आठवाँ अध्याय
झूठा धर्म—इसके एकाएक अंत की भविष्यवाणी
1, 2. (क) कुछ लोगों को क्यों यह नामुमकिन लगता है कि बहुत जल्द दुनिया-भर में धर्म की तरफ लोगों के नज़रिए में भारी बदलाव आएगा? (ख) हम यह कैसे जानते हैं कि यशायाह के 47वें अध्याय के शब्द भविष्य में भी पूरे होंगे? (ग) संसार के सभी झूठे धर्मों को “बड़ा बाबुल” नाम दिया जाना क्यों बिलकुल सही है?
“धर्म अपनी खोयी हुई जगह फिर-से हासिल कर रहा है।” यह खबर द न्यू यॉर्क टाइम्स मैगज़ीन के एक लेख में छपी थी। इस लेख ने बताया कि आज भी धर्म ने लाखों लोगों के दिलो-दिमाग को अपनी ज़बरदस्त गिरफ्त में ले रखा है। ऐसे में, शायद यह बात नामुमकिन लगे कि बहुत जल्द दुनिया-भर में धर्म की तरफ लोगों के नज़रिए में बहुत भारी बदलाव आनेवाला है। लेकिन यशायाह की किताब के 47वें अध्याय में ऐसे ही भारी बदलाव की भविष्यवाणी की गयी है।
2 यशायाह के शब्द 2,500 साल पहले पूरे हुए थे। लेकिन, यशायाह 47:8 के शब्दों का हवाला प्रकाशितवाक्य की किताब में भी दिया है और बताया गया है कि ये शब्द भविष्य में भी पूरे होंगे। यह किताब एक ऐसे संगठन के नाश होने की भविष्यवाणी करती है, जिसकी तुलना एक वेश्या से की गयी है। इस संगठन को “बड़ा बाबुल” कहा गया है जो संसार-भर में साम्राज्य की तरह फैले झूठे धर्म को दर्शाता है। (प्रकाशितवाक्य 16:19) संसार के झूठे धर्मों को “बाबुल” नाम दिया जाना बिलकुल सही है, क्योंकि इनकी शुरूआत प्राचीन बाबुल में ही हुई थी। वहीं से झूठा धर्म पृथ्वी के कोने-कोने तक फैल गया। (उत्पत्ति 11:1-9) आत्मा की अमरता, नरक-अग्नि और त्रिएक देवताओं की उपासना जैसी शिक्षाएँ, बाबुल से ही शुरू हुईं और इन्हें आज तकरीबन सभी धर्मों ने और ईसाईजगत ने भी अपना लिया है।a आज के इन धर्मों का भविष्य क्या होगा, इस सवाल पर क्या यशायाह की भविष्यवाणी कुछ रोशनी डालती है?
बाबुल को ज़मीन पर गिराया जाता है
3. बाबुल विश्वशक्ति की ख्याति का वर्णन कीजिए।
3 ध्यान दीजिए कि परमेश्वर कैसी चौंका देनेवाली घोषणा करता है: “हे बाबुल की कुमारी बेटी, उतर आ और धूलि पर बैठ; हे कसदियों की बेटी तू बिना सिंहासन भूमि पर बैठ! क्योंकि तू अब फिर कोमल और सुकुमार न कहलाएगी।” (यशायाह 47:1) कई सालों से बाबुल, दुनिया के तख्ते पर विश्वशक्ति बनकर हुकूमत करता आया है। इस नगर में, धर्म और व्यापार फल-फूल रहा है और यह सैन्य-शक्ति का खास गढ़ है, इसलिए इसे “सब राज्यों का शिरोमणि” कहा गया है। (यशायाह 13:19) बाबुल साम्राज्य जब अपनी बुलंदियों पर था, तब इसकी सरहदें दूर दक्षिण में मिस्र तक फैली थीं। और जब उसने सा.यु.पू. 607 में यरूशलेम को हरा दिया, तब ऐसा लगा मानो परमेश्वर भी उसे जीत हासिल करने से रोक नहीं सकता! इसलिए वह खुद को एक “कुमारी बेटी” समझता है, मानो जिसे कभी पराए देश के हमले का सामना नहीं करना पड़ेगा।b
4. बाबुल पर क्या नौबत आनेवाली है?
