छुटकारा पाकर एक धर्मी नए संसार में जाना
“[वे] बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।”—भजन ३७:११.
१, २. (क) हमारे समय में यहोवा द्वारा छुटकारा प्राचीन समय के छुटकारों से कैसे भिन्न होगा? (ख) किस प्रकार के संसार में यहोवा अपने लोगों को ले जाएगा?
यहोवा छुटकारे का परमेश्वर है। प्राचीन समय में, उसने कई अवसरों पर अपने लोगों को छुटकारा दिलाया। वे छुटकारे अस्थायी थे, क्योंकि यहोवा ने उन मौक़ों पर शैतान के सम्पूर्ण संसार के विरुद्ध स्थायी रूप से अपना न्याय कार्यान्वित नहीं किया। लेकिन हमारे दिन में, यहोवा जल्द ही अपने सारे सेवकों को सबसे शानदार छुटकारा दिलाएगा। इस बार वह विश्व-भर में शैतान की व्यवस्था का नामो-निशान मिटा देगा, और वह अपने सेवकों को एक स्थायी, धर्मी नए संसार में ले जाएगा।—२ पतरस २:९; ३:१०-१३.
२ यहोवा प्रतिज्ञा करता है: “थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं . . . परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।” (भजन ३७:१०, ११) कितने समय तक? “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (भजन ३७:२९; मत्ती ५:५) लेकिन, वैसा होने से पहले, यह संसार सबसे कठिन समय से गुजरेगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
वह “भारी क्लेश”
३. यीशु ने “भारी क्लेश” का वर्णन कैसे किया?
३ वर्ष १९१४ में इस संसार ने अपने “अन्तिम दिनों” में प्रवेश किया। (२ तीमुथियुस ३:१-५, १३) अब हम उस अवधि के ८३ साल पार कर चुके हैं और उसके अन्त के नज़दीक पहुँच रहे हैं जब, जैसे यीशु ने पूर्वबताया, निम्नलिखित घटेगा: “ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ, और न कभी होगा।” (मत्ती २४:२१) जी हाँ, दूसरे विश्व युद्ध से भी बदतर, जब कुछ पाँच करोड़ जानें चली गयी थीं। क्या ही दुनिया-दहलानेवाला समय शीघ्र आ रहा है!
४. ‘बड़े बाबुल’ पर परमेश्वर का न्याय क्यों होता है?
४ वह “भारी क्लेश” आश्चर्यचकित करनेवाली आकस्मिकता से यानी कि “घड़ी ही भर में” आएगा। (प्रकाशितवाक्य १८:१०) इसका फूट पड़ना सभी झूठे धर्म पर परमेश्वर द्वारा न्याय के कार्यान्वयन से चिन्हित होगा, जिसे परमेश्वर का वचन “बड़ा बाबुल” कहता है। (प्रकाशितवाक्य १७:१-६, १५) प्राचीन बाबुल की प्रमुख विशेषता थी झूठा धर्म। आधुनिक बाबुल उसके प्राचीन प्रतिरूप की तरह है और झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य को चित्रित करता है। उसने राजनैतिक तत्त्वों के साथ समझौता करने के द्वारा वेश्या की भूमिका निभायी है। इसने उनके युद्ध को समर्थन दिया है और विरोधी पक्षवाली सेनाओं को आशीष दी है, जिसके फलस्वरूप एक ही धर्म के लोगों ने एक दूसरे को काट डाला। (मत्ती २६:५१, ५२; १ यूहन्ना ४:२०, २१) उसने अपने समर्थकों के भ्रष्ट कार्यों को अनदेखा किया है और सच्चे मसीहियों को सताया है।—प्रकाशितवाक्य १८:५, २४.
५. “भारी क्लेश” कैसे शुरू होता है?
५ जब राजनैतिक तत्त्व ‘बड़े बाबुल’ पर एकाएक आक्रमण करने लगते हैं तब “भारी क्लेश” शुरू होता है। वे “उस वेश्या से बैर रखेंगे, और उसे लाचार और नङ्गी कर देंगे; और उसका मांस खा जाएंगे, और उसे आग में जला देंगे।” (प्रकाशितवाक्य १७:१६) उसके बाद, उसके पहले के समर्थक “उसके लिये रोएंगे, और छाती पीटेंगे।” (प्रकाशितवाक्य १८:९-१९) लेकिन यहोवा के सेवकों ने इसकी प्रत्याशा काफ़ी पहले से ही की है, और वे पुकार उठेंगे: “हल्लिलूय्याह . . . इसलिये कि उस ने उस बड़ी वेश्या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया, और उस से अपने दासों के लोहू का पलटा लिया है।”—प्रकाशितवाक्य १९:१, २.
