मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका के लिए हवाले
7-13 अगस्त
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यहेजकेल 28-31
“यहोवा ने एक पराए देश को इनाम दिया”
इंसाइट-2 पेज 1136 पै 4
सोर
शहर का नाश। जब नबूकदनेस्सर ने सोर की घेराबंदी की तो यह लंबे समय तक चली। उस दौरान नबूकदनेस्सर के सैनिकों का सिर टोप से रगड़ खाने की वजह से ‘गंजा हो गया’ और घेराबंदी का सामान ढोते-ढोते उनके कंधे “छिल गए।” नबूकदनेस्सर ने सोर का नाश करके यहोवा के लिए काम किया था, मगर उसे इसकी कोई “मज़दूरी” नहीं मिली। इसलिए यहोवा ने वादा किया कि वह नुकसान की भरपाई करेगा और उसे मिस्र का सारा खज़ाना देगा। (यहे 29:17-20) यहूदी इतिहासकार जोसीफस ने बताया कि सोर की घेराबंदी 13 साल तक चली (एपिओन के खिलाफ, खंड 1, पेज 156 [21]) और यह बैबिलोन के लोगों को बहुत महँगी पड़ी। इतिहास ठीक-ठीक नहीं बताता कि नबूकदनेस्सर की घेराबंदी कितनी कामयाब रही होगी। मगर सोर में जान-माल का बहुत भारी नुकसान हुआ होगा।—यहे 26:7-12.
इंसाइट-2 पेज 698 पै 5
मिस्र, मिस्री लोग
एक बैबिलोनी पाठ मिला है, जो नबूकदनेस्सर की हुकूमत के 37वें साल के दौरान (यानी ईसा पूर्व 588 में) लिखा गया था। उस पाठ में मिस्र पर किए गए एक हमले के बारे में बताया गया है। यह घटना उस वक्त घटी जब बैबिलोन ने मिस्र को पूरी तरह जीत लिया था या फिर जीतने के बाद उस पर हमला किया था, यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। मगर एक बात तय है, नबूकदनेस्सर को मिस्र का सारा खज़ाना मिला क्योंकि यहोवा के लोगों के विरोधी यानी सोर का नाश करके उसके लिए काम किया था।—यहे 29:18-20; 30:10-12.
सज86 11/8 पेज 27 पै 4-5, अँग्रेज़ी
क्या हमें हर तरह का कर चुकाना चाहिए?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए, आइए देखें कि खुद सृष्टिकर्ता ने क्या किया जब दुनिया की एक सरकार ने उसके लिए एक काम किया। यहोवा का क्रोध प्राचीन सोर शहर के खिलाफ भड़क उठा था और उसने उसके विनाश का ऐलान किया था। इस काम को पूरा करने के लिए उसने बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर और उसकी सेना को भेजा। हालाँकि बैबिलोन ने सोर को जीत लिया, मगर यह उसे बहुत महँगा पड़ा। इसलिए यहोवा को लगा कि उन्हें इसकी मज़दूरी मिलनी चाहिए। उसने यहेजकेल 29:18, 19 में कहा, “इंसान के बेटे, बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर पर हमला करने के लिए अपने सैनिकों से खूब मशक्कत करवायी थी। . . . मगर इस मेहनत के बदले न तो नबूकदनेस्सर को और न ही उसकी सेना को कोई मज़दूरी मिली थी। इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘देख, मैं मिस्र को बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ करनेवाला हूँ। वह मिस्र के सारे खज़ाने खाली कर देगा और उसे लूट लेगा। यही उसकी सेना की मज़दूरी होगी।’”
बाइबल का अध्ययन करनेवाले लोग जानते हैं कि नबूकदनेस्सर एक घमंडी सम्राट था, वह सिर्फ अपने बारे में सोचता था और यहोवा की सेवा नहीं करता था। बैबिलोन और उसके सैनिक इस बात के लिए जाने जाते थे कि वे बंदियों के साथ बहुत ही क्रूरता से पेश आते थे। हालाँकि यहोवा ऐसी क्रूरता को मंज़ूर नहीं करता, फिर भी बैबिलोन के लोगों ने सोर का नाश करके यहोवा के लिए जो काम किया था, वह उस पर एक कर्ज़ था। और यहोवा की नज़र में कर्ज़, कर्ज़ होता है, इसलिए उसने वह कर्ज़ पूरी तरह चुकाया।
ढूँढ़ें अनमोल रत्न
इंसाइट-2 पेज 604 पै 4-5
परिपूर्णता
पहला पापी और सोर का राजा। इंसान के पाप करने से पहले, एक स्वर्गदूत ने पाप किया था। यह बात हमें यूहन्ना 8:44 में दर्ज़ यीशु की बात और उत्पत्ति के अध्याय 3 में दिए ब्यौरे से पता चलती है। हालाँकि यहेजकेल 28:12-19 में “सोर के राजा” के बारे में शोकगीत लिखा है, फिर भी सबूत दिखाते हैं कि उसने परमेश्वर के उसी बेटे का रास्ता अपनाया था जिसने सबसे पहले पाप किया था। शोकगीत में बताया गया है कि ‘सोर का राजा’ घमंडी था, वह खुद को “एक ईश्वर” समझता था और उसे “करूब” भी कहा गया है। उस शोकगीत में “परमेश्वर के बाग, अदन” का भी ज़िक्र मिलता है। ये सारी बातें, बाइबल में शैतान के बारे में दी जानकारी से मेल खाती हैं। बाइबल बताती है कि शैतान घमंड से फूल गया था, उसने अदन में साँप के ज़रिए बात की थी और उसे ‘दुनिया की व्यवस्था का ईश्वर’ कहा गया है।—1ती 3:6; उत 3:1-5, 14, 15; प्रक 12:9; 2कुर 4:4.