4 लेकिन, इस घमंडी “कुमारी” को दुनिया की सबसे ताकतवर विश्वशक्ति के सिंहासन से गिरा दिया जाएगा और उसे अपमानित करके ‘धूलि पर बैठने’ के लिए मजबूर किया जाएगा। (यशायाह 26:5) इसके बाद से उसे “कोमल और सुकुमार” रानी नहीं माना जाएगा, ना ही उसे सिर आँखों पर बिठाया जाएगा। यहोवा उसे यह हुक्म सुनाता है: “चक्की लेकर आटा पीस। अपना घूंघट हटा। घाघरा उतार फेंक। नंगी टाँगों से नदियों को पार कर।” (यशायाह 47:2, NW) पूरे यहूदा देश को अपना दास बनानेवाला बाबुल अब खुद एक दास बननेवाला है! मादी और फारसी उसे राजगद्दी से उतार देंगे और उससे जबरन अपनी गुलामी करवाएँगे।
5. (क) बाबुल का ‘घूंघट और घाघरा’ कैसे उतार दिया जाएगा? (ख) “नदियों को पार कर,” इस हुक्म का क्या मतलब हो सकता है?
5 इस तरह बाबुल का ‘घूंघट और घाघरा’ उतार दिया जाएगा यानी उसके ठाठ-बाट की एक भी निशानी नहीं बचेगी। उससे काम लेनेवाले प्रधान उसे यह हुक्म देंगे: “नदियों को पार कर।” इसका मतलब शायद यह है कि कुछ बाबुलियों से घाम धूप में दिन-रात सख्त गुलामी करवायी जाएगी। या फिर इसका यह मतलब हो सकता है कि कुछ बाबुलियों को बंदी बनाकर ले जाते वक्त उनको घसीटकर नदी पार ले जाया जाएगा। बाबुल के साथ चाहे जो भी हो, मगर यह तय है कि अब से उसे एक रानी की तरह पालकी या घोड़ा-गाड़ी में बिठाकर पूरे ठाठ-बाट से नदी पार नहीं ले जाया जाएगा। इसके बजाय, उसकी हालत नौकरानी की तरह हो जाएगी, जिसे लाज-शर्म छोड़ अपना पेटीकोट उठाकर नंगी टाँगें दिखाते नदी पार करनी पड़ती है। क्या ही बेइज़्ज़ती!
6. (क) बाबुल की नग्नता कैसे उघाड़ी जाएगी? (ख) इसका मतलब क्या है कि परमेश्वर ‘किसी मनुष्य को ग्रहण नहीं करेगा’? (फुटनोट देखिए।)
6 यहोवा, बाबुल पर ताना कसते हुए आगे कहता है: “तेरी नग्नता उघाड़ी जाएगी और तेरी लज्जा प्रगट होगी। मैं बदला लूंगा और किसी मनुष्य को [“दया से,” NW] ग्रहण न करूंगा।” (यशायाह 47:3)c जी हाँ, बाबुल को लज्जित और अपमानित होना पड़ेगा। उसने परमेश्वर के लोगों के साथ जितनी दुष्टता और बेरहमी से सलूक किया था, इसका सबके सामने भंडाफोड़ किया जाएगा। जब परमेश्वर, बाबुल से पलटा लेगा तो कोई भी इंसान उसे बचा नहीं पाएगा!
7. (क) बाबुल के गिरने की खबर सुनकर यहूदी बंधुए क्या करेंगे? (ख) यहोवा अपने लोगों को किस तरह छुड़ा लेगा?
7 जब शक्तिशाली बाबुल गिर जाएगा, तब 70 साल से यहाँ कैद, परमेश्वर के लोग खुशियाँ मनाएँगे। वे पुकार उठेंगे: “हमारा छुटकारा देनेवाले का नाम सेनाओं का यहोवा और इस्राएल का पवित्र है।” (यशायाह 47:4) अगर एक इस्राएली अपना कर्ज़ चुकाने के लिए किसी का गुलाम बन जाता है, तो मूसा की व्यवस्था के तहत एक छुड़ानेवाला (उसका निकट कुटुम्बी) उसे खरीद सकता था या उसे गुलामी से छुड़ा सकता था। (लैव्यव्यवस्था 25:47-54) जब यहूदी, बाबुल की बंधुआई में चले जाएँगे तो उन्हें भी दोबारा खरीदे जाने या आज़ाद किए जाने की ज़रूरत पड़ेगी। आम तौर पर, जब एक राजा दूसरे राजा को हराकर उसके देश को जीत लेता है तब हारनेवाले राजा के गुलामों की हालत में कोई बदलाव नहीं आता। हाँ, सिर्फ उनके मालिक बदल जाते हैं। लेकिन यहूदियों के हालात ज़रूर बदलेंगे। यहोवा, बाबुल को हरानेवाले राजा कुस्रू के मन को उभारेगा कि वह यहूदियों को बंधुआई से आज़ाद कर दे और वह उसे यहूदियों की “छुड़ौती” में मिस्र, कूश और सबा देश देगा। (यशायाह 43:3) इस्राएल के मुक्तिदाता को “सेनाओं का यहोवा” कहना बिलकुल सही है, क्योंकि बाबुल की फौज चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों ना नज़र आए मगर यहोवा के अदृश्य, स्वर्गदूतों की सेना के आगे वह चींटी के बराबर है।
क्रूरता की कीमत
8. किस अर्थ में बाबुल, ‘अन्धियारे में जाएगा’?