परमेश्वर के सेवकों पर आक्रमण किया जाना
६, ७. जब “भारी क्लेश” के दौरान उन पर आक्रमण किया जाता है, तब यहोवा के सेवक क्यों विश्वस्त हो सकते हैं?
६ झूठे धर्म को नाश कर देने पर, राजनैतिक तत्त्व यहोवा के सेवकों की ओर मुड़ते हैं। शैतान, जो कि भविष्यवाणी में “मागोग देश का गोग” है, कहता है: “मैं उन लोगों के पास जाऊंगा जो चैन से निडर रहते हैं।” यह सोचकर कि वे सहज शिकार हैं, वह उन पर “जैसे बादल भूमि पर छा जाता है,” वैसे “एक बड़ी . . . बलवन्त सेना” के साथ आक्रमण करता है। (यहेजकेल ३८:२, १०-१६) यहोवा के लोग जानते हैं कि यह आक्रमण विफल होगा क्योंकि वे यहोवा पर भरोसा रखते हैं।
७ जब फ़िरौन और उसकी सेना ने सोचा कि उन्होंने परमेश्वर के सेवकों को लाल समुद्र में फँसा दिया था, तब यहोवा ने चमत्कारिक रूप से अपने लोगों को बचाया और मिस्र की सेनाओं को नाश किया। (निर्गमन १४:२६-२८) “भारी क्लेश” के दौरान, जब राष्ट्र सोचेंगे कि उन्होंने यहोवा के लोगों को फँसा दिया है, तब वह फिर चमत्कारिक रूप से बचाव के लिए आएगा: “उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, . . . और [मुझे] जलजलाहट और क्रोध की आग में कह[ना]” होगा। (यहेजकेल ३८:१८, १९) “भारी क्लेश” की पराकाष्ठा तब सन्निकट होगी!
८. दुष्टों को न्यायदण्ड देने से पहले कौन-सी अलौकिक घटनाएँ होती हैं, और इनका क्या प्रभाव होता है?
८ “भारी क्लेश” के शुरू हो जाने के बाद एक मोड़ पर, लेकिन यहोवा द्वारा इस संसार के बाक़ी लोगों पर अपना न्याय दण्ड देने से पहले, अलौकिक घटनाएँ होंगी। उनका जो प्रभाव होगा उस पर ध्यान दीजिए। “तब मनुष्य के पुत्र [मसीह] का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे।” (मत्ती २४:२९, ३०) “सूरज और चान्द और तारों में चिन्ह दिखाई देंगे, . . . और भय के कारण और संसार पर आनेवाली घटनाओं की बाट देखते देखते लोगों के जी में जी न रहेगा।”—लूका २१:२५, २६.
“तुम्हारा छुटकारा निकट होगा”
९. यहोवा के सेवक क्यों ‘अपने सिर ऊपर उठा’ सकते हैं जब अलौकिक घटनाएँ होती हैं?
९ उस अमुक समय पर, लूका २१:२८ की भविष्यवाणी लागू होती है। यीशु ने कहा: “जब ये बातें होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा।” परमेश्वर के दुश्मन भय के मारे काँपेंगे क्योंकि वे जान लेंगे कि जो अलौकिक घटनाएँ हो रही हैं वे यहोवा की ओर से हैं। लेकिन यहोवा के सेवक आनन्द करेंगे क्योंकि वे जान जाएँगे कि उनका छुटकारा नज़दीक आता जा रहा है।
१०. परमेश्वर का वचन “भारी क्लेश” की पराकाष्ठा का वर्णन कैसे करता है?
१० फिर यहोवा शैतान की व्यवस्था पर सांघातिक प्रहार करता है: “मैं मरी और खून के द्वारा [गोग] से मुक़द्दमा लड़ूंगा; और उस पर और उसके दलों पर . . . मैं बड़ी झड़ी लगाऊंगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊंगा। . . . तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूं।” (यहेजकेल ३८:२२, २३) शैतान की व्यवस्था के सब नामो-निशान मिटा दिए जाते हैं। परमेश्वर को नज़रअंदाज़ करनेवाले लोगों के सम्पूर्ण मानवी समाज का सर्वनाश किया जाता है। यही है “भारी क्लेश” की अरमगिदोन पराकाष्ठा।—यिर्मयाह २५:३१-३३; २ थिस्सलुनीकियों १:६-८; प्रकाशितवाक्य १६:१४, १६; १९:११-२१.
११. यहोवा के सेवकों को “भारी क्लेश” से क्यों बचाया जाता है?
