीं कि आज जो औरतें जादू-विद्या करती हैं, वे यह नहीं चाहतीं कि लोग उन्हें डाइन समझें, खतरनाक समझें। एक सर्वे में कई जादू-विद्या करनेवाली स्त्रियों से पूछा गया कि आप जनता को क्या संदेश देना चाहती हैं। उनका जवाब था: “हमारे अंदर कोई बुराई नहीं है, हम किसी का नुकसान नहीं करतीं और न ही किसी को गुमराह करती हैं। हम शैतान की पूजा नहीं करतीं। हम लोगों के लिए बिलकुल खतरा नहीं हैं, आपकी तरह हमारा भी परिवार और नौकरी-पेशा है। हमारी भी कुछ ख्वाहिशे हैं। और हमारा कोई खतरनाक पंथ नहीं हैं। हम किसी पर जादू नहीं करतीं। . . . आपको हमसे डरने की कोई ज़रूरत नहीं। . . . हममें और आपमें कोई फर्क नहीं।”
आज उनकी इन बातों को ज़्यादातर लोग सच मान रहे हैं। लेकिन क्या इसका यह मतलब है कि जादू-विद्या में कोई खतरा नहीं है? आइए इसका जवाब अगले लेख में देखें।