8 भविष्यवाणी में यहोवा एक बार फिर बाबुल को शाप सुनाता है: “हे कसदियों की बेटी, चुपचाप बैठी रह और अन्धियारे में जा; क्योंकि तू अब राज्य राज्य की स्वामिन न कहलाएगी।” (यशायाह 47:5) अंधकार और निराशा के सिवा बाबुल के हाथ कुछ ना लगेगा। अब से वह एक क्रूर मालकिन की तरह दूसरे राज्यों पर हुक्म नहीं चला पाएगी।—यशायाह 14:4.
9. यहूदियों पर यहोवा का क्रोध क्यों भड़क उठा?
9 तो फिर, परमेश्वर ने अपने लोगों को तकलीफ देने के लिए बाबुल को इजाज़त ही क्यों दी? यहोवा इसका कारण बताता है: “मैं ने अपनी प्रजा से क्रोधित होकर अपने निज भाग को अपवित्र ठहराया और तेरे वश में कर दिया।” (यशायाह 47:6क) यहूदियों पर यहोवा का क्रोध करना सही था। उसने पहले से ही चेतावनी दे रखी थी कि अगर वे उसकी व्यवस्था को तोड़ेंगे, तो उन्हें अपने देश से निकाल दिया जाएगा। (व्यवस्थाविवरण 28:64) यहाँ तक कि जब वे मूर्तिपूजा और लैंगिक अनैतिकता जैसे पापों में फँस गए, तब भी यहोवा ने उनको प्यार दिखाना न छोड़ा और उनके पास भविष्यवक्ता भेजे ताकि वे उनको शुद्ध उपासना की ओर लौट आने में मदद दे सकें। मगर वे “परमेश्वर के दूतों को ठट्ठों में उड़ाते, उसके वचनों को तुच्छ जानते, और उसके नबियों की हंसी करते थे। निदान यहोवा अपनी प्रजा पर ऐसा झुंझला उठा, कि बचने का कोई उपाय न रहा।” (2 इतिहास 36:16) इसलिए यहोवा ने बाबुलियों को यहूदा पर चढ़ाई करने और उसके मंदिर को दूषित करने की इजाज़त देकर अपने निज भाग यानी यहूदा को अपवित्र होने दिया।—भजन 79:1; यहेजकेल 24:21.
10, 11. हालाँकि यह यहोवा की मरज़ी थी कि बाबुल उसके लोगों पर जीत पाए, फिर भी वह बाबुल से क्यों क्रोधित है?
10 इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए, क्या यह कहना सही नहीं होगा कि यहूदियों को अपना बंदी बनाकर, बाबुल तो सिर्फ परमेश्वर की मरज़ी पूरी कर रहा था? नहीं, क्योंकि परमेश्वर कहता है: “तू ने उन पर कुछ दया न की; बूढ़ों पर तू ने अपना अत्यन्त भारी जूआ रख दिया। तू ने कहा, मैं सर्वदा स्वामिन बनी रहूंगी, सो तू ने अपने मन में इन बातों पर विचार न किया और यह भी न सोचा कि उनका क्या फल [“अन्त,” NHT] होगा।” (यशायाह 47:6ख,7) परमेश्वर ने बाबुल को यह हुक्म नहीं दिया था कि वह यहूदियों के साथ हद-से-ज़्यादा क्रूरता करे, यहाँ तक कि “बुज़ुर्गों” का भी लिहाज़ न करे। (विलापगीत 4:16; 5:12, किताब-ए-मुकद्दस) ना ही यहोवा ने उससे कहा कि वह यहूदी बंधुओं की खिल्ली उड़ाए और उनको रुलाकर मज़ा ले।—भजन 137:3.
11 बाबुल नगरी यह बात समझने से चूक जाती है कि यहूदियों पर उसका ज़ोर सिर्फ कुछ समय तक ही चलेगा। उसने यशायाह की चेतावनियों को अनसुना कर दिया है कि वक्त आने पर यहोवा अपने लोगों को उसके हाथों से छुड़ा लेगा। वह ऐसे बर्ताव करती है मानो उसे यहूदियों पर हमेशा तक राज करने का हक मिल गया हो और उसके अधीन देशों पर वह हमेशा स्वामिन की तरह बनी रहेगी। वह इस संदेश पर कान नहीं देती कि उसके क्रूर शासन का “अन्त” होकर ही रहेगा!
बाबुल का गिरना पहले से बताया गया
12. बाबुल को “राग-रंग में उलझी हुई” औरत क्यों कहा गया है?