११ पृथ्वी-भर में यहोवा के लाखों उपासक “भारी क्लेश” से बचाए जाएँगे। इनसे “बड़ी भीड़” बनती है जो “हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से” निकल आई है। क्यों उन्हें इस प्रकार के एक भय-उत्प्रेरक तरीक़े से बचाया जाता है? क्योंकि वे “दिन रात [यहोवा] की सेवा” करते हैं। सो वे इस संसार के अन्त से बच निकलते हैं और एक धर्मी नए संसार में ले जाए जाते हैं। (प्रकाशितवाक्य ७:९-१५) इस प्रकार, वे यहोवा की प्रतिज्ञा की पूर्ति देखते हैं: “यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।”—भजन ३७:३४.
नया संसार
१२. अरमगिदोन के उत्तरजीवी किस बात की प्रत्याशा कर सकते हैं?
१२ वह क्या ही रोमांचक समय होगा—दुष्टता का मिटना और पूरे मानव इतिहास में सबसे शानदार युग का उदय होना! (प्रकाशितवाक्य २०:१-४) अरमगिदोन के उत्तरजीवी यहोवा के कितने आभारी होंगे कि वे एक ऐसी पृथ्वी पर जिसे परादीस में रूपान्तरित किया जाएगा, परमेश्वर के बनाए हुए एक उज्ज्वल, स्वच्छ सभ्यता, अर्थात् एक नए संसार में प्रवेश कर पाए हैं! (लूका २३:४३) और उन्हें कभी मरने की ज़रूरत ही नहीं होगी! (यूहन्ना ११:२६) वाक़ई, उस घड़ी से, उनके पास तब तक जीने की आश्चर्यकर, अद्भुत प्रत्याशा होगी जब तक यहोवा जीता है!
१३. यीशु कैसे पुनः अपना चंगाई कार्य करता है जिसे उसने पृथ्वी पर शुरू किया था?
१३ यीशु, जिसे यहोवा ने स्वर्गीय राजा के तौर पर नियुक्त किया है, उन चमत्कारिक आशीषों का निरीक्षण करेगा जिनका आनन्द छुड़ाए हुए जन उठाएँगे। जब वह पृथ्वी पर था, तब उसने अन्धों और बहरों और “हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को” चंगा किया। (मत्ती ९:३५; १५:३०, ३१) नए संसार में, वह पुनः अपने उस महान चंगाई कार्य को शुरू करेगा, लेकिन एक विश्वव्यापक पैमाने पर। परमेश्वर के अभिकर्ता के तौर पर, वह इस प्रतिज्ञा को पूरा करेगा: “[परमेश्वर] उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।” (प्रकाशितवाक्य २१:४) फिर कभी चिकित्सीय व्यवसायी या डाक्टरों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी!—यशायाह २५:८; ३३:२४.
१४. यहोवा के उन सेवकों को, जो पहले ही मर चुके हैं कौन-सा छुटकारा मिलेगा?
१४ परमेश्वर के उन सभी विश्वासी सेवकों को भी छुटकारा दिया जाएगा जो अतीत में मर चुके थे। नए संसार में, उन्हें क़ब्र के शिकंजों से छुड़ाया जाएगा। यहोवा गारंटी देता है: “धर्मी और अधर्मी दोनों का जी उठना होगा।” (प्रेरितों २४:१५) संभवतः, “धर्मी” लोग पहले जिलाए जाएँगे और वे फैल रहे परादीस में योगदान देंगे। अरमगिदोन के उत्तरजीवियों के लिए अरसे से मरे हुए उन विश्वासी जनों के अनुभव सुनना कितना लुभावना होगा, जिन्हें अब फिर से जीवन मिला है!—यूहन्ना ५:२८, २९.
१५. नए संसार में अनुभव की जानेवाली कुछ परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
१५ उस समय सभी जीवित जन यहोवा के बारे में भजनहार ने जो कहा था, उसका अनुभव करेंगे: “तू अपनी मुट्ठी खोलकर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।” (भजन १४५:१६) अब और भूख नहीं: पृथ्वी को पुनः पारिस्थितिक संतुलन में लाया जाएगा और प्रचुर पैदावार होगी। (भजन ७२:१६) अब और बेघर लोग नहीं: “वे घर बनाकर उन में बसेंगे,” और हर एक जन “अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उनको न डराएगा।” (यशायाह ६५:२१, २२; मीका ४:४) अब और डर नहीं: युद्ध, हिंसा, या अपराध नहीं होंगे। (भजन ४६:८, ९; नीतिवचन २:२२) “अब सारी पृथ्वी को विश्राम मिला है, वह चैन से है; लोग ऊंचे स्वर से गा उठे हैं।”—यशायाह १४:७.
