झूठा धर्म वेश्या की भूमिका ग्रहण करता है
१. वेश्यावृत्ति के बारे में अनेक लोग क्या विचार करते हैं?
कुछ लोग उसे सबसे पुराना पेशा कहते हैं—एक वेश्या, बाज़ारू औरत, या रंडी का पेशा। जैसे सामान्य रूप से इस्तेमाल होते हैं, इन सभी शब्दों का एक ही अर्थ है, जो मर्दों को अपना शरीर बेचनेवाली एक अनैतिक औरत का ज़िक्र करते हैं। फिर भी ऐसा समय भी था जब इसे एक सम्मानित धंधा समझा जाता था।
२, ३. प्राचीन बाबेलोन में याजिकाओं ने जो भूमिका अदा की, वह पुरुष तथा स्त्री वेश्यावृत्ति से संबंधित इस्राएल को दिए यहोवा के नियम से किस तरह विषम थी?
२ प्राचीन बाबेलोन के पुरोहिताई के विषय बोलते हुए, बाइबलीय पुरातत्वविज्ञान में एक विशेषज्ञ, प्राध्यापक एस. एच. हुक, ने बतलाया: “पुरोहिताई सिर्फ़ मर्दों तक ही सीमित न थी, पर औरतें बड़े मंदिरों के विशिष्ट कर्मचारी दल का एक हिस्सा हुईं। याजिकाओं के वर्ग का भाग होना एक सम्मान माना जाता था, और हम कई राजाओं के बारे में सुनते हैं जिन्होंने अपनी बेटियों को याजिका के पेशे के लिए समर्पित किया। . . . उनका सबसे महत्त्वपूर्ण प्रकार्य बड़े ऋतुकालिक उत्सवों पर पवित्र वेश्याओं के तौर से काम करना था। . . . इश्तार [जननक्षमता और युद्ध की देवी] के मंदिर में, स्वाभाविक रूप से ऐसी औरतों का एक बड़ा कर्मचारी दल था।”
३ यह उस उपासना के सरासर वैषम्य में थी, जो इस्राएल की जाति को यहोवा परमेश्वर को देनी थी। व्यवस्था में स्पष्टतः बताया गया: “इस्राएली पुत्रियों में से कोई मंदिर की वेश्या (देवदासी) न हो, और न इस्राएली पुत्रों में से कोई वेश्यावृत्ति करनेवाला [समलिंग कामी] हो। तू वेश्यापन की कमाई वा कुत्ते की कमाई किसी मन्नत को पूरी करने के लिए अपने परमेश्वर यहोवा के घर में न लाना क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा के समीप ये दोनों की दोनों कमाई घृणित कर्म हैं।” (व्यवस्थाविवरण २३:१७, १८; न्यू.व.) इस प्रकार, एक वेश्या की कमाई परमेश्वर के पवित्रस्थान को दिए दान के तौर से अस्वीकार्य थी। कोई धार्मिक लक्ष्यार्थ के बिना वेश्यावृत्ति भी लज्जाजनक थी। इस्राएलियों को आज्ञा दी गयी: “अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण बदचलनी से भर जाए।” वेश्यावृत्ति और समलिंग-कामिता, जिसका वर्णन “एक घिनौना काम” के तौर से किया गया है, के ख़िलाफ़ आज्ञाएँ उस जाति के लिए, दोनों आत्मिक और शारीरिक रूप से, एक संरक्षण था।—लैव्यव्यवस्था १९:२९; २०:१३.
आत्मिक वेश्यावृत्ति और भी बदतर है
४. वेश्यावृत्ति का बदतरीन रूप क्या है?
४ परंतु, परमेश्वर के नज़रिए से, वेश्यावृत्ति का एक और भी बदतर प्रकार है—आत्मिक वेश्यावृत्ति, या सच्चे परमेश्वर की उपासना करने का दावा करना जबकि वास्तव में उपासना और स्नेह दूसरे देवताओं को देना। प्राचीन यरूशलेम ने अपनी वेश्यावृत्ति एक क़दम आगे बढ़ायी। उसने उन जातियों को जिन्होंने उसके साथ आत्मिक व्यभिचार किया, भेंट दिए, और इस तरह सच्ची उपासना को दूषित किया।—यहेजकेल १६:३४.
५, ६. इस २०वीं सदी में कौन आत्मिक वेश्यावृत्ति कर रहे हैं, जिस से क्या प्रश्न उत्पन्न होते हैं?
५ इस २०वीं सदी में भी, संसार की धार्मिक व्यवस्था में आत्मिक वेश्यावृत्ति सामान्य है। मसीहीजगत् उस व्यवस्था का प्रमुख हिस्सा है—एक ऐसी व्यवस्था जिसे बाइबल “बड़ी बाबेलोन, पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता,” इस नाम से बुलाती है।—प्रकाशितवाक्य १७:५.
६ लेकिन बड़ी बाबेलोन की अंतिम नियति क्या है? और वह आख़री नतीजा आप को और आप के प्रिय लोगों को किस तरह प्रभावित करेगा? अगर परमेश्वर ने प्राचीन इस्राएल में वश्याओं को प्रतिकूल न्यायदंड दिया, आधुनिक आत्मिक वेश्यावृत्ति के बारे में वह क्या करेगा? उत्तरवर्ती लेख उन और संबंधित प्रश्नों की जाँच करेंगे।