12 यहोवा ऐलान करता है: “इसलिये सुन, तू जो राग-रंग में उलझी हुई निडर बैठी रहती है और मन में कहती है कि मैं ही हूं, और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं; मैं विधवा की नाईं न बैठूंगी और न मेरे लड़केबाले मिटेगें।” (यशायाह 47:8) बाबुल, अपनी रंग-रलियों के लिए दूर-दूर तक मशहूर था। सा.यु.पू. पाँचवीं सदी के इतिहासकार, हिरॉडटस बाबुलियों के एक “बहुत ही शर्मनाक रिवाज़” के बारे में बताते हैं। इस रिवाज़ के मुताबिक, बाबुल की सभी स्त्रियों से यह माँग की जाती थी कि वे प्रेम की देवी की भक्ति में वेश्यावृत्ति करें। प्राचीन इतिहासकार, कर्टीयस ने भी कुछ ऐसी ही बात कही: “यह नगर अपने घिनौने कामों से सारी हदें पार कर चुका था; इस नगर से बढ़कर कहीं और काम-वासना को इतने बड़े पैमाने पर बढ़ावा नहीं दिया जाता था।”
13. किस तरह सुख-विलास के लिए बाबुल की चाहत ही बहुत जल्द उसकी बरबादी का सबब बन जाएगी?
13 सुख-विलास के लिए बाबुल की चाहत ही बहुत जल्द उसकी बरबादी का सबब बन जाएगी। जिस रात वह गिरेगी, उसका राजा और उसके हाकिम जश्न मना रहे होंगे और शराब पी-पीकर मतवाले हो चुके होंगे। इसलिए जब मादी-फारसियों की फौज शहर पर चढ़ाई करेगी, तब वे ज़रा-भी ध्यान नहीं देंगे। (दानिय्येल 5:1-4) बाबुल यह सोचकर “निडर बैठी” रहेगी कि उसकी फौलाद जैसी मज़बूत दीवारें और गहरी खाई किसी भी दुश्मन को अंदर घुसने नहीं देंगी। वह खुद से कहेगी कि संसार पर हुकूमत करने में उसकी जगह “कोई दूसरा नहीं” ले सकता। उसके मन में यह खयाल तक नहीं आएगा कि एक दिन उसकी हालत “विधवा” जैसी हो जाएगी, यानी वह अपने सम्राट और अपने ‘लड़केबालों’ या आम जनता को भी खो बैठेगी। मगर, हकीकत यह है कि जब यहोवा परमेश्वर उससे बदला लेने आएगा, तब कोई भी दीवार उसकी हिफाज़त नहीं कर सकेगी! यहोवा ने बाद में कहा: “चाहे बाबुल ऐसा ऊंचा बन जाए कि आकाश से बातें करे और उसके ऊंचे गढ़ और भी दृढ़ किए जाएं, तौभी मैं उसे नाश करने के लिये, लोगों को भेजूंगा।”—यिर्मयाह 51:53.
14. किस मायने में बाबुल को ‘बाल-बच्चों के मर-मिटने और विधवा हो जाने’ का गम सहना पड़ेगा?
14 बाबुल की कैसी दुर्दशा होगी? यहोवा आगे कहता है: “परन्तु ये दोनों अर्थात् बाल-बच्चों का मर-मिटना और तेरा विधवा हो जाना एक ही दिन तुझ पर अचानक आ पड़ेंगे। तेरे बहुत-से जादू-टोनों और तेरे भारी तंत्र-मंत्रों के होते हुए भी ये विपत्तियां तुझ पर पूरे बल से आ पड़ेंगी।” (यशायाह 47:9, NHT) जी हाँ, विश्वशक्ति की हैसियत से बाबुल का वैभव अचानक मिट्टी में मिल जाएगा। पुराने ज़माने के पूर्वी देशों में, एक स्त्री का विधवा हो जाना और उसके बच्चों का मरना, उसकी ज़िंदगी के सबसे दर्दनाक हादसे माने जाते थे। हम नहीं जानते कि जिस रात बाबुल गिरा, उस वक्त उसके कितने ‘बाल-बच्चे’ मारे गए।d मगर समय के गुज़रते, यह शहर पूरी तरह उजड़ जाएगा। (यिर्मयाह 51:29) उसे विधवा होने का दुःख भोगना पड़ेगा, क्योंकि उसके राजाओं को राजगद्दी से उतार दिया जाएगा।
15. यहूदियों के साथ बदसलूकी के अलावा, यहोवा और किस वजह से बाबुल से क्रोधित है?