१६. धार्मिकता क्यों नए संसार में व्याप्त होगी?
१६ नए संसार में, शैतान का प्रचार-माध्यम हटा दिया गया होगा। इसके बजाय, ‘तब जगत के रहनेवाले धर्म को सीखेंगे।’ (यशायाह २६:९; ५४:१३) साल-दर-साल हितकर आध्यात्मिक उपदेश पाने की वजह से, “पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।” (यशायाह ११:९) मानवजाति में प्रोत्साहक विचार और कार्य व्याप्त होंगे। (फिलिप्पियों ४:८) ज़रा सोचिए, लोगों का एक विश्वव्यापी समाज जो अपराध, अहंकार, ईर्ष्या से मुक्त है—एक अन्तरराष्ट्रीय भाईचारा जहाँ सभी लोग परमेश्वर की आत्मा के फल उत्पन्न करते हैं। वाक़ई, अब भी बड़ी भीड़ ऐसे गुण विकसित कर रही है।—गलतियों ५:२२, २३.
इतनी देर क्यों?
१७. दुष्टता को समाप्त करने से पहले परमेश्वर ने इतनी देर क्यों इन्तज़ार किया?
१७ लेकिन, दुष्टता को हटाने और अपने लोगों को नए संसार में बचाकर ले जाने के लिए परमेश्वर ने इतनी देर क्यों इन्तज़ार किया? इस पर ग़ौर फ़रमाइए कि क्या-क्या किया जाना था। सबसे महत्त्वपूर्ण है यहोवा की सर्वसत्ता का दोषनिवारण, अर्थात् शासन करने का उसका अधिकार। पर्याप्त समय गुज़रने देने के द्वारा, उसने प्रदर्शित करके दिखा दिया कि निःसन्देह, उसकी सर्वसत्ता के बाहर मानवी शासन एक भारी विफलता रही है। (यिर्मयाह १०:२३) सो अब मानवी शासन को मसीह के अधीन अपने स्वर्गीय राज्य के शासन से प्रतिस्थापित करने में यहोवा पूरी तरह न्यायसंगत है।—दानिय्येल २:४४; मत्ती ६:९, १०.
१८. इब्राहीम के वंश कनान देश को कब उत्तराधिकार में पाते?
१८ इन सभी शताब्दियों के दौरान जो कुछ भी हुआ है वह इब्राहीम के समय में जो हुआ उसके समान है। यहोवा ने इब्राहीम से कहा कि उसका वंश कनान देश को उत्तराधिकार में पाएगा—लेकिन चार सौ सालों तक नहीं “क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ” था। (उत्पत्ति १२:१-५; १५:१३-१६) यहाँ शब्द “एमोरियों” (एक प्रमुख जाति) संभवतः सम्पूर्ण कनान के लोगों को चित्रित करता है। सो कुछ चार शताब्दियाँ बीत जातीं जब यहोवा अपने लोगों को कनान पर क़ब्ज़ा कर लेने में समर्थ करता। इस दरमियान यहोवा ने कनान की जातियों को अपना समाज विकसित करने दिया। नतीजा क्या हुआ?
१९, २०. कनानियों ने किस प्रकार के समाज विकसित किए?
१९ हेन्री एच. हैली द्वारा लिखी गयी बाइबल हैन्डबुक (अंग्रेज़ी) कहती है कि मगिद्दो में, पूरातत्वज्ञानियों ने अशतोरेत, बाल की देवी-पत्नी, के मन्दिर का खंडहर पाया। वह लिखता है: “इस मन्दिर से कुछ क़दम दूर ही एक कब्रगाह था, जहाँ अनेक मर्तबान पाए गए, जिनमें शिशुओं के अवशेष थे जिन्हें इस मन्दिर में बली चढ़ाया गया था . . . बाल और अशतोरेत के भविष्यवक्ता छोटे बच्चों के आधिकारिक हत्यारे थे।” “एक और भयंकर रीति वह थी [जिन्हें] वे ‘नींव बलिदान’ कहते थे। जब एक घर का निर्माण किया जाना था, तो एक बच्चे की बली चढ़ाई जाती, और उसकी लाश को दीवार में चुनवा दिया जाता।”
२० हैली टिप्पणी करता है: “बाल, अशतोरेत, और दूसरे कनानी देवताओं की उपासना में सबसे असंयत लाम्पट्य होती थी; उनके मन्दिर चरित्रहीनता के अड्डे थे। . . . कनानी लोग अनैतिक आसक्ति के द्वारा, . . . और फिर, इन्हीं देवताओं को बली के तौर पर चढ़ाने के लिए अपने पहलौठे बच्चों की हत्या करने के द्वारा उपासना करते थे। ऐसा लगता है कि, काफ़ी हद तक, कनान देश एक राष्ट्रीय पैमाने पर सदोम और अमोराह की तरह बन गया था। . . . क्या ऐसी घृणित बुराई और निर्दयता की एक सभ्यता को और अस्तित्त्व में रहने का कोई हक़ है? . . . पुरातत्वज्ञानी, जो कनानी शहरों में खोदते हैं, सोचते हैं कि क्यों परमेश्वर ने उन्हें और जल्दी नाश नहीं किया।”—१ राजा २१:२५, २६ से तुलना कीजिए।
२१. कनानियों की स्थिति और हमारे दिन की स्थिति के बीच क्या समानता है?