सोर का राजा, जिसका नाम नहीं बताया गया है, एक ऐसे शहर में रह रहा था जिसके बारे में दावा किया गया था कि ‘उसकी सुंदरता बेमिसाल है।’ मगर खुद उस राजा के बारे में भी कहा गया था कि वह ‘बुद्धि से भरपूर है, उसकी सुंदरता बेमिसाल [यह विशेषण इब्रानी शब्द कलाल से जुड़ा है] है’ और वह तब तक अपने चालचलन में “निर्दोष [इब्रानी शब्द तामिम]” रहा जब तक कि उसमें बुराई न पायी गयी। (यहे 27:3; 28:12, 15) यहेजकेल का शोकगीत शायद सीधे तौर पर सोर के किसी एक राजा पर नहीं बल्कि सभी राजाओं पर लागू होता है। (इस भविष्यवाणी की तुलना यश 14:4-20 में दी भविष्यवाणी से कीजिए जिसमें “बैबिलोन के [बेनाम] राजा” के खिलाफ संदेश सुनाया गया था।) अगर ऐसी बात है तो शायद यहाँ सोर के उन राजाओं के बारे में बताया गया है जिनकी राजा दाविद और सुलैमान के साथ दोस्ती थी और जिन्होंने अच्छा सहयोग दिया। सोर के लोगों ने मोरिया पहाड़ पर यहोवा का मंदिर बनाने में भी मदद दी। इसलिए शुरू-शुरू में सोर के राजाओं में कोई दोष नहीं पाया गया क्योंकि वे यहोवा के लोगों यानी इसराएलियों के साथ अच्छे से पेश आए थे। (1रा 5:1-18; 9:10, 11, 14; 2इत 2:3-16) मगर बाद के राजा “निर्दोष” न रहे, इसलिए परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं ने, जैसे योएल, आमोस और यहेजकेल ने सोर के खिलाफ संदेश सुनाया। (योए 3:4-8; आम 1:9, 10) “सोर के राजा” और परमेश्वर के सबसे बड़े दुश्मन में समानताएँ बताने के अलावा, यहेजकेल की भविष्यवाणी यह भी दिखाती है कि जब किसी को “परिपूर्ण” या “निर्दोष” कहा जाता है तो इसका हमेशा यह मतलब नहीं होता कि वह हर मायने में पूर्ण है या उसमें कोई दोष नहीं है।
14-20 अगस्त
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यहेजकेल 32-34
“पहरेदार की गंभीर ज़िम्मेदारी”
इंसाइट-2 पेज 1172 पै 2
पहरेदार
लाक्षणिक मतलब। यहोवा ने कई भविष्यवक्ता ठहराए ताकि वे इसराएल राष्ट्र के लिए पहरेदारों की तरह सेवा कर सकें। (यिर्म 6:17) यही नहीं, खुद उन्होंने भी लाक्षणिक पहरेदारों की बात की। (यश 21:6, 8; 52:8; 62:6; हो 9:8) उन भविष्यवक्ताओं को पहरेदार इसलिए कहा गया क्योंकि उनका काम था, दुष्ट लोगों को आनेवाले नाश के बारे में चेतावनी देना। अगर वे चेतावनी देने से चूक जाते और लोग मारे जाते तो भविष्यवक्ता खून के दोषी होते। लेकिन अगर लोग उनकी चेतावनी अनसुनी कर देते और वे मारे जाते तो इसके लिए वे खुद दोषी होते। (यहे 3:17-21; 33:1-9) अगर एक भविष्यवक्ता विश्वास से मुकर जाता तो वह एक अंधे पहरेदार या एक गूँगे कुत्ते की तरह बेकार साबित होता।—यश 56:10.
28 अगस्त–3 सितंबर
ढूँढ़ें अनमोल रत्न
प्र12 9/1 पेज 21 पै 2, अँग्रेज़ी
“राष्ट्रों को जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ”
यहोवा ने कहा, ‘मैं फिर कभी अपने पवित्र नाम का अपमान नहीं होने दूँगा।’ जब इंसान किसी अन्याय के लिए परमेश्वर को दोषी ठहराते हैं तो वे दरअसल उसके नाम का अपमान कर रहे होते हैं। कैसे? बाइबल में अकसर “नाम” का मतलब होता है इज़्ज़त। एक किताब बताती है कि परमेश्वर के नाम का मतलब है: “वह किस लिए जाना जाता है, यानी उसने खुद के बारे में क्या ज़ाहिर किया है। इसमें उसकी नेकनामी और उसकी इज़्ज़त भी शामिल है।” अन्याय के मामले में दूसरे यहोवा के बारे में क्या जानते हैं? उसे अन्याय से सख्त नफरत है! यही नहीं, अन्याय के शिकार लोगों से यहोवा को हमदर्दी है। (निर्गमन 22:22-24) तो जिस बात से परमेश्वर को नफरत है उसी बात के लिए जब इंसान उसे कसूरवार ठहराते हैं तो वे दरअसल उसकी इज़्ज़त मिट्टी में मिला रहे होते हैं। इस तरह वे उसके “नाम का अनादर” करते हैं।—भजन 74:10.