15 यहोवा, बाबुल से सिर्फ इसलिए क्रोधित नहीं है क्योंकि उसने यहूदियों के साथ बदसलूकी की थी। बल्कि इस शहर के “बहुत-से जादू-टोनों” से भी उसका क्रोध भड़क उठा है। परमेश्वर ने इस्राएल को जो कानून-व्यवस्था दी थी उसमें प्रेतात्मवाद के कामों को सरासर गलत बताया गया था। मगर बाबुल तो तंत्र-मंत्र में पूरी तरह डूबा हुआ है। (व्यवस्थाविवरण 18:10-12; यहेजकेल 21:21) अश्शूरियों और बाबुलियों का सामाजिक जीवन (अँग्रेज़ी) किताब कहती है कि बाबुल के लोगों का मानना था कि “वे लाखों भूत-प्रेतों से घिरे हुए थे, इसलिए हर पल वे डर-डरकर जीते थे।”
दुष्टता पर भरोसा रखना
16, 17. (क) बाबुल कैसे ‘अपनी दुष्टता पर भरोसा रखता’ है? (ख) बाबुल को नाश होने से क्यों बचाया नहीं जा सकता?
16 क्या बाबुल के ज्योतिषी उसे बचा सकेंगे? यहोवा जवाब देता है: “तू ने अपनी दुष्टता पर भरोसा रखा, तू ने कहा, मुझे कोई नहीं देखता; तेरी बुद्धि और ज्ञान ने तुझे बहकाया और तू ने अपने मन में कहा, मैं ही हूं और मेरे सिवाय कोई दूसरा नहीं।” (यशायाह 47:10) बाबुल सोचता है कि वह अपने ज्ञान-विज्ञान, धार्मिक ज्ञान और अपने सैनिक भुजबल साथ ही धूर्त और क्रूर नीतियों के बल पर विश्वशक्ति बना रहेगा। उसे लगता है कि उसे कोई नहीं ‘देख’ रहा यानी अपने दुष्ट कामों के लिए उसे किसी को लेखा देना नहीं पड़ेगा। ना ही वह समझ पाता है कि उससे टक्कर लेनेवाला बस आ पहुँचा है। वह खुद से कहता है: “मैं ही हूं और मेरे सिवाय कोई दूसरा नहीं।”
17 लेकिन यहोवा अपने एक और भविष्यवक्ता के ज़रिए बाबुल को यह चेतावनी सुनाता है: “क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं?” (यिर्मयाह 23:24; इब्रानियों 4:13) इसलिए यहोवा यह घोषणा करता है: “तेरी ऐसी दुर्गती होगी जिसका मन्त्र तू नहीं जानती, और तुझ पर ऐसी विपत्ति पड़ेगी कि तू प्रायश्चित करके उसका निवारण न कर सकेगी; अचानक विनाश तुझ पर आ पड़ेगा जिसका तुझे कुछ भी पता नहीं।” (यशायाह 47:11) बाबुल पर ऐसा कहर टूट पड़ेगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ था! तब न तो उसके देवी-देवता और ना ही उसके जादूगरों का कोई “मन्त्र” उसे बचा पाएगा।
बाबुल के सलाहकार नाकाम हुए
18, 19. बाबुल का अपने सलाहकारों पर भरोसा रखना कैसे विनाशकारी साबित होगा?
18 यहोवा चुभनेवाले ताने कसते हुए, आज्ञा देता है: “अपने तन्त्र-मन्त्र और बहुत से टोनहों को, जिनका तू ने बाल्यावस्था ही से अभ्यास किया है उपयोग में ला, सम्भव है तू उन से लाभ उठा सके या उनके बल से स्थिर रह सके।” (यशायाह 47:12) बाबुल को चुनौती दी जाती है कि वह “स्थिर” रहने के लिए जादू-टोने में लगा रहे यानी सुधरने के बजाय इन्हीं टोन्हों-टोटकों पर भरोसा करता रहे। और क्यों न हो, आखिर इस जाति ने जादू-विद्या को बढ़ाने में “बाल्यावस्था” से तन-मन जो लगाया है।
19 मगर यहोवा, बाबुल का मज़ाक उड़ाते हुए कहता है: “तू अपने बहुत से सलाहकारों से थक चुकी है। अब आकाश के ये पूजनेवाले, सितारों को ताकनेवाले, जो नए चाँद देखकर तुझ पर आनेवाली घटनाओं की जानकारी देते हैं, वे अब खड़े हों और तुझे बचाएँ।” (यशायाह 47:13, NW)e बाबुल को इस हकीकत का सामना करना पड़ेगा कि उसके सलाहकार भविष्य बताने में बुरी तरह नाकाम हो गए हैं। यह सच है कि सदियों से उन्होंने नक्षत्रों का अध्ययन करके, बाबुल की ज्योतिष-विद्या को काफी बढ़ाया है। लेकिन जिस रात बाबुल गिरेगा, तब उसके ज्योतिषी निकम्मे साबित होंगे और इससे ज़ाहिर हो जाएगा कि शकुन-विद्या व्यर्थ है।—दानिय्येल 5:7,8.
20. बाबुल के सलाहकारों की क्या गति होगी?