२१ एमोरियों की दुष्टता ‘पूरी हो गयी’ थी। सो यहोवा उनका विनाश करने में अब पूरी तरह न्यायसंगत था। आज भी वही बात सच है। यह संसार हिंसा, अनैतिकता, और परमेश्वर के नियमों के लिए घृणा से भरा हुआ है। और चूँकि हम उचित रूप से प्राचीन कनान के घृणित शिशु बलियों से दंग हैं, तो इस संसार के युद्धों में बली चढ़े उन करोड़ों युवा लोगों के बारे में क्या, जो कि कनान में हुई किसी भी बात से लाख गुना बदतर है? निश्चित ही, यहोवा इस दुष्ट व्यवस्था का नाश करने में अब पूरी तरह न्यायसंगत है।
कुछ और निष्पन्न करना
२२. हमारे समय में यहोवा के धीरज से क्या निष्पन्न होता है?
२२ इन अन्तिम दिनों में यहोवा का धीरज कुछ और निष्पन्न कर रहा है। वह बड़ी भीड़ को इकट्ठा करने और उसे शिक्षित करने के लिए समय की अनुमति दे रहा है, जिसकी संख्या पहले ही पचास लाख से ज़्यादा है। यहोवा के निर्देशन के अधीन, वे एक प्रगतिशील संगठन बने हुए हैं। दूसरों को बाइबल सच्चाइयाँ सिखाने के लिए पुरुषों, स्त्रियों, और युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है। अपनी सभाओं और बाइबल प्रकाशनों के ज़रिए, वे परमेश्वर के प्रेममय तरीक़ों को सीखते हैं। (यूहन्ना १३:३४, ३५; कुलुस्सियों ३:१४; इब्रानियों १०:२४, २५) इसके अलावा, वे “सुसमाचार” के प्रचार-कार्य को सहारा देने के लिए निर्माण-कार्य, इलॆक्ट्रॉनिक, छपाई-कार्य, और अन्य क्षेत्रों में अपने कौशल विकसित कर रहे हैं। (मत्ती २४:१४) संभवतः ऐसे शिक्षण और निर्माण कौशल नए संसार में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाएँगे।
२३. इस समय में जीवित होना क्यों एक विशेषाधिकार है?
२३ जी हाँ, आज यहोवा अपने सेवकों को “भारी क्लेश” से पार होकर धर्मी नए संसार में जाने के लिए तैयार कर रहा है। उसके बाद शैतान और उसका दुष्ट संसार नहीं रहेगा जिससे संघर्ष करना पड़े, न बीमारी, न दुःख, ना ही मृत्यु रहेगी। बड़े उत्साह और हर्ष के साथ, परमेश्वर के लोग परादीस बनाने के आनन्ददायी कार्य में जुट जाएँगे, जहाँ हर दिन “आनन्द” होगा। युगों की इस पराकाष्ठा के समय जीने, यहोवा को जानने और सेवा करने, और यह समझने के लिए कि बहुत ही जल्द हम ‘अपने सिर ऊपर उठाएँगे क्योंकि हमारा छुटकारा निकट होगा,’ हम कितने विशेषाधिकार-प्राप्त हैं!—लूका २१:२८; भजन १४६:५.
पुनर्विचार के सवाल
◻ “भारी क्लेश” क्या है, और यह कैसे शुरू होता है?
◻ यहोवा के सेवकों पर गोग का आक्रमण क्यों विफल होगा?
◻ “भारी क्लेश” कैसे अन्त होता है?
◻ नया संसार कौन-से अद्भुत लाभ प्रदान करेगा?
◻ इस व्यवस्था को समाप्त करने से पहले परमेश्वर ने इतनी देर क्यों इन्तज़ार किया?
[पेज 16 पर तसवीर]
पूरी पृथ्वी एक परादीस में रूपान्तरित की जाएगी