20 अब इस भविष्यवाणी को खत्म करते हुए, यहोवा कहता है: “देख, वे भूसे के समान होकर आग से भस्म हो जाएंगे; वे अपने प्राणों को ज्वाला से न बचा सकेंगे। वह आग तापने के लिये नहीं, न ऐसी होगी जिसके साम्हने कोई बैठ सके! जिनके लिये तू परिश्रम करती आई है वे सब तेरे लिये वैसे ही होंगे, और जो तेरी युवावस्था से तेरे संग ब्योपार करते आए हैं, उन में से प्रत्येक अपनी अपनी दिशा की ओर चले जाएंगे; तेरा बचानेवाला कोई न रहेगा।” (यशायाह 47:14,15) जी हाँ, इन झूठे सलाहकारों को बहुत जल्द आग का सामना करना पड़ेगा। यह तापने की आग नहीं होगी, जिसके चारों तरफ बैठकर लोग ठंड से राहत पा सकें बल्कि यह एक विनाशकारी और भस्म करनेवाली आग होगी जो इन झूठे सलाहकारों की पोल खोल देगी कि वे निरा भूसा हैं और किसी काम के नहीं। इसलिए, ताज्जुब की बात नहीं कि बाबुल के सलाहकार मारे दहशत के भाग जाएँगे! इस तरह जब बाबुल का आखिरी सहारा भी जाता रहेगा, तो उसे बचानेवाला कोई नहीं रहेगा। उसने यरूशलेम का जो हश्र किया था, वही अंजाम अब उसे भुगतना पड़ेगा।—यिर्मयाह 11:12.
21. यशायाह की भविष्यवाणी के शब्द कब और कैसे पूरे हुए?
21 परमेश्वर की प्रेरणा से कहे गए ये शब्द, सा.यु.पू. 539 से सच होने लगे। कुस्रू की मादी-फारसी सेना ने बाबुल शहर पर कब्ज़ा कर लिया और शहर में रहनेवाले राजा बेलशस्सर को मौत के घाट उतार दिया। (दानिय्येल 5:1-4,30) दुनिया पर हुकूमत करनेवाले बाबुल का एक ही रात में तख्ता पलट गया और उसे गिरा दिया गया। इस तरह, शेम-वंशियों की सदियों से चली आ रही हुकूमत खत्म हो गयी और अब आर्यवंशियों ने दुनिया पर कब्ज़ा कर लिया। आनेवाली सदियों के दौरान बाबुल का धीरे-धीरे पतन होने लगा। और सा.यु. चौथी सदी तक यह बस एक “खण्डहर” बनकर रह गया। (यिर्मयाह 51:37) इस तरह, यशायाह की भविष्यवाणी का एक-एक शब्द पूरा हुआ।
आज का बाबुल
22. बाबुल का गिरना हमें घमंड के बारे में क्या सबक सिखाता है?
22 यशायाह की इस भविष्यवाणी में ऐसी कई बातें हैं जिन पर हमें गंभीरता से सोचना चाहिए। सबसे पहले तो यह हमें सावधान कराती है कि घमंड और हेकड़ी के क्या बुरे अंजाम होते हैं। घमंड में चूर बाबुल का गिरना, बाइबल के इस नीतिवचन को सच साबित करता है: “विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है।” (नीतिवचन 16:18) यह सच है कि असिद्ध होने की वजह से कभी-कभार हमारे अंदर घमंड पैदा हो जाता है, लेकिन अगर हम “अहंकार से फूल” (ईज़ी-टू-रीड वर्शन) जाएँगे, तो हम “निन्दित होकर शैतान के फंदे” में फँस सकते हैं। (1 तीमुथियुस 3:6,7) इसलिए याकूब की यह सलाह मानना हमारे लिए बेहतर होगा: “प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा।”—याकूब 4:10.
23. यशायाह की भविष्यवाणी हमें क्या भरोसा दिलाती है?
23 इस भविष्यवाणी के वचन हमें यहोवा पर भरोसा दिलाते हैं कि वह अपने सभी विरोधियों से ज़्यादा ताकतवर है। (भजन 24:8; 34:7; 50:15; 91:14,15) इन मुश्किल-भरे दिनों में यह बात याद रखने से हमें कितनी शांति मिलती है। यहोवा पर भरोसा रखने से उसकी नज़रों में हमेशा निर्दोष रहने का हमारा इरादा और भी पक्का होगा क्योंकि हम जानते हैं कि ‘निर्दोष व्यक्ति का भविष्य उज्जवल होता है।’ (भजन 37:37,38, नयी हिन्दी बाइबिल) शैतान की धूर्त “युक्तियों” का सामना करते वक्त, अपनी ताकत पर भरोसा रखने के बजाय यहोवा से मदद माँगने में ही अक्लमंदी है।—इफिसियों 6:10-13.
24, 25. (क) यह क्यों कहा जा सकता है कि ज्योतिष-विद्या को मानना नासमझी है, मगर फिर भी बहुत-से लोग क्यों इसका सहारा लेते हैं? (ख) कुछ वजहें बताइए कि क्यों मसीही, अंधविश्वास से दूर रहते हैं?
24 गौर कीजिए, यह भविष्यवाणी हमें प्रेतात्मवाद के कामों से खासकर, ज्योतिष-विद्या से दूर रहने की चेतावनी भी देती है। (गलतियों 5:20,21) बाबुल के गिरने के बाद भी, उसके लोग ज्योतिष-विद्या की गिरफ्त में रहे। प्राचीन संसार के बड़े-बड़े शहर (अँग्रेज़ी) किताब में बतायी गयी एक दिलचस्प बात पर ध्यान दीजिए। यह कहती है कि बाबुल के लोगों ने राशि-ग्रहों की स्थिति के जो नक्शे तैयार किए थे, वे आज पूरी तरह बेमायने हो चुके हैं, क्योंकि ये ग्रह अपनी पिछली जगह से “हट गए हैं”। इस वजह से “[ज्योतिष-विद्या की] पूरी धारणा ही बकवास साबित हुई है।” इसके बावजूद, ज्योतिष-विद्या आज भी फल-फूल रही है और पढ़नेवालों की सुविधा के लिए बहुत-से अखबार भविष्य बतानेवाले राशिफल के कॉलम छापते हैं।
25 लेकिन क्या वजह है कि बहुत-से लोग, यहाँ तक कि पढ़े-लिखे लोग भी अपने ग्रहों की स्थिति देखते हैं या दूसरे माध्यमों से बे-सिर-पैर के अंधविश्वासों का सहारा लेते हैं? द वर्ल्ड बुक इनसाइक्लोपीडिया कहती है: “जब तक इंसान के मन में दूसरे इंसान का डर रहेगा और भविष्य के बारे में उलझन रहेगी तब तक अंधविश्वास शायद हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा बना रहेगा।” डर और भविष्य को लेकर उलझन लोगों को अंधविश्वासी बनने पर मजबूर कर सकती है। मगर जहाँ तक मसीहियों की बात है, वे हर तरह के अंधविश्वास से दूर रहते हैं। वे इंसान से नहीं डरते क्योंकि यहोवा उनके साथ है। (भजन 6:4-10) और वे भविष्य को लेकर उलझन में भी नहीं हैं क्योंकि यहोवा ने जो उद्देश्य प्रकट किया है वे उसे अच्छी तरह जानते हैं और उन्हें पक्का विश्वास है कि “यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहेगी।” (भजन 33:11) अगर हम यहोवा की युक्ति के मुताबिक अपनी ज़िंदगी को ढालेंगे, तो हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि भविष्य में हमें हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी जिसमें खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी।
26. किस तरह ‘ज्ञानियों के तर्क-वितर्क व्यर्थ’ साबित हुए हैं?
26 हाल के सालों में कुछ लोगों ने “वैज्ञानिक” तरीके अपनाकर भविष्य जानने की कोशिश की है। यहाँ तक कि भविष्य-विज्ञान कहलानेवाला एक अध्ययन-क्षेत्र भी है “जिसमें मौजूदा हालात का अध्ययन करके भविष्य में होनेवाली घटनाओं का अंदाज़ा लगाया जाता है।” मिसाल के लिए, 1972 में क्लब ऑफ रोम कहलानेवाले विद्वानों और व्यापारियों के समूह ने भविष्यवाणी की थी कि 1992 तक धरती के सोने, पारे, जस्ते और पेट्रोलियम के भंडार पूरी तरह खाली हो जाएँगे। हालाँकि 1972 से दुनिया ने भयानक समस्याओं का सामना किया है, मगर आज तक धरती पर सोने, पारे, जस्ते और पेट्रोलियम के भंडार मौजूद हैं। इस तरह उनकी भविष्यवाणी हर तरह से गलत साबित हुई। दरअसल इंसान ने भविष्य बताने के लिए हर तरीका आज़माकर देख लिया है मगर उसकी अटकलों पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। सचमुच, ‘ज्ञानियों के तर्क-वितर्क व्यर्थ हैं’!—1 कुरिन्थियों 3:20, NHT.
बड़े बाबुल पर आनेवाला विनाश
27. जैसे सा.यु.पू. 539 में बाबुल गिरा था, उसी तरह बड़ा बाबुल भी कब और कैसे गिर गया?
27 आज के धर्मों ने प्राचीन बाबुल की बहुत-सी शिक्षाओं को बरकरार रखा है। इसलिए संसार-भर में साम्राज्य की तरह फैले, इन झूठे धर्मों को बड़ा बाबुल कहना बिलकुल सही है। (प्रकाशितवाक्य 17:5) लेकिन अलग-अलग धर्मों से बना यह अंतर्राष्ट्रीय समूह गिर चुका है, जिस तरह सा.यु.पू. 539 में प्राचीन बाबुल गिर गया था। (प्रकाशितवाक्य 14:8; 18:2) सन् 1919 में मसीह के भाइयों में से शेष जन जब आध्यात्मिक बंधुआई से बाहर निकले तब उन्होंने बड़े बाबुल के खास भाग, यानी ईसाईजगत के असर को अपने ऊपर से पूरी तरह मिटा डाला। उस समय से कई देशों में ईसाईजगत का पहले जैसा दबदबा नहीं रहा।
28. बड़ा बाबुल क्या शेखी मारता है, मगर भविष्य में उसका क्या होगा?
28 उस वक्त बड़े बाबुल का गिरना तो बस एक शुरूआत थी जिसका अंत भविष्य में झूठे धर्म के विनाश के साथ होनेवाला है। दिलचस्पी की बात है कि प्रकाशितवाक्य में बड़े बाबुल के विनाश के बारे में दी गयी भविष्यवाणी, हमें यशायाह 47:8,9 में दिए गए शब्दों की याद दिलाती है। प्राचीन बाबुल की तरह, आज का बड़ा बाबुल भी कहता है: “मैं रानी हो बैठी हूं, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पड़ूंगी।” मगर “एक ही दिन में उस पर विपत्तियां आ पड़ेंगी, अर्थात् मृत्यु, और शोक, और अकाल; और वह आग में भस्म कर दी जाएगी, क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्वर शक्तिमान है।” तो फिर, यशायाह के 47वें अध्याय में दी गयी भविष्यवाणी के वचन ऐसे लोगों के लिए चेतावनी हैं जिनका अब भी झूठे धर्म से नाता है। अगर वे उसके साथ नाश नहीं होना चाहते हैं, तो उन्हें परमेश्वर की यह आज्ञा माननी होगी: “उस में से निकल आओ”!—प्रकाशितवाक्य 18:4,7,8.
[फुटनोट]
a झूठे धर्मों की शिक्षाएँ किस तरह फैलती गयीं, इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए किताब, मानवजाति द्वारा परमेश्वर की खोज (अँग्रेज़ी) देखिए, जिसे वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ने प्रकाशित किया है।
b इब्रानी भाषा में “बाबुल की कुमारी बेटी” एक मुहावरा है जो बाबुल देश या बाबुल के निवासियों के लिए इस्तेमाल हुआ है। बाबुल को इसलिए “कुमारी” कहा गया है क्योंकि जब से वह विश्वशक्ति बना है, तब से किसी और देश ने इस पर चढ़ाई करके उसे लूटा नहीं है।
c जिस इब्रानी वाक्य का अनुवाद, “किसी मनुष्य को ग्रहण न करूंगा” किया गया है, विद्वानों के मुताबिक इस “वाक्य” का अनुवाद करना “बहुत मुश्किल है।” न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन बाइबल में, इस वाक्य में “दया से” शब्द यह समझाने के लिए जोड़े गए हैं कि बाबुल को बचाने के लिए किसी भी बाहरवाले को आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। यहूदी प्रकाशन संस्था का एक अनुवाद इस वाक्य को इस तरह लिखता है: “मैं . . . किसी भी इंसान को सिफारिश नहीं करने दूँगा।”
d रेमण्ड फिलिप डाउअरटी की लिखी किताब, नबोनाइडस और बेलशस्सर (अँग्रेज़ी) कहती है, हालाँकि नबोनाइडस शिला के मुताबिक बाबुल के हमलावर “युद्ध किए बगैर” शहर में घुस आए थे, मगर यूनानी इतिहासकार ज़ेनफन का कहना है कि जब उन्होंने शहर पर कब्ज़ा किया तब काफी खून-खराबा ज़रूर हुआ होगा।
e जिन इब्रानी शब्दों का अनुवाद, ‘आकाश के पूजनेवाले’ किया गया है उन्हें कुछ लोग इस तरह अनुवाद करते हैं: “आकाश के बाँटनेवाले।” इसका मतलब शायद ऐसा रिवाज़ है जिसमें राशिफल देखने के लिए, आकाश के पिंडों को अलग-अलग राशि समूहों में बाँटा जाता है।
[पेज 111 पर तसवीरें]
रंग-रलियों की शौकीन, बाबुल को ज़मीन पर गिराया जाएगा
[पेज 114 पर तसवीर]
बाबुल के ज्योतिषी यह नहीं बता पाएँगे कि बाबुल गिरनेवाला है
[पेज 116 पर तसवीर]
ज्योतिष-विद्या पर आधारित बाबुल का एक कैलेंडर, जो सा.यु.पू. 1000 के बाद का है
[पेज 119 पर तसवीरें]
आज के बाबुल का जल्द ही नामो-निशान मिट जाएगा